Government Business Loan: नया व्यवसाय शुरु करने से लेकर उसे विस्तार देने तक फंड की व्यवस्था करना सबसे टेढ़ी खीर साबित होती है. इस समस्या को दूर करने और जन-जन को आत्मनिर्भर बनाने के लिए भारत सरकार ने तमाम बिजनेस प्लान शुरु कर रखा है, इसके जरिये बिना कुछ गिरवी रखे, कम ब्याज दर में ऋण प्राप्त कर अपने सपनों को पूरा किया जा सकता हैं. आइये जानें इस संदर्भ में केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह क्या कहते हैं. MSME Loans: कोरोना संकट से जूझ रहे उद्यमों को राहत पहुंचाने के लिए रिजर्व बैंक ने लिया बड़ा फैसला
आज अपना व्यवसाय शुरु करने अथवा छोटे-मोटे व्यवसाय को विस्तार देनेवालों की कमी नहीं है, लेकिन पर्याप्त पूंजी न होने से वे विवश हैं, उनके पास बिजनेस की समझ है मगर ऋण की सुविधा नहीं है, ना ही Collateral (गिरवी रखने की वस्तु) है, इसीलिए बैंक उन्हें लोन नहीं देता है. हालांकि इसके लिए सरकार ने नई पहल शुरू की है, ताकि सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (MSME) को आसानी से लोन मिले. वे अपने व्यवसाय को आगे बढ़ा सकें?
केंद्रीय मंत्री बताते हैं- यहां दो बातें हैं, एक वित्तीय भ्रम और दूसरा रोजगार. वित्तीय भ्रम के लिए दो स्कीमें हैं, एक प्रधानमंत्री रोजगार सृजन योजना (PMEGP), जिसमें सरकार 25 लाख तक ऋण देती है. दूसरा है गिरवी मुक्त लोन. शुरुआत में इसमें प्रति व्यक्ति एक करोड़ लोन की सुविधा थी, जिसे प्रधानमंत्री ने दो करोड़ कर दिया. इस संदर्भ में रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के साथ हमारा एग्रीमेंट है. हमने कार्पोरेट फंड भी बनाया हैं, जहां पहले ढाई हजार करोड़ ऋण लेने की व्यवस्था थी, अब उसे साढ़े सात हजार करोड़ कर दिया गया है. हमारी सरकार अब तक 18 लाख करोड़ लोगों को Collateral फ्री ऋण दिलवा चुकी है.
इज ऑफ डुइंग
अन्य लोगों को ऋण के संदर्भ में वे कहते हैं, बैंकों में कई स्कीमें हैं. हमने ‘इच ऑफ डुइंग बिजनेस’ के तहत एक सटीक व्यवस्था बनाई है. पहले लोन लेनेवाले को डिस्ट्रिक्ट इंडस्ट्री ऑफिस के चक्कर काटना पड़ता था, लेकिन अब आपको कहीं भटकने की जरूरत नहीं है. आप मोबाइल से सेल्फ डिक्लेरेशन, उद्योग आधार ज्ञापन (Udyog Aadhar Memorandum) के तहत सिर्फ तीन मिनट में सेल्फ डिक्लेयर कीजिये, बैंक और चार्टेड एकाउंटेंट के साथ प्रपोजल बनाइये, बैंकर के पास जाकर ऋण प्राप्त कर लीजिये. गिरिराज सिंह आगे बताते हैं, इज ऑफ डुइंग में हम 142 से 68 पर आ गये हैं. इसके लिए काफी कार्य किये गये हैं. फाइनेंसियल इल्यूजन के तहत हमने दो लाख उद्यमियों को PMEGP (Prime Minister Employment Generation Programme) में लोन दिलवाया है.
एक जिला एक उत्पाद
आज चाइना बिजनेस में बहुत आगे है. डेट्रायट को ‘मोटर सिटी’, न्यूयार्क को ‘फाइनेंस सिटी’, सिलिकॉन वैली को ‘टेक्नॉलॉजी सिटी’ कहा जाता है. चाइना में मोबाइल के लिए अलग शहर, ट्यूबलाइट के लिए अलग शहर और फर्नीचर के लिए शहर बसाया गया है. हम खुद को कहां देखें हैं? वे कहते हैं कि उत्तर प्रदेश सरकार ‘वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट’ पर अच्छा काम कर रही है. उन्होंने कहा कि समूह को हम कॉमन फैसिलिटी सेंटर के रूप में देखते हैं. हमारी कोशिश है आर्टिज्म बेस और मैन्युफैक्चरिंग बेस टेक्नोलॉजी दिया जाये. आज कोई भी चीज डोमेस्टिक मार्केट तक सीमित नहीं है. ये ग्लोबलाइजेशन का जमाना है. हमारा प्रोडक्ट ऐसा हो, जिसे डोमेस्टिक भी कम्पीट करें और चाइना या दुनिया के अन्य मुल्कों से भी प्रतिस्पर्धा हो. हम इंडस्ट्री को 6-7 तरह से मदद करते हैं. सर्टिफिकेशन के लिए, लीन मैन्युफैक्चरिंग के लिए, टेक्नोलॉजी अपग्रेडेशन के लिए भी एक करोड़ की सुविधा देते हैं.
ग्रीन टेक्नोलॉजी
चाइना को ‘मैन्युफैक्चरिंग कैपटिल ऑफ द वर्ल्ड’, बोला जाता है. वे कहते हैं- हम मैन्युफैक्चरिंग के लिए हर संभव मदद करते हैं. लीन मैन्युफैक्चरिंग के लिए, जीरो इफेक्ट जीरो डिफेक्ट का जो पैरामीटर है, उसे वे पैरामीटर तक ले जायें. उन सबके लिए सरकार सहूलियत देती है. इंडिजिनस चीजों को टेक्नॉलाजी से जोड़ने की जरूरत है.