ई-कॉमर्स के नियमों को लेकर कैट का सुझाव है बिल्कुल अलग
ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म के लिए नियमावली निर्धारित करने के लिए पिछले लंबे समय से बातचीत का दौर जारी है, लेकिन अब इसे ज्यादा समय के लिए नहीं टाला जा सकता है. कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स यानि कि कैट ने इस बात को साफ करते हुए अपनी टिप्पणी दी है और इस टिप्पणी का सीधा असर ई-कॉमर्स बिजनेस पर होगा. कैट ने ई-कॉमर्स नियमों के मसौदे पर टिप्पणियों और सुझावों को जमा करने की समय सीमा बढ़ाने की मांग अनुरोधों को देरी की रणनीति बताया और कहा कि समय सीमा के विस्तार की कोई आवश्यकता नहीं है.
कैट के महासचिव प्रवीण खंडेलवाल ने एक बयान में कहा कि "मीडिया रिपोर्ट्स से पता चला है कि कुछ कंपनियों ने 6 जुलाई की समय सीमा से आगे सुझाव देने के लिए तारीख बढ़ाने के लिए कहा है, जो एक अनुचित मांग है. ये नियम कोई रॉकेट साइंस नहीं हैं, जिसे सुझाव देने के लिए किसी जांच की आवश्यकता है और फिर विस्तार की आवश्यकता हो". उनका विचार था कि मसौदा नियम काफी स्पष्ट हैं और सुझाव देने के लिए कोई या न्यूनतम गुंजाइश नहीं छोड़ते हैं.
बातचीत करते वक्त खंडेलवाल ने आगे कहा कि "समय बढ़ाने की मांग कुछ निहित स्वार्थ वाले लोगों की देरी की रणनीति के अलावा और कुछ नहीं है". ई-कॉमर्स कंपनियों के संबंध में ऑफलाइन व्यापारियों के लिए एक समान अवसर मुहैया कराने में सबसे आगे रहे व्यापारियों के निकाय ने कहा कि मसौदा ई-कॉमर्स नियम विदेशी वित्त पोषित ई-कॉमर्स कंपनियों के अनैतिक और कदाचार को दूर करने के लिए सक्षम हैं. दूसरी ओर, यह उपभोक्ताओं को एक वैध गारंटी प्रदान करेगा कि किसी भी उत्पाद या सेवाओं के बारे में उनकी शिकायतें अनसुनी नहीं होंगी और एक जिम्मेदार तरीके से और समयबद्ध अवधि में इससे निपटा जाएगा.
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आपको बता दें कि नए मसौदे के नियमों के अनुसार, कोई भी ई-कॉमर्स संस्था भ्रामक विज्ञापनों के प्रदर्शन या प्रचार की अनुमति नहीं देगी, चाहे वह अपने प्लेटफॉर्म पर व्यापार के दौरान हो या अन्य किसी प्लेटफॉर्म पर हो. इसके अलावा, यदि मानदंड प्रभावी होते हैं, तो प्रत्येक ई-कॉमर्स भारत से ऐसी इकाई द्वारा प्राप्त शिकायतों की संख्या को ध्यान में रखते हुए एक पर्याप्त शिकायत निवारण तंत्र स्थापित करेगा.
बताते चले कि नियमावली के अनुसार अमेजॉन और फ्लिपकार्ट को भारत में एक मुख्य अनुपालन अधिकारी, एक निवासी शिकायत अधिकारी और एक नोडल संपर्क व्यक्ति को नियुक्त करना होगा. इसके साथ ही अगर मसौदा नियमों को लागू किया जाता है तो फ्लैश बिक्री खत्म हो सकती है. आपको यह भी बता दें कि यह सभी ऑफलाइन व्यापारियों को ध्यान में रख कर किया जा रहा है. जिससे उन्हें भी ऑनलाइन व्यापार की तरह की समानता मिल सके और उनका व्यापार प्रभावित न हो.