Richa Kar: अंडरगारमेंट्स बिजनेस के खिलाफ थी मां, फिर भी खड़ी कर दी करोड़ों की Zivame कंपनी

Richa Kar: Zivame Founder Success Story in Hindi.

हर बढ़ते दिन के साथ ये दुनिया पहले से ज्यादा मॉडर्न होती जा रही है। लेकिन जब महिलाओं के लिए मॉडर्न होने की बात आती है तो ये रफ्तार थोड़ी धीमी पड़ती नज़र आती है। आज भी महिलाएं अपने लिए सेनेटरी नेपकिन और अंडरगारमेंट्स को खरीदने दुकान पर जाती हैं तो उसका नाम लेने में भी शर्माती हैं।

महिलाओं की इस प्रॉब्लम को रिचा कर बचपन से ही देखती आ रही थीं इसीलिए उन्होंने फैसला किया कि अपने शरीर के लिए सबसे ज़रूरी सामान खरीदने के लिए महिलाओं को कोई समस्या ना हो। इसके लिए उन्होंने ऑनलाइन अंडरगारमेंट्स को बेचने का बिजनेस शुरू किया और इसी वजह से उन्हें बहुत सी परेशानियों का सामना भी करना पड़ा।

कौन है रिचा कर?

17 जुलाई 1980 को रिचा का जन्म जमशेदपुर के एक मिडिल क्लास परिवार में हुआ। बिट्स पिलानी से उन्होंने अपना ग्रैजुएशन पूरा किया और फिर बैंगलोर की एक कंपनी में जॉब भी करना शुरू कर दिया। जॉब करते-करते रिचा का ध्यान इस बात पर गया कि महिलाएं अपने लिए अंडरगार्मेंट्स खरीदते समय इतनी ज्यादा शर्म महसूस करती हैं कि अपनी पसंद नापसंद को भी कह नहीं पाती। दुकानों पर अक्सर आदमी ही होते हैं, ऐसे में अंडरगारमेंट्स खरीदना उनके लिए और भी शर्मिंदगी भरा हो जाता है।

महिलाओं की शर्मिंदगी को मिटाना था रिचा का लक्ष्य

रिचा ने इस बात को समझते हुए एक ऐसा प्लेटफॉर्म बनाने के बारे में सोचा, जहां महिलाएं पूरे कंफर्ट के साथ अपनी पसंद के अंडरगारमेंट्स को खरीद सकें। इस बिजनेस को शुरू करने के लिए सबसे पहले रिचा को अपनी मां का विरोध झेलना पड़ा। जब उन्होंने अपने परिवार को बताया कि वो ऑनलाइन अंडरगार्मेंट्स बेचने का बिजनेस करना चाहती हैं, तो उनके पिता ये समझ ही नहीं पाए कि वो किस तरह का काम करने की बात कर रही हैं। वहीं उनकी मां ने कहा कि मैं अपनी सहेलियों और रिश्तेदारों को क्या जवाब दूंगी कि मेरी बेटी ब्रा और पेंटी बेचने का काम करती है।

इस विरोध के बाद भी रिचा ने हार नहीं मानी और अपने परिवार को इस बिजनेस के लिए समझाने की अपनी मुहिम को जारी रखा। परिवार को मनाने के अलावा उनके सामने दूरी बड़ी समस्या बिजनेस के लिए फंड को जुटाने की भी थी। उन्होंने अपने दोस्तों से मदद ली और अपनी सेविंग्स को इस बिजनेस के लिए डाला, जिसमें उनकी मां ने भी उनकी मदद की। सबकी मदद से उन्होंने 35 लाख रुपए इकट्ठे किए और बिजनेस की शुरुआत की। इसमें एक और समस्या तब आई जब जॉब से बिजनेस करना मुमकिन नहीं था इसीलिए इस बिजनेस के लिए रिचा ने अपनी अच्छी खासी जॉब को भी छोड़ दिया।

करियर को दांव पर लगाकर शुरू किया बिजनेस

जॉब छोड़ने के फैसले को लेकर भी उन्हें काफी आलोचना भी झेलनी पड़ी। यहां तक कि जब वो अपने ऑफिस के लिए जगह देखने गईं तो भी उन्होंने किसी को ये नहीं बताया कि वो किस बिजनेस के लिए ऑफिस लेना चाहती हैं क्योंकि हर कोई उनके बिजनेस आइडिया पर या तो हंस रहा था या नीची नज़र से देख रहा था। इतनी सारी मुश्किलों के बाद आखिर में साल 2011 में Zivame.com के नाम से अपना बिजनेस शुरू किया।

रिचा ने Zivame के रूप में एक ऐसी ऑनलाइन सर्विस को लॉन्च किया जिसमें महिलाएं बिना किसी शर्म के अपनी पसंद और साइज के अंडरगारमेंट्स को घर बैठे खरीद सकती हैं। शुरुआत में ये बिजनेस ज्यादा नहीं चला लेकिन जैसे जैसे इंटरनेट और टेक्नोलॉजी बढ़ी Zivame का बिजनेस बढ़ता चला गया। आज महिलाओं के लिए इस प्लेटफॉर्म पर 5 हजार से ज्यादा लॉन्जरी स्टाइल, 50 से ज्यादा ब्रांडस 100 से भी ज्यादा साइज में अंडरगारमेंट्स मौजूद हैं। साथ ये प्लेटफॉर्म ट्राई एट होम और फिटिंग कंसल्टेंट भी उपलब्ध करवाते हैं।

महिलाओं की समस्या को समझते हुए रिचा कर ने जो कंपनी सबसे लड़कर शुरू की थी उसकी मार्केट वैल्यू आज 749 करोड़ तक पहुंच चुकी है। साल 2014 में ही रिचा का नाम Fortune India की “Under 40” लिस्ट में शामिल किया जा चुका है। रिचा कर की सफलता आज देशभर की महिलाओं के लिए प्रेरणा भी बन चुकी है।

आपको ये सक्सेस स्टोरी कैसी लगी हमें कॉमेंट्स में जरूर बताएं।

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