Bajaj Housing IPO ने क्यों मचाई है शेयर मार्केट में धूम, क्या ये सच में फायदेमंद साबित होगा
हाल ही में Bajaj Housing IPO लॉन्च किया गया, लॉन्च होते ही इसने शेयर मार्केट में धूम मचा दी है। इस IPO में इंवेस्ट करने वालों का पैसा चंद दिनों में ही डबल हो गया, और इसमें लगातार बढ़त जारी है। क्या आपको भी बजाज के इस IPO में इंवेस्ट करने से फ़ायदा होगा? चलिए जानते हैं।
Bajaj Housing IPO की बीएसई और एनएसई में लिस्टिंग की गई। दोनों ही जगह पर 114.29 प्रतिशत प्रीमियम के साथ ये लिस्ट हुआ है। IPO में एक शेयर की कीमत 70 रुपए तय की गई थी, लेकिन लिस्टिंग के समय यह बढ़कर 150 रुपए तक पहुंच गई। इस तरह से इसमें इन्वेस्ट करने वालों को बजाज हाउसिंग आईपीओ लॉन्च होते ही हर शेयर पर 80 रुपए का फ़ायदा भी हुआ। लिस्टिंग के बाद भी लगातार इसकी कीमतों में उछाल जारी है।
कुछ ही घंटों में बिक गए इश्यू के सभी शेयर्स.
9 से 11 सितंबर तक ये इश्यू खोला गया था, 6560 करोड़ के इस इश्यू को तीन दिनों में 63.60 गुना सब्सक्रिप्शन मिला। 6560 करोड़ के इस इश्यू को 3 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा की बोलियां मिलीं, और कुछ ही घंटों में इसे पूरी तरह से सब्सक्राइब कर लिया गया। बजाज ने फ्रेश और ऑफर फॉर सेल दोनों तरह के शेयर जारी किए थे। जिसमें 3560 करोड़ के शेयर 50.86 शेयर्स फ्रेश थे और 3000 करोड़ के 42.86 ऑफर फॉर सेल शेयर्स जारी किए गए थे।
बजाज के इस आईपीओ ने ग्रे मार्केट में भी धूम मचा दी थी, इश्यू खुलने से पहले ही उसका ग्रे मार्केट प्रीमियम (GMP) 55.50 रुपए हो गया था। तब ये उम्मीद लगाई जा रही थी कि लिस्टिंग के समय ये 80 प्रतिशत तक प्रीमियम पर लिस्ट होंगे। लेकिन जिस तरह ये ग्रे मार्केट में ट्रेंड हुआ लिस्टिंग के समय ये 100 प्रतिशत से ज्यादा के प्रीमियम पर लिस्ट हुआ।
क्या हैं Bajaj के IPO शेयर्स खरीदने वालों का भविष्य?
अब ऐसा माना जा रहा है कि Bajaj Housing IPO के स्टॉक्स को निवेशक लंबे समय तक होल्ड करके रख सकते हैं। बजाज का बिजनेस मॉडल अच्छा है और हाउसिंग सेक्टर में भी इनका रिस्पांस काफ़ी पॉजिटिव है जो अगले कुछ सालों में अच्छा परफॉर्म करता रह सकता है।
जिन निवेशकों को बजाज के ये शेयर्स अलॉट हो गए हैं, वे अपने आधे शेयर्स बेचकर रिस्क कम कर सकते हैं और अपनी पूंजी वापस पा सकते हैं। बाकी के आधे शेयर्स को होल्ड करके रख सकते हैं। बाकी अपने इन्वेस्टमेंट से जुड़ा कोई भी फैसला लेने से पहले अपने फाइनेंशियल एडवाइजर की सलाह ज़रूर लें।