नई दिल्ली: देश में उद्यमिता को बढ़ावा देने के मकसद से प्रधानमंत्री मुद्रा योजना (पीएमएमवाई) के तहत कुल मिलाकर 15 लाख करोड़ रुपये के लोन वितरित किए गए हैं. वित्त मंत्रालय ने बताया कि बैंकों और वित्तीय संस्थानों ने पिछले छह साल में मुद्रा योजना (Pradhan Mantri MUDRA Yojana) के तहत 28 करोड़ से अधिक लाभार्थियों को करीब 15 लाख करोड़ रुपये के कर्ज मंजूरी किए. MUDRA Yojana: करोड़ों लोग ले चुके हैं इस सरकारी स्कीम का फायदा, आप भी बिना पैसों के शुरू कर सकते हैं खुद का बिजनेस
वित्त मंत्रालय के अंतर्गत आने वाले वित्तीय सेवा विभाग ने बुधवार को ट्विटर पर लिखा है, ‘‘मुद्रा योजना (PMMY) के तहत 26 मार्च 2021 की स्थिति के अनुसार बैंकों और वित्तीय संस्थानों ने 28.81 करोड़ लाभार्थियों के 15.10 लाख करोड़ रुपये के कर्ज मंजूर किये.’’ 8 अप्रैल 2015 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा मुद्रा योजना (पीएमएमवाई) का शुभारंभ किया गया था.
भारत भी दुनिया के उन चुनिंदा देशों में शामिल है जहां सर्वाधिक संख्या में युवा आबादी है. भारत युवा उत्साह और आकांक्षाओं से परिपूर्ण एक युवा देश है. भारत में विकास को गति देने हेतु एक फलदायी आधार प्रदान करने के लिए युवा भारत के इस अभिनव उत्साह का दोहन करना अत्यंत महत्वपूर्ण है जो देश के आर्थिक पारिस्थितिकी तंत्र में वर्तमान अंतराल को दूर करते हुए एक नए युग के लिए समाधान का मार्ग प्रदान कर सकता है. भारत में उद्यमिता की अंतर्निहित क्षमता का दोहन करने की आवश्यकता को समझते हुए, केंद्र सरकार ने अपने पहले ही बजट में मुद्रा योजना की घोषणा की.
मुद्रा योजना कैसे काम करती है?
पीएमएमवाई के तहत 10 लाख रुपए की धनराशि के ऋण को मेंबर लैंडिंग इंस्टीट्यूशन (एमएलआई) अर्थात अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों, क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों (आरआरबी), लघु वित्त बैंकों (एसएफबी), गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी), सूक्ष्म वित्त संस्थानों (एमएफआई) आदि द्वारा प्रदान किया जाता है.
इन ऋणों को विनिर्माण, व्यापार और सेवा क्षेत्रों में आय सृजन करने वाली गतिविधियों और कृषि से संबंधित गतिविधियों के लिए दिया जाता है. मुद्रा ऋण तीन श्रेणियों में प्रदान किए जाते हैं, ‘शिशु’, ‘किशोर' और ‘तरुण’ जो ऋण लेने वालों के विकास अथवा विकास और धन की आवश्यकताओं के चरण को दर्शाता है: -
शिशु: 50,000 रुपए तक के ऋण शामिल.
किशोर: 50,000 रुपए से 5 लाख लाख रुपए तक के ऋण शामिल.
तरुण: 5 लाख रुपए से 10 लाख रुपये तक के ऋण शामिल.
नई पीढ़ी के इच्छुक युवाओं में उद्यमशीलता को बढ़ावा देने के उद्देश्य से, यह सुनिश्चित किया जाता है कि शिशु श्रेणी के ऋण और फिर किशोर और तरुण श्रेणियों पर अधिक ध्यान दिया जाए.