कोरोना महामारी के बाद से देश-विदेश में वर्क फ्रॉम होम यानी घर से काम करने का चलन तेजी से बढ़ा है। लॉकडाउन लगने के बाद एक ओर जहां सभी काम-धंधे बंद हो गए थे, ऑफिस खोलने की इज़ाजत नहीं थी, ऐसे में कंपनियों के लिए सबसे बड़ी चुनौती यह थी कि काम कैसे किया जाए। इसके जवाब के रूप में वर्क फ्रॉम होम एक बड़ी राहत बन कर सामने आया। इस कठिन समय ने सिखा दिया कि घर से भी काम किया जा सकता है। कुछ टेक्नीकल चीज़ों में बदलाव करने के साथ-साथ कुछ परंपरागत चीज़ों में बदलाब करते हुए कर्मचारी घर से ही काम करने लगे।

शुरुआती दिनों में हर किसी को घर से काम करना काफी अच्छा लगा। इसके कई कारण थे जैसे कि ऑफिस आने जाने में लगने वाले समय और पैसे की बचत, घर परिवार के साथ ज्यादा समय बिताना, बिना किसी दवाब के दिन-रात किसी भी समय काम करना लेकिन हर सिक्के के दो पहलू होते हैं, हर चीज़ के कुछ सकारात्मक और नकारात्मक प्रभाव होते हैं।

आज भारत जैसे देश की अगर बात करें तो कोरोना महामारी का प्रकोप काफी हद तक कम हो गया है। जिसके बाद ज्यादातर ऑफिस खुल गए है, या धीरे-धीरे खुल रहे हैं। वहीं बहुत सी कंपनियां आज भी वर्क फ्रॉम होम को ही बढ़ावा दे रही हैं। हाल ही में इकोनॉमिक्स टाइम्स में प्रकाशित एक रिपोर्ट के अनुसार, एक औसत भारतीय सड़क पर 2 घंटे बिताता है। घर से काम करने के कारण वे इस समय को मून लाइटिंग और अन्य कामों में इस्तेमाल कर लेते हैं। वर्क फ्रॉम होम से ये समय अन्य कामों में इस्तेमाल किया जाता है। दूसरी ओर कुछ कंपनियां ऐसी भी है जो इस कल्चर के खिलाफ हैं, जिनका मानना है इससे कंपनी और एम्पलॉयी दोनों की प्रोडक्टिवीटी पर असर पड़ता है, एम्पलॉयी पूरी तरह से काम नहीं कर पाते। इस तरह की बहस आए दिन चलती रहती है।

लेकिन एक कर्मचारी और एम्पलॉयर के नज़रिए से आज हम आपको कुछ ऐसी बातें बताएंगे जिनके जरिए आप समझ सकते हैं कि वर्क फ्रॉम होम वरदान है या अभिशाप।

  • स्वास्थ्य पर पड़ता है असर:

    ऐसा माना जाता है कि वर्क फ्रॉम होम में घर पर रहकर ही आराम से एम्प्लॉयी काम कर सकते हैं लेकिन जर्नल ऑफ एप्लाइड साइकोलॉजी में प्रकाशित एक स्टडी के मुताबिक, वर्क फ्रॉम होम कल्चर में वीडियो कॉन्फ्रेंस का ज्यादा इस्तेमाल हो रहा है। जिसका हमारे शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य पर बड़ा असर पड़ता है। लगातार वीडियो और ऑडियो मीटिंग कॉल, ऑफिस का काम खत्म करने के लिए लगातार ऑनलाइन रहने के कारण इसका असर मानसिक स्वास्थ्य पर पड़ता है। वर्क फॉर्म होम कल्चर की वजह से एम्पलॉयी कई बार बिना किसी मैनेजमेंट के देर रात तक काम करते रहते हैं। उनके न सोने का समय निर्धारित होता है न उठने का, जिसकी वजह से उन्हीं नींद पूरी न होना, हर समय आलस का रहना, आंखें लाल होना, बैकपेन होना, थकावट जैसी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। अगर घर से काम करते वक्त शरीर का ध्यान ना रखा जाए तो यह अभिशाप से कम नहीं है। इसलिए ज़रूरी है कि आप अगर घर से काम कर रहे हैं तो हर चीज़ को सही समय पर करें।

  • शेड्यूल बनाकर काम करना हो सकता है फायदेमंद:

    अगर आपको वर्क फ्रॉम होम में काम करने का फायदा उठाना है तो आपको अपना हर काम पूरे शेड्यूल के साथ करना चाहिए। काम करते वक्त समय का पूरा ध्यान रखकर काम करना चाहिए। इसके लिए ज़रूरी है कि पहले आप अपने घर में एक ऐसी जगह निर्धारित करें जहां आप बैठकर आराम से काम कर सकें। काम के अलावा खान-पान में भी सही टाइमिंग का ध्यान रखें। कई बार घर से काम करते समय खान-पान का ध्यान नहीं रहता, इससे स्वास्थ्य में गिरावट होने लगती है। इससे बचने के लिए सही समय पर खाना खाएं और वर्क फ्रॉम होम का जम कर फायदा उठाएं।

  • खुद को रख सकते हैं हेल्दी:

    वर्क फ्रॉम होम का एक बड़ा फायदा यह होता है कि आप खुद के लिए समय निकाल सकते हैं। ऑफिस की भागदौड़ के बीच अक्सर लोगों को अपने आप के लिए समय नहीं मिल पाता। वो ना तो कोई वर्कआउट कर पाते हैं, न ही अपने शौक को पूरा कर पाते हैं। इसलिए अगर आप वर्क फ्रॉम होम कर रहे हैं तो आप सुबह की शुरूआत एक्सरसाइज से कर सकते हैं। इससे आपका शरीर पूरे दिन के लिए एनर्जी से भरा रहेगा। आप इसके जरिए अपने ट्रेवल में लगने वाले समय को किसी दूसरी एक्टिविटी में लगा सकते हैं, साथ ही कुछ लर्निंग भी हासिल कर सकते हैं। यह सारी एक्टिवीटीज़ आपको हेल्दी और फिट रखने में मदद करेंगी।

  • फैमिली के साथ समय बिता सकते हैं:

    कई लोगों के पास घर से काम करने के लिए एक कंफर्ट जोन नहीं होता है। एक ऐसी जगह जहां वह निजता के साथ एक अलग कमरे में काम कर सकें। ऑफिस के काम के साथ घर का काम करने से तनाव और बेचैनी बढ़ती है। लेकिन वहीं दूसरी ओर कुछ लोग ऐसे भी हैं जो घर से सभी काम सही समय पर करते हैं और अपने परिवार को भी समय दे देते हैं। इसलिए वर्क फ्रॉम होम में आप अपने ऑफिस के काम के बीच अपने परिवार के लिए भी पूरा समय निकाल सकते हैं। इससे आपको अपनी पर्सनल और प्रोफेशनल लाइफ दोनों के लिए पूरा समय होगा और आप बेहतर ढंग से काम कर पाएंगे।

कुल मिलाकर देखा जाए तो कर्मचारी और एम्प्लॉयर दोनों के लिए ही वर्क फ्रॉम होम का विकल्प फायदे का ही सौदा है। अगर इसका उपयोग सुनियोजित ढंग से किया जाए तो यह व्यक्तित्व को और बेहतर बना सकता है साथ ही आप इसमें भी सफलता प्राप्त कर सकते हैं।

लेख के बारे में आप अपनी टिप्पणी को कमेंट सेक्शन में कमेंट करके दर्ज करा सकते हैं। इसके अलावा आप अगर एक व्यापारी हैं और अपने व्यापार में मुश्किल परेशानियों का सामना कर रहे हैं और चाहते हैं कि स्टार्टअप बिज़नेस को आगे बढ़ाने में आपको एक पर्सनल बिज़नेस कोच का अच्छा मार्गदर्शन मिले तो आपको PSC (Problem Solving Course) का चुनाव ज़रूर करना चाहिए जिससे आप अपने बिज़नेस में एक अच्छी हैंडहोल्डिंग पा सकते हैं और अपने बिज़नेस को चार गुना बढ़ा सकते हैं ।