Future of Food Processing in MSMEs: पैकेज्ड फूड और ऑर्गेनिक प्रोडक्ट्स का बढ़ता ट्रेंड

आज के समय में बढ़ रहे प्रदूषण, आए दिन कोई न कोई बीमारी, खाद्य पदार्थों में मिलावट बहुत ज्यादा बढ़ गए हैं। इससे लोगों के स्वास्थ्य पर बहुत बुरा असर पड़ रहा है, छोटे-बड़े किसी भी उम्र के लोग बीमार हो रहे हैं। ऐसे समय में लोग अपने खानपान पर बहुत ध्यान दे रहे हैं। लोगों में हेल्थ अवेयरनेस बढ़ रही है, वे क्वालिटी वाले हेल्दी फूड खाना पसंद कर रहे हैं। बदलती लाइफस्टाइल, बढ़ती हेल्थ अवेयरनेस और हेल्दी खाने की डिमांड ने फूड प्रोसेसिंग इंडस्ट्री को Micro, Small and Medium Enterprises के लिए बहुत बढ़िया अवसर बना दिया है। 

 

पैकेज्ड फूड (Packaged Food) की डिमांड -

मार्केट में पैकेज्ड फूड की डिमांड बढ़ रही है क्योंकि packaging खाने को सुरक्षित रखती है और attractive भी बनाती है। रेडी-टू-कुक और रेडी-टू-ईट प्रोडक्ट्स की डिमांड भी मार्केट में काफी बढ़ गई है। आजकल लोग चीजों को ज्यादा बर्बाद नहीं करना चाहते इसलिए वे ऐसा खाना पसंद करते हैं जो लंबे समय तक स्टोर कर के रखने के बाद भी सुरक्षित और ताज़ा रहे। 

MSMEs अगर पैकेज्ड फूड के रूप में अपने प्रोडक्ट्स को लॉन्च करें तो अपने देश में भी और विदेशों में भी बड़ा मार्केट मिल सकता है। 

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ऑर्गेनिक प्रोडक्ट्स: हेल्दी खाने का नया ट्रेंड -

आजकल लोगों में हेल्थ अवेयरनेस काफी बढ़ गई है जिसकी वजह से वे केमिकल फ्री और ऑर्गेनिक प्रॉडक्ट्स की ओर शिफ्ट हो रहे हैं। शहरों में देखें तो वहाँ ऑर्गेनिक सब्जियां, दालें, मसाले और पैकेज्ड स्नैक्स की डिमांड ज्यादा है। ऐसे में MSMEs लोकल किसानों के साथ मिलकर ऑर्गेनिक वैल्यू चेन बना सकते हैं। इससे MSMEs को high profit मार्केट मिलेगा और साथ-ही-साथ किसानों की आमदनी भी बढ़ेगी। 

 

MSMEs के लिए नया अवसर -

Millet, ज्वार, और रागी से बने चिप्स, बिस्किट, नमकीन स्वादिष्ट भी होते हैं और सेहतमंद भी। MSMEs अगर ऐसे प्रोडक्ट्स की packaging कर के बेचें तो ग्लोबल मार्केट में भी अपनी जगह बना सकते हैं। 

 

रेडी-टू-ईट फूड्स की मांग आजकल बहुत बढ़ी है। ये प्रोडक्ट्स हर घर की जरूरत बन चुके हैं। प्रोडक्ट्स इंस्टेंट करी पैक, पास्ता कप, नूडल्स पैकेट आदि ये सभी बहुत झटपट बनने वाले खाना है। मेट्रो शहरों और विदेशों में इसकी मांग ज्यादा है। 

 

ऑर्गेनिक ड्रिंक्स जैसे हर्बल जूस, ऑर्गेनिक ग्रीन टी, एलोवेरा ड्रिंक, आंवला जूस जैसी चीजों की डिमांड आए दिन लगातार बढ़ रही है। MSMEs इसमें छोटे लेवल पर investment कर के बड़े लेवल तक पहुँच सकते हैं। अच्छी क्वालिटी और भरोसेमंद पैकेजिंग से इन्हें ग्लोबल मार्केट तक भी पहुँचाया जा सकता है। 

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हर जगह या राज्य की अपनी स्पेशल डिश होती है, जो मार्केट में उनकी पहचान होती है। जैसे- बिहार का मखाना, राजस्थान का पापड़, केरल का मसाला और यूपी का आम का अचार ये सभी अपने-अपने राज्य के फेमस खाने हैं। MSMEs इनकी packaging attractive तरीके से करके बेचे तो ये लोकल से ग्लोबल बन सकते हैं। 

 

सरकार और नीतिगत सपोर्ट -

भारत सरकार फूड प्रोसेसिंग सेक्टर में MSMEs को सपोर्ट करने के लिए कई सारी योजनाएँ चला रही है। 

 

भारत सरकार की PMFME स्कीम (Pradhan Mantri Formalization of Micro Food Processing Enterprises) है, जो MSMEs को ट्रेनिंग, फाइनेंस और मार्केटिंग में बहुत मदद कर रही है। 

 

Cluster Development Program के तहत छोटे-छोटे लोकल प्रोडक्ट्स को इकट्ठा कर के ग्लोबल लेवल पर competitive बनाया जाता है। 

Export Promotion Councils और ECGC (Export Credit Guarantee Corporation) ये योजना छोटे Enterprises को सुरक्षा और guidance provide कराते हैं। 

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Digital Transformation से नए अवसर -

ऑनलाइन पेमेंट सॉल्यूशंस Phonepe, Paytm, Razorpay आदि जैसे Apps की मदद से छोटे Enterprises कैशलेस हो गए हैं और पेमेंट करना बहुत आसान हो गया है। 

 

सोशल मीडिया मार्केटिंग के लिए Facebook, Instagram, WhatsApp जैसे प्लेटफॉर्म ने कस्टमर से कनेक्टेड रहना, उनसे interact करना आसान कर दिया है। 

 

ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म जैसे Amazon, Flipkart, Big Basket आदि की मदद से पैकेज्ड फूड और ऑर्गेनिक प्रोडक्ट्स को बेच सकते हैं। 

 

डिजिटल पेमेंट और सोशल मीडिया मार्केटिंग की मदद से छोटे Enterprises का कस्टमर्स तक पहुँचना बहुत आसान हो गया है। इन डिजिटल टूल्स की मदद से  छोटे Enterprises का लोकल मार्केट के साथ-साथ ग्लोबल मार्केट में पहुँचना भी आसान हो गया है

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चुनौतियाँ -

पैकेज्ड फूड में क्वालिटी स्टैंडर्ड्स का काफी ध्यान रखना होता है। FSSAI और Export के नियमों का पालन करना जरूरी होता है। लॉजिस्टिक्स सर्विस बहुत भरोसेमंद होनी चाहिए क्योंकि खाने को सुरक्षित और समय से पहुँचाना बहुत बड़ी जिम्मेदारी है। मार्केट में टिके रहने के लिए यूनिक प्रोडक्ट और ब्रांडिंग बहुत जरूरी है। बड़े ऑर्डर्स के लिए बड़ी पूँजी की जरूरत होती है। बैंकों और सरकारी योजनाओं का उपयोग करना होगा। 

 

निष्कर्ष (Conclusion) -

MSMEs के लिए Food Processingसेक्टर भविष्य में बहुत बड़ा बिजनेस बन सकता है। पैकेज्ड स्नैक्स, रेडी-टू-ईट फूड्स, ऑर्गेनिक ड्रिंक्स और लोकल Specialty के जरिए छोटे Enterprises  का ग्लोबल मार्केट तक पहुँचना आसान हो गया है। क्वालिटी, फंडिंग, कॉम्पिटिशन जैसी चुनौतियाँ मौजूद हैं पर सही प्लान्स के साथ MSMEs इस क्षेत्र में बहुत आगे बढ़ सकते हैं। 

आने वाले समय में पैकेज्ड और ऑर्गेनिक फूड सिर्फ ट्रेंड से बढ़ कर बहुत बड़ा बिजनेस opportunity होगा, जिसमें MSMEs की बहुत बड़ी भूमिका होगी। 

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