GST का ऐसे करें कैलकुलेशन, दूर हो जाएगा आपका सारा कन्फ्यूजन

जीएसटी
जीएसटी (Calculation) की गणना करने से पहले हमें यह समझना होगा कि जीएसटी है क्या? जीएसटी का आशय गुड्स+सर्विस+टैक्स. यानी गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स. यह भारत सरकार की एक महत्वाकांक्षी अप्रत्ययक्ष कर (इनडायरेक्ट टैक्स) व्यवस्था है, जो भाजपा सरकार द्वारा 'एक राष्ट्र एक कर' (One Tax One Nation)के रूप में शुरू की गई है. यहां हम इसकी आवश्यकता, इसकी गणना एवं नफा-नुकसान पर बात करेंगे.
कोई व्यक्ति कोई वस्तु (Goods)खरीदता है अथवा किसी प्रकार की सेवा (Services) का इस्तेमाल करता है, तब उसे जीएसटी के नियमों के तहत भुगतान करना होता है. इसके लिए गुड्स और सर्विसेज के बारे में समझना जरूरी है.
वस्तु कर (Goods Tax)-
जब हम रोजमर्रा की कोई वस्तु खरीदते हैं, वह चाहे खाने-पीने की हो अथवा इस्तेमाल की, हमें वस्तु के लागत मूल्य के अलावा कुछ अतिरिक्त राशि का भुगतान करना होता है. यह अतिरिक्त राशि वस्तुतः टैक्स है, जो भारत सरकार के खजाने में जाता है. जिससे देश की अर्थ व्यवस्था को चलाने में केंद्र सरकार को मदद मिलती है.
सेवा कर (Service Tax)-
खाने-पीने अथवा इस्तेमाल की जाने वाली वस्तुएं खरीदने के अलावा हम कुछ जरूरी सेवाओं का भी इस्तेमाल करते हैं, मसलन किसी वेबसाइट के माध्यम से कोई वस्तु मंगाना, चिकित्सीय जैसी अन्य सेवाओं का उपयोग करना, जिसके लिए हम सेवा लिये जाने वाली फीस के अतिरिक्त कुछ राशि का भुगतान करते हैं. अतिरिक्त धनराशि कर के रूप में भारत सरकार के खजाने में जमा होती है.
ऐसे करें गणना जीएसटी (GST) की ?
GST की गणना को आसान बनाए के लिए विशेषज्ञों ने कुछ फॉर्मूले तैयार किये हैं, इनसे आप आसानी से GSTकी गणना कर सकते है. आइये जानें GST की गणना के लिए इन फॉर्मूलों का प्रयोग कैसे करे? इस फॉर्मूलों से कोई भी निर्माता, थोक व्यापारी और फुटकर विक्रेता अपने उत्पाद के मूल्य की जीएसटी गणना कर सकता है. और बड़ी आसानी से वह निम्न फॉर्मूलों की सहायता से उत्पादों के अधिकतम खुदरा मूल्य (एमआरपी) का निर्धारण कर सकता है.
1. GST जीएसटी आपूर्ति मूल्य में शामिल नहीं है:
GST राशि = (आपूर्ति मूल्य x जीएसटी %) / 100
वसूला जाने वाला मूल्य = आपूर्ति मूल्य + GST राशि
असल मूल्य = वसूला जाने वाला मूल्य –GST राशि
2. जहां GST को आपूर्ति मूल्य में शामिल किया गया है:
GST राशि = आपूर्ति मूल्य – [आपूर्ति मूल्य x{(100+GST दर )/100 }]
मान लीजिए आपने चॉकलेट का पैकेट खरीदा है. इसका आपूर्ति मूल्य 100 रुपये है. इस पर GST की स्लैब दर 5% है तो इसका मतलब यही है कि 100 रुपए में 5% GST की दर भी शामिल है.
GST राशि = (100*5) / 100 = 5
वसूला जाने वाला मूल्य (MRP)=100+5 = 105
आपके सामान पर GST राशि के फार्मूला 2 से लागू दर निम्नलिखित होगी :
GST राशि = 100 –[100 *{(100 + 5) / 100 }] = 5
अगर इस चॉकलेट के पैकेट पर 5% जीएसटी है और MRP 100 रुपये है,
तो 95.23 रुपए इसकी कीमत हुई और बाकी का हिस्सा जीएसटी का हुआ.
जीएसटी से लाभ?
जीएसटी से पहले एक ही वस्तु अथवा सेवा विशेष पर बहुत प्रकार के टैक्स लगते थे, जिसकी वजह से कभी-कभी वस्तु की मूल कीमत में 50 फीसदी तक की बढ़ोत्तरी हो जाती थी. अब जीएसटी के आ जाने से एक ही बार टैक्स चुकाना पड़ता है, जो अधिकतम 28 प्रतिशत तक होता है. इसके लागू होने से पूर्व एक वस्तु विशेष पर टैक्स के ऊपर टैक्स लगता था, जिसमें अकसर हेराफेरी एवं चोरबाजारी होती थी. जीएसटी के आने से इस तरह के भ्रष्टाचार पर काफी हद तक लगाम लग चुका है. पकड़े जाने पर भारी जुर्माने का प्रावधान है.
जीएसटी आने से आम आदमी को लाभ हुआ है. मसलन पहले अगर हम किसी दूसरे राज्य से सामान खरीदते थे तो उसकी अलग कीमत होती थी, जो अमूमन बढी हुई ही होती थी, पर अब पूरे देश में किसी भी वस्तु की कीमत एक हो गयी है. इसके लगी होने से काफी वस्तुएं एवं सेवाओं की कीमत में गिरावट आई है. क्योंकि तब इन पर लगने वाली एक्साइज ड्यूटी, वैट, सेंट्रल सेल्स टैक्स, एडिशनल एक्साइज ड्यूटी, लक्ज़री टैक्स अब बंद कर दी गयी है. जिन वस्तुओं पर 30 से 35 प्रतिशत टैक्स चुकाना पड़ता था, उसे सीमित कर 20 से 28 प्रतिशत कर दिया गया है.
जीएसटी से नुकसान?
जीएसटी आने से लाभ के साथ कुछ नुकसान भी हुए हैं. मसलन राज्य की आय कम हुई है. जिसका असर वहां की अर्थ व्यवस्था पर पड़ी है. यद्यपि अब नये नियमों के तहत इस नुकसान की भरपाई का भुगतान प्रत्येक पांच साल में एक बार केंद्र सरकार स्वयं करेगी.
Share Now
Share Now