दादा ने साइकिल से बेचा सामान, पोते ने खड़ी कर दी 1,600 करोड़ से ज्यादा की कंपनी, जानें ऋषि अग्रवाल की प्रेरक कहानी

Grandfather sold goods from bicycle, grandson set up a company worth more than 1,600 crores, know the inspiring story of Rishi Agarwal.

सफलता एक रात में नहीं मिलती इसके पीछे कई वर्षों का कठिन संघर्ष छिपा होता है। इस बात का प्रत्यक्ष उदाहरण हैं JCBL ग्रुप के चेयरमैन ऋषि अग्रवाल। जिन्होंने अपने फैमिली बिजनेस को एक नया आयाम दिया।

दरअसल ऋषि अग्रवाल 1996 में, जब अपने परिवार के छोटे बिज़नेस में शामिल हुए, तो वे केवल छोटी गाड़ियों की बॉडी बना रहे थे। उनके आने के बाद उनके बिज़नेस में एक नए युग की शुरुआत हुई। ऋषि ने कार डीलरशिप, अंतर्राष्ट्रीय व्यापार और बीमा के साथ-साथ छह अलग-अलग मैनुफैक्चरिंग क्षेत्रों में भी बिज़नेस का विस्तार किया है।

आज JCBL का मुख्यालय चंडीगढ़ में है, जिसमें 3000 कर्मचारी और 20 लाख वर्ग फुट में फैली पांच अत्याधुनिक मैनुफैक्चरिंग सुविधाएं हैं। लेकिन अपनी छोटी सी कंपनी को इतनी ज़्यादा सफल बनाना ऋषि के लिए आसान नहीं था। तो आइए जानते हैं उनके जीवन के प्रेरक सफर के बारे में।

ऋषि अग्रवाल के जीवन का सफर

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विरासत में मिला बिज़नेस

मूल रूप से हरियाणा के रहने वाले ऋषि का जन्म मुंबई में हुआ था। उनके पिता और दादा हरियाणा में करनाल के रहने वाले थे। उनके दादा साइकिल से सामान बेचने का काम किया करते थे जिससे पूरे घर का खर्च चलता था। अपने नौ भाई-बहनों में ऋषि के पिता राजिंदर अग्रवाल सबसे छोटे थे। 1989 में, ऋषि के पिता ने कोच बिल्डर्स के नाम से बस और ट्रक बॉडी बनाने का बिज़नेस शुरू किया। जैसे-जैसे पारिवारिक बिज़नेस बढ़ने लगा उन्होंने अपने बिज़नेस का नाम जेसीबीएल ग्रुप कर दिया।

ऋषि ने अपना शुरुआती जीवन करनाल में बिताया। उन्होंने 1987 में कक्षा आठ तक करनाल के सेंट टेरेसा कॉन्वेंट स्कूल में पढ़ाई की। उसके बाद, उन्हें बिशप कॉटन स्कूल, शिमला में ट्रांसफर कर दिया गया, जहाँ उन्होंने कक्षा 10 तक की पढ़ाई पूरी की। उनके पिता चाहते थे ऋषि खुद से स्वतंत्र होना सीखें।

खुद बनाई अपनी पहचान

ऋषि अग्रवाल ने पिता की बात मानते हुए अपनी पहचान खुद बनाने की ठानी। उनके पिता ने उन्हें आम लोगों की तरह जीना सिखाया। शिमला के बाद, ऋषि मॉडर्न स्कूल, बाराखंभा रोड में पढ़ने के लिए वापस दिल्ली चले गए। यहां, उन्होंने 1991 में कॉमर्स से अपनी कक्षा 12वीं पूरी की।

स्कूल के बाद, उन्होंने 1991-94 में बी.कॉम की डिग्री हासिल करने के लिए दिल्ली विश्वविद्यालय के खालसा कॉलेज में प्रवेश लिया। फिर से एक हॉस्टल में रहते हुए ऋषि करनाल तक पहुँचने के लिए ट्रेन या बस से यात्रा करते थे।

मिडिया रिपोर्ट्स की माने तो ऋषि बताते हैं, "हॉस्टल में रहकर मैंने अपने पैरों पर खड़ा होना सीखा। कॉलेज लाइफ ने मुझे रिश्तों की अहमियत और दोस्तों के लिए खड़े होने की सीख दी। कॉलेज के बाद, ऋषि ने 1996 में FORE स्कूल ऑफ मैनेजमेंट, दिल्ली से फाइनेंस में MBA पूरा किया।

परिवार के बिज़नेस को बढ़ाया आगे

एमबीए करने के बाद 23 साल की उम्र में ऋषि अपने फैमिली बिज़नेस में शामिल हो गए। पहले उनका परिवार स्वराज मज़्दा के लिए सिर्फ बॉडी बना रहा था लेकिन उन्होंने अपने बिज़नेस को बड़ा करने की ठानी। फैमिली बिज़नेस ज्वाइन करने पर कई लोगों ने उन पर सवाल भी उठाए लेकिन ऋषि ने किसी की नहीं सुनी।

आज ऋषि ने अपनी उपलब्धियों से सभी का मुंह बंद कर दिया है। JCBL समूह अब पांच मुख्य व्यवसाय क्षेत्रों में काम करता है: मैनुफैक्चरिंग, ऑटोमोबाइल डीलरशिप, अंतर्राष्ट्रीय व्यापार और बीमा, प्रत्येक को विभिन्न उप-क्षेत्रों और उद्योगों में विभाजित किया गया है। उनका अपना ब्रांड, JCBL, वाहन बनाता है और टाटा, महिंद्रा, अशोक लेलेंड, भारत बेंज़ और डाइम्लर के लिए एक प्रमुख मूल उपकरण निर्माता भी है। मैन्युफैक्चरिंग डोमेन में, JCBL लक्ज़री और यूटिलिटी वैन से लेकर विशेष रूप से डिज़ाइन की गई एंबुलेंस और सेलिब्रिटी वैनिटी वैन तक, सब कुछ प्रदान करता है।

1600 करोड़ से अधिक की है कंपनी

जेसीबीएल आर्मोरिंग सॉल्यूशंस, उनके व्यवसाय का एक अन्य खंड, बुलेटप्रूफ सैन्य वाहनों, सरकारी आधिकारिक कारों और बुलेटप्रूफ एसयूवी को डिजाइन करते हुए दो दशकों से अधिक समय से आर्मोरिंग सुविधा प्रदान कर रहा है।

2018 में जब JCBL एग्री सॉल्यूशंस अस्तित्व में आया तो सुपर सीडर्स, स्ट्रॉ रीपर और लैंड लेवलर जैसी मशीनों के साथ खेती के तरीकों में भी इन्होंने क्रांति ला दी।

1998 में स्थापित मोबिलिटी सॉल्यूशंस लिमिटेड, दिल्ली मेट्रो, लखनऊ मेट्रो और सिडनी मेट्रो जैसे उल्लेखनीय ग्राहकों के साथ ट्रेनों और मेट्रो के लिए पुर्जे बनाती है। इतना ही नहीं वे वंदे भारत एक्सप्रेस के पुर्जों पर भी काम कर रहे हैं।

MSL-Aura Industrial Systems LLP, 1997 में शुरू हुआ, जिसने दुनिया भर में 200 से अधिक ग्राहकों को सेवा प्रदान की है, माप और नियंत्रण प्रवाह वाल्व और सिस्टम के साथ-साथ OEM तापमान सेंसर का उत्पादन किया है। आज इनकी कंपनी 1600 करोड़ से भी अधिक का टर्नओवर कर रही है।

ऋषि अग्रवाल ने अपनी मेहनत और काबिलयत से सफलता की नई कहानी लिखी है। आज वे लाखों लोगों के लिए प्रेरणास्त्रोत हैं।

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