Piyush Pandey - जिस कंपनी में नहीं थी सिलेक्शन की उम्मीद, उसी के चेयरमैन बने
आज भले ही विज्ञापन स्किप करने का ज़माना आ गया हो, लेकिन एक वक्त था जब कुछ विज्ञापन लोगों के दिलों पर राज करते थे। उनकी धुनें और टैगलाइन लोगों को मुँहजुबानी याद रहती थीं। इन यादगार विज्ञापनों के पीछे एक ऐसा नाम है जिसे भारतीय विज्ञापन की दुनिया का सबसे बुद्धिमान और क्रिएटिव व्यक्ति माना जाता है – पीयूष पांडे (Piyush Pandey)।
पीयूष ने न केवल भारत में बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी अपनी पहचान बनाई और अपने शानदार काम के लिए कई बड़े अवार्ड्स हासिल किए।
चलिए, जानते हैं कि कौन हैं पीयूष पांडे और कैसे उन्होंने एक साधारण व्यक्ति से लेकर एड इंडस्ट्री के ‘भगवान’ बनने तक का सफर तय किया।
Name: | Piyush Pandey |
Date of Birth: | 5 September 1955 |
Company: | Ogilvy |
Designation: | Now Chief Advisor India |
Piyush Pandey Wife: | Nita Pandey |
Piyush Pandey Famous Ads: | Fevicol, Asian Paints, Cadbury, Fortune, Vicks, Vodafone, Bajaj, Frooti, Nirma |
Piyush Pandey Awards: | Padam Shri, Triple Grand Prize and Legend Award at London International Awards, Clio Award for Lifetime Achievement |
कौन हैं पीयूष पांडे (Piyush Pandey)?
पीयूष पांडे का जन्म 5 सितंबर 1955 को राजस्थान के जयपुर में हुआ। वे नौ भाई-बहनों में से एक हैं। उनके पिता राजस्थान कोऑपरेटिव बैंक में काम करते थे। बचपन में पीयूष पढ़ाई से ज्यादा खेलकूद और शरारतों में व्यस्त रहते थे। उन्होंने जयपुर के सेंट जेवियर्स स्कूल से अपनी स्कूली शिक्षा पूरी की और दिल्ली के सेंट स्टीफेंस कॉलेज से इतिहास विषय में पोस्ट ग्रेजुएशन किया।
अपने स्कूल के दिनों में उन्होंने राजस्थान की ओर से रणजी ट्रॉफी में क्रिकेट खेला। पढ़ाई खत्म करने के बाद वे कोलकाता में चाय चखने वाले (Tea Taster) के रूप में भी काम कर चुके हैं। हालांकि, इन नौकरियों से परे उनकी असली पहचान उनकी क्रिएटिविटी थी। स्कूल के दिनों में वे स्कूल रेडियो के लिए विज्ञापन लिखा करते थे।
अपने इस हुनर को पहचान दिलाने के लिए उन्होंने कई एड एजेंसियों में इंटरव्यू दिए, लेकिन हर जगह से निराशा हाथ लगी। उनके सफर की शुरुआत भले ही मुश्किलों से भरी थी, लेकिन उनकी मेहनत और जुनून ने उन्हें सफलता की बुलंदियों तक पहुंचाया।
दोस्त के कहने पर दिया Ogilvy में इंटरव्यू.
एक दोस्त के सुझाव पर पीयूष पांडे ने Ogilvy जैसी बड़ी और विदेशी कंपनी में इंटरव्यू देने का फैसला किया। लोगों का मानना था कि वहां उनका सिलेक्शन नामुमकिन है। लेकिन पीयूष ने हार मानने के बजाय इंटरव्यू दिया और 1982 में, 27 साल की उम्र में, इस कंपनी को जॉइन कर लिया। यहीं से उनके जीवन में सबसे बड़ा बदलाव आया। उनके टैलेंट और मेहनत ने उन्हें न केवल भारत बल्कि पूरी दुनिया में पहचान दिलाई।
Ogilvy में काम करते हुए पीयूष पांडे ने Fevicol, Asian Paints, Cadbury, Fortune Oil, Vicks, Vodafone, Bajaj, Nirma और Frooti जैसे बड़े ब्रांड्स के लिए कई यादगार विज्ञापन बनाए। उन्होंने पोलियो अभियान, अतुल्य भारत, गुजरात टूरिज्म और मध्य प्रदेश टूरिज्म जैसे सरकारी अभियानों को भी नया आयाम दिया। 2014 में उनका “अबकी बार मोदी सरकार” स्लोगन पूरे देश में चर्चा का विषय बना।
छोटी सी नौकरी से बने कंपनी के चेयरमैन.
1982 में Ogilvy में एक छोटी सी नौकरी से शुरुआत करने वाले पीयूष पांडे 1994 तक कंपनी के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स में शामिल हो गए। उनकी लीडरशिप में Ogilvy लगातार 12 साल तक भारत की नंबर 1 एड एजेंसी बनी रही। उनकी मेहनत और क्रिएटिव सोच ने उन्हें वर्ल्डवाइड चीफ क्रिएटिव ऑफिसर और Ogilvy India के एग्जीक्यूटिव चेयरमैन का पद दिलाया। 2024 से वे कंपनी के चीफ एडवाइजर के तौर पर काम कर रहे हैं।
सफलता और सम्मान का सफर.
पीयूष पांडे को बेस्ट मार्केटिंग गुरु और विज्ञापन की दुनिया के सबसे बुद्धिमान व्यक्ति जैसे कई उपाधियों से नवाजा गया है। उन्हें नेशनल और इंटरनेशनल स्तर पर कई अवॉर्ड्स मिले हैं।
पीयूष पांडे (Piyush Pandey) एकमात्र भारतीय हैं जिन्हें London International Awards में Triple Grand Prize और Legend Award मिला। भारत सरकार ने भी उन्हें पद्म श्री से सम्मानित किया।
आज बन चुके हैं Living Legend.
सात बहनों के बाद जन्मे पीयूष पांडे ने अपने परिवार की उम्मीदों को बखूबी पूरा किया। आज वे अकेले ही आने वाली पीढ़ी के लिए एक प्रेरणा हैं। उनके काम और सोच से सीखकर नई पीढ़ी विज्ञापन और मार्केटिंग की दुनिया में नई ऊंचाइयों को छू सकती है। उनकी कहानी बिजनेस करने वालों को यह सिखाती है कि कैसे एक साधारण ब्रांड को असाधारण बनाया जा सकता है।
आपको पीयूष पांडे की यह प्रेरणादायक कहानी कैसी लगी? हमें कॉमेंट्स में ज़रूर बताएं!