‘ईज ऑफ डूइंग बिजनेस’ यानी ‘कारोबार में सुगमता’ सुधारों को सफलतापूर्वक पूरा करने वाले राज्यों की संख्या बढ़कर 15 हो गई है. तीन और राज्य गुजरात, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड ने व्यय विभाग द्वारा निर्धारित ’ईज ऑफ डूइंग बिजनेस’ सुधारों को पूरा करने की सूचना दी है. उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (डीपीआईआईटी) से सिफारिश प्राप्त होने पर व्यय विभाग ने इन तीन राज्यों को खुले बाजार से 9,905 करोड़ रुपये जुटाने की अनुमति दी है. Diet Food Shop business: डाइट फूड बिज़नेस आपकी इनकम की सेहत में लगा सकता है चार चांद, जानें बिज़नेस शुरू करने के मूल मंत्र

इससे पहले, आंध्र प्रदेश, असम, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, कर्नाटक, केरल, मध्य प्रदेश, ओडिशा, पंजाब, राजस्थान, तमिलनाडु और तेलंगाना ने भी इस सुधार के पूरा होने की सूचना दी थी, जिसकी पुष्टि डीपीआईआईटी द्वारा की गई थी. ईज ऑफ डूइंग बिजनेस में सहायता प्रदान करने वाले सुधारों को पूरा करने पर इन 15 राज्यों को 38,088 करोड़ रुपये का अतिरिक्त ऋण जुटाने की अनुमति दी गई है. अनुमति दी गई अतरिक्त ऋण की राज्यवार राशि इस प्रकार है-

क्र.सं. राज्य राशि (करोड़ रुपये में)
1. आंध्र प्रदेश 2,525
2. असम 934
3. गुजरात 4,352
4. हरियाणा 2,146
5. हिमाचल प्रदेश 438
6. कर्नाटक 4,509
7. केरल 2,261
8. मध्य प्रदेश 2,373
9. ओडिशा 1,429
10. पंजाब 1,516
11. राजस्थान 2,731
12. तमिलनाडु 4,813
13. तेलंगाना 2,508
14. उत्तर प्रदेश 4,851
15. उत्तराखंड 702

कारोबार में सुगमता से देश में निवेश के अनुकूल कारोबार के माहौल का महत्वपूर्ण सूचक है. ईज ऑफ डूइंग बिजनेस में सुधार राज्य अर्थव्यवस्था की भविष्य की प्रगति तेज करने में समर्थ बनाएंगे. इसलिए भारत सरकार ने मई, 2020 में यह निर्णय लिया कि ईज ऑफ डूइंग बिजनेस में मदद हेतु सुधार करने वाले राज्‍यों को अतरिक्त ऋण जुटाने की सुविधा प्रदान की जाएगी. इस श्रेणी में निर्धारित सुधार इस प्रकार हैं:

(i) जिला स्तर व्यापक सुधार कार्य योजना के पहले आकलन को पूरा करना.

(ii) विभिन्न अधिनियमों के तहत प्राप्त किए गए प्रमाण पत्रों, अनुमोदनों, लाइसेंसों के नवीनीकरण की जरूरतों को समाप्त करना.

(iii) कंप्यूटरीकृत केंद्रीय औचक निरीक्षण प्रणाली को लागू करना. अधिनियमों के तहत जहां निरीक्षकों की तैनाती केन्द्रीय रूप से होती है उस निरीक्षक को बाद के वर्षों में उसी इकाई में कार्य न सौंपा जाए. बिजनेसमैन को निरीक्षण से पूर्व सूचना उपलब्ध कराई जाए और निरीक्षण के 48 घंटों के अंदर निरीक्षण रिपोर्ट अपलोड करना जरूरी होगा.

कोविड-19 महामारी के दौरान पैदा हुई चुनौतियों से निपटने के लिए संसाधन जरूरतों को देखते हुए भारत सरकार ने 17 मई, 2020 को राज्यों की ऋण लेने की सीमा उनके जीएसडीपी की 2 प्रतिशत बढ़ा दी थी. इस‍ विशेष विधान की आधी राशि राज्यों द्वारा किए गए नागरिक केन्द्रित सुधारों से जुड़ी थी. सुधारों के लिए चार नागरिक केन्द्रित क्षेत्रों की पहचान की गई थी जो इस प्रकार हैं (ए) एक राष्ट्र एक राशन कार्ड प्रणाली लागू करना, (बी) ईज और डूइंग बिजनेस सुधार (सी) अर्बन लोकल बॉडी/यूटिलिटी सुधार (डी) ऊर्जा क्षेत्र सुधार.

अभी तक 18 राज्यों ने इन चार निर्धारित सुधारों में से कम-से-कम एक सुधार किया है और उन्हें सुधार से जुड़ी ऋण अनुमति प्रदान की गई है. इनमें से 13 राज्यों ने एक राष्ट्र एक राशन कार्ड प्रणाली लागू की है. 15 राज्यों ने ईज और डूइंग बिजनेस सुधार लागू किया है. 6 राज्यों ने स्थानीय निकाय सुधार लागू किए हैं और 2 राज्यों ने ऊर्जा क्षेत्र सुधार लागू किए हैं. अभी तक इन राज्‍यों को 86,417 करोड़ रुपये का अतिरिक्त ऋण जुटाने की अनुमति दी गई है.