जिस JCB मशीन से खुदाई होते देख आज भी भीड़ लग जाती है,आईए जानते हैं एक गैराज से शुरू होने वाली उस मशहूर JCB कंपनी की कहानी
हमारे देश में जेसीबी पर बहुत सारे मीम बनते हैं। पिछले कुछ सालों से तो इन मीम्स की संख्या में बहुत इजाफा हो गया है। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री को बुलडोजर और जेसीबी के नाम से ही पहचाना जाने लगा। इसके अलावा जेसीबी से खुदाई के वक्त लोगों की भीड़ लगने के भी बहुत मीम बनते हैं।
अधिकतर लोगों को लगता है कि जेसीबी एक भारतीय कंपनी है, लेकिन सच्चाई तो यह है कि जेसीबी ब्रिटेन की एक कंपनी है, जिसकी शुरुआत एक गैराज में हुई थी।
आज इस कंपनी का मार्केट दुनियाभर में फैला हुआ है। आज के इस आर्टिकल में एक गैराज से शुरू हुई मशहूर JCB की कहानी –
कंपनी: | जेसीबी एक्सकेवेटर लिमिटेड |
स्थापना: | 23 अक्टूबर 1945, रोसेस्टर, ब्रिटेन |
संस्थापक: | जोसेफ सिरिल बैमफोर्ड (JCB) |
वर्तमान चेयरमैन: | लॉर्ड बैमफोर्ड |
एक गैराज में हुई थी कंपनी की शुरुआत
JCB बनाने वाली कंपनी जेसीबी एक्सकेवेटर लिमिटेड की शुरुआत दूसरे विश्व युद्ध के तुरंत बाद हुई थी। इसकी स्थापना सयुंक्त राष्ट्र संघ की स्थापना के एक दिन पहले यानि 23 अक्टूबर 1945 को ब्रिटेन के रोसेस्टर में एक घर के गैराज में जोसेफ सिरिल बैमफोर्ड ने की थी। उसी दिन जोसेफ के बेटे और कंपनी के वर्तमान चेयरमैन लॉर्ड बैमफोर्ड का भी जन्म हुआ था।
दूसरे विश्व युद्ध के मलबे से बनाया पहला प्रोडक्ट
कंपनी का पहला प्रोडक्ट टिपिंग ट्रेलर था, जिसे बनाने के लिए जोसफ ने दूसरे विश्व युद्ध के मलबे से कच्चा माल प्राप्त किया। इस प्रोडक्ट को उन्होंने गैराज में बनाया था और इसे मार्केट में 45 पाउंड में बेचा था। जिस मकान में जोसफ रहते थे, उस मकान की मालकिन ऐतिहासिक टाइटैनिक शिप में जिन्दा बच गयी थी। मालकिन को जोसेफ का रविवार को काम करना पसंद नहीं था, इसलिए उन्हें यह घर छोड़ना पड़ा और एक अस्तबल को अपना ठिकाना बनाया।
पहली जेसीबी का कलर था लाल और नीला
कंपनी ने पहली जेसीबी 8 साल बाद 1953 में बनाई थी, उस समय जेसीबी का रंग लाल और नीला हुआ करता था।
जेसीबी का सही नाम बैकहो लोडर है, लेकिन उसे आमतौर पर जेसीबी ही कहा जाता है।
1964 तक जेसीबी का रंग यही रहा, उसके बाद 1964 में इसके अपग्रेडेड वर्शन का रंग पीला कर दिया गया, जो अब उसकी पहचान बन गया है।
इसलिए किया JCB का रंग पीला
सभी के मन में यह प्रश्न आम रहता है कि इसका रंग पीला ही क्यों रखा गया। दरअसल इसका इस्तेमाल अधिकतर कंस्ट्रक्शन साइट्स पर ही होता है और वहां आमतौर पर क्रेन आदि का रंग पीला ही होता है। इसके पीछे का कारण है कि पीले रंग की विजिबिलिटी अधिक होती है और यह रात में भी चमकता है। यही कारण है कि कंस्ट्रक्शन साइट पर काम करने वाले वर्कर, इंजीनियर आदि के हेलमेट का रंग भी पीला ही होता है।
मार्च 2001 में जेसीबी मतलब जोसेफ सिरिल बैमफोर्ड की मृत्यु हो गयी। अब जेसीबी की कमान जोसेफ के बेटे लॉर्ड बैमफोर्ड के हाथों में है और वो इस कंपनी के चेयरमैन हैं। आज जेसीबी एक्सकेवेटर लिमिटेड कंपनी दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी कंस्ट्रक्शन इक्विपमेंट बनाने वाली कंपनी बन गयी है, जिसके 4 उपमहाद्वीपों में 22 प्लांट्स और 750 से ज्यादा डीलर हैं, वहीं इस कंपनी में 11 हजार लोग काम कर रहे हैं। गौरतलब है कि कंपनी ने मार्च 2020 में 7,50,000 वां बेकहो लोडर बनाया है।