वारेन बफे और बर्कशायर हैथवे को बुलंदियों पर पहुंचाने वाले चार्ली मंगर की संघर्ष से सफलता की कहानी

Charlie Munger Biography in Hindi

वॉलस्ट्रीट के किंग वारेन बफे के राइट हैंड और बर्कशायर हैथवे के वाइस प्रेसिडेंट चार्ली मंगर ने जीवन की चुनौतियों का सामना करके बर्कशायर हैथवे को अपनी मेहनत और प्रतिभा के जरिए बुलंदियों पर पहुंचाया था। चार्ली बचपन से ही पढ़ाई में जीनियस थे, पहले महीने में ही वो पूरे साल का सिलेबस ख़त्म कर लेते थे। 

हालांकि उनके जीवन में कई तरह की चुनौतियां भी आईं। जैसे उनकी बनाई हुई कंपनी घाटे के चलते बंद हो गयी। पहली शादी 8 साल चली और उनका तलाक हो गया। तलाक के बाद पत्नी को मुआवजा देने में वो कर्जे में आ गए। उनके बेटे को ब्लड कैंसर था, डेढ़ साल तक कर्जा ले लेकर उन्होंने अपने बच्चे का इलाज कराया, लेकिन उसे बचा नहीं सके।

नाम: चार्ली मंगर (Charlie Munger)
जन्म: 1 जनवरी 1924, नेब्रास्का यूएसए
पिता: अल्फ्रेड सी मंगर
माता: फ्लोरेंस मंगर
पद: बर्कशायर हैथवे के वाइस प्रेसिडेंट
नेटवर्थ: 2.3 बिलियन डॉलर
मृत्यु: 28 नवंबर 2023

इतना सब होने के बाद भी चार्ली ने जीवन में बाउंस बैक किया और बर्कशायर हैथवे को सफलता की बुलंदियों तक पहुंचाया।

आईए जानते हैं चार्ली मंगर की संघर्ष से सफलता तक की पूरी कहानी –

कौन थे चार्ली मंगर?

बर्कशायर हैथवे के वाइस प्रेसिडेंट चार्ली मंगर का जन्म 1 जनवरी 1924 को अमेरिका के नेब्रास्का में हुआ था। उनके पिता का नाम अल्फ्रेड सी मंगर और उनकी माता का नाम फ्लोरेंस मंगर था। चार्ली बचपन से ही पढ़ने में जीनियस और मनी माइंडेड थे। 

अपने स्कूल में पहले महीने में ही वो पूरे साल का सिलेबस खत्म कर देते थे। 7 साल की उम्र में चार्ली अपने शहर की लोकल शॉप पर काम करने लगे थे। यह शॉप वारेन बफे के दादा के स्वामित्व वाली किराना शॉप थी। 12 साल की उम्र में वे 2 से 5 डॉलर में दूसरे बच्चों का होमवर्क किया करते थे। अपनी स्कूली शिक्षा पूरी करने के बाद चार्ली ने हार्वर्ड लॉ स्कूल से ग्रेजुएशन पूरा किया।

जीवन में रही कई परेशानियां

1945 में चार्ली ने पहली शादी की, किसी कारण से उनकी यह शादी सफल नहीं हो पायी और 8 साल के बाद उनका तलाक हो गया। तलाक के मुआवजे के रूप में पत्नी को उन्होंने बहुत सारी धनराशि दी। इसके कारण उनका घर बिक गया और वो कर्जे में आ गए।

और भी पढ़े: विराट कोहली: उनकी जिंदगी से जुड़े अनसुने किस्से

इस शादी से चार्ली का एक बेटा था, जिसे ब्लड कैंसर हो गया था। चार्ली ने फिर कई सारा कर्जा लिया और डेढ़ साल तक उसका इलाज करवाया, लेकिन अपने उस बच्चे को बचा नहीं पाए। जीवन में आयी इतनी परेशानियां भी चार्ली का हौंसला नहीं तोड़ पायी और उन्होंने जीवन में फिर से बाउंस बैक किया।

इस तरह किया जीवन में बाउंस बैक

चार्ली पेशे से एक वकील थे। इसलिए उन्होंने 1962 में अपनी लॉ फर्म मंगर, टॉल्स और ओल्सन की शुरुआत की। कुछ समय तक यह फर्म सही से चलती रहती, लेकिन लगातार घाटे में रहने के कारण 1976 में इसे बंद करना पड़ा। 

पेशे से वकील चार्ली की बिज़नेस और इन्वेस्टमेंट में अच्छी रूचि थी, जिसके चलते उन्होंने इन्वेस्टमेंट की बारीकियों को सीखना शुरू किया। इसी दौरान चार्ली की मुलाकात वारेन बफे से हुई, इन्वेस्टमेंट और फाइनेंस में रूचि के कारण दोनों अच्छे दोस्त बन गए और यह जोड़ी आगे चलकर वॉलस्ट्रीट की जय - वीरू जैसी जोड़ी बन गयी। 

वर्ष 1978 में वारेन ने चार्ली को बर्कशायर हैथवे का वाइस प्रेसिडेंट बना दिया, वारेन अब चार्ली के हर फैसले पर भरोसा करते थे।

और भी पढ़े: जानिये Parle Agro की नादिया चौहान की कहानी

28 नवंबर को चार्ली के निधन की खबर पर प्रतिक्रिया देते हुए वारेन ने बताया कि बर्कशायर हैथवे की सफलता के पीछे चार्ली का बहुत बड़ा हाथ था। 

साल 2023 में चार्ली की नेटवर्थ 2.3 बिलियन डॉलर थी। चार्ली जितना कमाते, उसमें से अधिकतर दान पुण्य करने में खर्च कर देते। जनवरी 2024 में चार्ली अपना 100वा जन्मदिन मनाने वाले थे, उनकी मौत बिज़नेस के एक युग की समाप्ति है।


Share Now
Share Now