2 जून की रोटी के लिए मोहताज जीवन सिंह राणा और देवेंद्र बिष्ट ने उत्तराखंड बोर्ड की मेरिट लिस्ट में हासिल की जगह

हमारे देश में ऐसे कई लोग हैं, जिन्हें 2 जून की रोटी भी नसीब नहीं होती है और उस कारण वे अपने सपनों को भी पूरा नहीं कर पाते। इसके विपरीत कई लोग ऐसे भी होते हैं, जो इस तरह के संघर्षों का सामना करके भी अपने लिए रास्ता बना लेते हैं और सफलता पा लेते हैं।

ऐसी ही कुछ कहानी है देवभूमि उत्तराखंड के पिथौरागढ़ के रहने वाले देवेंद्र बिष्ट और जीवन सिंह राणा की। ये दोनों सामान्य परिवार से आते हैं, जीवन के पिता मजदूरी करते हैं, वहीं देवेंद्र तो खुद परिवार को सहारा देने के लिए दिन में मजदूरी करते हैं और रात में पढ़ाई।

देवेंद्र बिष्ट और जीवन सिंह राणा के संघर्ष से सफलता तक की अनोखी कहानी

आइए जानते हैं देवेंद्र बिष्ट और जीवन सिंह राणा के संघर्ष से सफलता तक की अनोखी कहानी।

जीवन के पिता हैं मजदूर

जीवन उत्तराखंड के पिथौरागढ़ के रहने वाले हैं। उनके पिता हरीश सिंह परिवार को पालने के लिए मजदूरी करते हैं। जीवन के गाँव से उनके स्कूल की दूरी 7 किमी है, वे रोज़ पैदल चलकर घर से आना जाना करते हैं और इस तरह रोजाना 14 किमी का सफर तय करते हैं। लेकिन जब इंसान के मन में कुछ बड़ा करने की चाह हो, तो वो अपनी राह बना ही लेता है। जीवन ने कड़ी मेहनत कर 10वीं में 94.60% अंकों के साथ पूरे राज्य में 22वां स्थान प्राप्त किया है। जीवन भारतीय सेना में अधिकारी बनकर भारत माँ की सेवा करना चाहते हैं।

देवेंद्र पढ़ाई के साथ करते हैं मजदूरी

देवेंद्र बिष्ट भी पिथौरागढ़ के ही रहने वाले हैं। स्कूल के लिए रोजाना 8 किमी का सफर तय करना उनके जीवन का हिस्सा बन चुका है। देवेंद्र के पिता का स्वास्थ्य ख़राब रहता है, जिसके कारण देवेंद्र की माता मजदूरी करके घर चलाने का प्रयास करती हैं। देवेंद्र भी घर खर्च में हाथ बंटाने के लिए दिन में मजूदरी का काम करते हैं। इसके बावजूद थकान को उन्होंने कभी भी अपने लक्ष्य के आड़े नहीं आने दिया। दिन में मजदूरी करने के बावजूद रात में वे अपना ध्यान पढ़ाई पर देते हैं। यही कारण है कि देवेंद्र ने उत्तराखंड की 12वीं की परीक्षा में 92.6% अंकों के साथ उन्होंने राज्य में 24वां स्थान प्राप्त किया है।

जीवन सिंह राणा और देवेंद्र बिष्ट दोनों ने इस बात को साबित कर दिया है कि इंसान अगर ठान ले तो बिना किसी सुख सुविधा के भी वह अपने लक्ष्य को प्राप्त कर सकता है।

Bada Business इन दोनों छात्रों को बधाई और इनके सुनहरे भविष्य के लिए शुभकामनाएं देता है।


आपको हमारा यह आर्टिकल कैसा लगा, हमें कमेंट करके ज़रूर बताएं। इसके अलावा यदि आपने 12वीं पास कर ली है और आप Entrepreneurship Course करना चाहते हैं, तो आपको डॉ. विवेक बिंद्रा के हाल ही में लॉन्च हुए Billionaire's Blueprint प्रोग्राम का चुनाव ज़रूर करना चाहिए। इस प्रोग्राम की मदद से आप एक उचित मूल्य पर Entrepreneurship से जुड़ी पूरी जानकारी और प्रशिक्षण के साथ GLA University से मान्यता प्राप्त डिप्लोमा सर्टिफिकेट प्राप्त कर सकते हैं। इस प्रोग्राम के बारे में और अधिक जानने के लिए संपर्क करें

Share Now

Related Articles

IAS अंकिता चौधरी ने UPSC की तैयारी के लिए सोशल मीडिया से बनाई दूरी, फिर 14वीं रैंक हासिल कर बनीं असिस्टेंट डिप्टी कमिश्नर

लालटेन की रोशनी में करते थे तैयारी, पिता का अंतिम स्ंस्कार के लिए लेने पड़े थे उधार पैसे, कुछ ऐसी है IAS रमेश घोलप की कहानी

एक्सीडेंट होने के बाद भी दिया मेन्स का पेपर, पहले ही अटेम्प्ट में बने आईपीएस अधिकारी। जानिये सफीन हसन की सफलता की कहानी

जानिए कैसे Infosys के ऑफिस में पानी पिलाने वाले दादा साहेब भगत ने देखते ही देखते खुद की दो कंपनियां खड़ी कर दीं

नितिन शर्मा के आविष्कार से दुनिया में बचाया जा सकता है 10,000 Billion लीटर पीने का पानी

50 हजार से शुरू किया था बिजनेस, आज 11,400 करोड़ के मालिक हैं रामेश्वर राव

रिटायरमेंट की उम्र में नौकरी छोड़ शुरू किया खुद का बिजनेस, अब कमाते हैं करोड़ों जानिए भाऊसाहेब नवले की प्रेरक कहानी

जयंती कनानी: 6000 की जॉब करने से लेकर भारत के पहले क्रिप्टो अरबपति बनने तक की सफलता की कहानी

Share Now