घर चलाने के लिए कभी ठेले पर बेची चाय,अब हैं आईएएस अधिकारी, जानें हिमांशु गुप्ता की प्रेरक कहानी

Inspiring story of IAS Himanshu Gupta.

मंज़िल उन्हीं को मिलती है जिनके अंदर कुछ कर दिखाने का ज़ज्बा होता है। जो विपरीत परिस्थितियों में भी नहीं घबराते सफलता उन्हीं के कदम चूमती है। इस बात का प्रत्यक्ष उदाहरण हैं 3 बार यूपीएससी की परीक्षा को पास करके आईएएस ऑफिसर बनने वाले हिमांशु गुप्ता। जिनका पूरा जीवन संघर्ष में ही बीता है।

घर की आर्थिक हालात ठीक ना होने के कारण हिमांशु चाय का ठेला तक लगाते थे लेकिन इतनी गरीबी और कठिनाइयों के बावजूद भी वे अपने लक्ष्य से नहीं हटे। उन्होंने हर परिस्थिति का डटकर सामना किया और आज उन्होंने अपनी सफलता की प्रेरक कहानी लिखकर मिसाल पेश की है।

हिमांशु गुप्ता के बचपन से IAS बनने तक का सफर

हिमांशु आज करोड़ों युवा के लिए आदर्श हैं। आइए जानते हैं हिंमाशु गुप्ता के जीवन के प्रेरक सफर के बारे में।

बचपन से ही पिता की करते थे मदद

उत्तराखंड के जिला सितारगंज के रहने वाले हिमांशु गुप्ता का बचपन काफी संघर्ष में बीता। हिमांशु गुप्ता बचपन से ही पढ़ाई में होशियार थे। उनके घर की आर्थिक स्थिति सही नहीं थी। पिता मजदूरी करते थे जिससे घर चलाना बहुत मुश्किल होता था। इसलिए कई चीज़ों से हिमांशु को वंचित ही रहना पड़ता था। अपने परिवार की खराब स्थिति को देखने के बाद, हिमांशु के पिता ने एक चाय की दुकान शुरू करने का फैसला किया। हिमांशु अपने स्कूल के बाद चाय की दुकान पर अपने पिता की मदद करते थे।

अंग्रेजी सीखने के लिए 70 किलोमीटर सफर करते थे

स्कूल करने के बाद हिमांशु घर चलाने के लिए चाय का ठेला लगाते थे। लेकिन इन सब कामों के बीच में भी वे अपने लिए समय निकाल लेते थे। हिमांशु गुप्ता को सिर्फ बेसिक अंग्रेजी सीखने के लिए हर दिन 70 किलोमीटर का सफर करना पड़ता था।

पढ़ाई के साथ घरवालों की भी करते थे मदद

स्कूली पढ़ाई पूरी करने के बाद, हिमांशु ने दिल्ली विश्वविद्यालय के हिंदू कॉलेज में दाखिला लिया। कॉलेज की फीस का भुगतान करने के लिए वे ट्यूशन पढ़ाया करते थे और ब्लॉग भी लिखा करते थे। हिमांशु ने बाद में अपने परिवार को सपोर्ट करने के लिए एक रिसर्च स्कॉलर के रूप में एक सरकारी कॉलेज में एडमिशन लिया। हिमांशु के पास एनवायरमेंटल साइंस में मास्टर की डिग्री है। हिमांशु अपने बैच के टॉपर रहे थे उनके पास विदेश से पीएचडी करने का भी मौका था लेकिन उन्होंने इसकी बजाय सिविल सर्विसेज में जाने का विकल्प चुना।

तीन बार पास की यूपीएससी परीक्षा

अपनी पढ़ाई के दौरान ही हिमांशु ने आईएएस ऑफिसर बनने का ठान लिया था। हिमांशु गुप्ता ने यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा को क्रैक करने के लिए तीन बार प्रयास किया। पहले प्रयास में, हिमांशु ने सिविल सेवा के लिए क्वालीफाई किया लेकिन वे सिर्फ भारतीय रेलवे यातायात सेवा (आईआरटीएस) के लिए ही सेलेक्ट हो पाए थे। उन्होंने अपनी तैयारी जारी रखी और साल 2019 में यूपीएससी परीक्षा में आईपीएस बन गए। उन्होंने अभी भी हार नहीं मानी और आखिरी में यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा में उपस्थित हुए और इस बार उन्होंने इंडियन एडमिनिस्ट्रेटिव सर्विसेज (आईएएस) की परीक्षा को पास कर के अपने सपने को पूरा कर ही लिया।


हिमांशु गुप्ता ने अपनी मेहनत से अपनी किस्मत को बदल कर रख दिया। उन्होंने कभी विपरीत परिस्थितियों के आगे हार नहीं मानी। हिमांशु ने जमकर मेहनत की और आज वे लाखों लोगों के लिए प्रेरणास्त्रोत हैं। उन्होंने अपनी मेहनत और लगन से सफलता की नई कहानी लिखी है।

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