कंपनियां अपने बिज़नेस को विस्तार देने और बिज़नेस को तरक्की दिलाने के लिए कई रणनीतियों और योज़नाओं का सहारा लेती है. आपने कई बार न्यूज़पेपर्स और न्यूज़ चैनल के जरिए किन्हीं दो बड़ी कंपनियों के बीच पार्टनर्शिप यानि साझेदारी या फिर किसी बड़ी कंपनी के द्वारा दूसरी कंपनी के अधिग्रहण (Acquisitions) की बात जरूर सुनी होगी. दोनों ही स्थितियों का कंपनी के एम्पलॉयी और मैनेजमेंट पर गहरा प्रभाव पड़ता है, यह प्रभाव कभी नकारात्मक तो कभी सकारात्मक भी हो सकता है. लेकिन एक डिपार्टमेंट इस प्रोसेस में सबसे अहम भूमिका निभाता है, और वह होता है एचआर डिपार्टमेंट. कंपनी के अधिग्रहण और साझेदारी  करते समय कंपनी के एचआर डिपार्टमेंट (How HR Department Plans Mergers & Acquisitions) को कई तरह की चुनौतियों का सामना करना पड़ता है. चलिए जानते हैं कि आखिर इस दौरान एचआर के क्या-क्या काम होते हैं और वह आने वाली चुनौतियों से कैसे निपटते हैं.

दो कंपनियों के बीच पार्टनर्शिप या अधिग्रहण के दौरान एचआर डिपार्टमेंट के कामः-

  1. नई पॉलिसियों और स्ट्रैटेजीज़ का निर्माण (Create New Policies & Strategies): दो कंपनियों के बीच पार्टनर्शिप या फिर अधिग्रहण के बाद सबसे जरूरी और सबसे बड़ी जिम्मेदारी एचआर डिपार्मेंट के हिस्से नई पॉलिसियों और रणनीतियों का निर्माण करने की होती है. इसके लिए एचआर डिपार्टमेंट को दोनों ही कंपनियों के मुख्य सदस्यों से मिलकर पुरानी रणनीतियों के बारे में विस्तार से चर्चा करने के बाद नए नियमों और कानूनों का निर्माण करना होता है. अब बनाएं गए नियमों की सभी एम्पलॉयी को जानकारी देना भी इस डिपार्टमेंट की जिम्मेदारियों में से एक होती हैं.
  2. एम्पलॉयी का चयनः अधिग्रहण के दौरान पुराने एम्पलॉयी की चयन प्रक्रिया पर भी एचआर डिपार्टमेंट काम  करता है. आने वाले समय में किस एम्पलॉयी की क्या भूमिका रहेगी, यह तय कराना और उनके पेय स्केल में किस तरह का बदलाव किया जाता है, इन सब बातों का चयन एचआर डिपार्टमेंट करता है.
  3. सभी एम्पलॉयी के बात करनाः जब दो कंपनियों के बीच पार्टनर्शिप होती है या फिर कोई कंपनी दूसरी कंपनी का अधिग्रहण या फिर खरीद लेती है तो कई तरह के सवाल दोनों ही कंपनियों के सभी एम्पलॉयी के मन में होते हैं. नई उम्मीदों के साथ ही एक डर, खुशी, काम को लेकर जोश और साथ ही कई ऐसे सवाल होते हैं जिनका जवाब हर एम्पलॉयी चाहता है. ऐसे में एचआर डिपार्टमेंट सभी एम्पलॉयी को इन सभी सवालों के सटीक जवाब देने का काम करता है. एम्पलॉयी की हर परेशानी को हल करना एचआर डिपार्टमेंट का काम होता है.
  4. डॉक्यूमेंटेशन वर्कः कंपनियों के बीच पार्टनर्शिप या फिर अधिग्रहण के बाद सबसे जरूरी काम कानूनी रूप से सभी महत्वपूर्ण दस्तावेजों के काम को पूरा करना एचआर डिपार्टमेंट की सबसे पहली जिम्मेदारी होती है. किसी भी तरह की कानूनी व्यवधानों से सुरक्षा के लिए यह काम सबसे जरूरी होता है.

यह सभी वह जरूरी स्टेप्स हैं, जो किन्हीं दो कंपनियों के बीच पार्टनर्शिप या अधिग्रहण होने पर उनके एचआर डिपार्मेंट द्वारा पूरे किए जाते हैं.