स्टार्टअप बिज़नेस को आने वाले समय की सबसे बड़ी क्रांति के रूप में देखा जाता है क्योंकि एमएसएमई सेक्टर को सरकार की ओर बढ़ावा भी मिल रहा और सरकार के इसी प्रोत्साहन की वजह से युवाओं में स्टार्टअप बिज़नेस का विचार सबसे पहले आने लगा है. ऐसे बहुत से एमएसएमई स्टार्टअप आइडियाज (MSME Startup Ideas) हैं, जो शुरू हुए हैं और आगे बढ़ कर अच्छी ग्रोथ हासिल कर रहे हैं. लेकिन कुछ नए उद्यमी हैं, जो स्टार्टअप की दुनिया से थोड़े से अनजान हैं, जो स्टार्टअप रजिस्ट्रेशन करने की गतिविधियों को जटिल समझते हैं और जानना चाहते हैं कि किस तरह से भारत में एमएसएमई स्टार्टअप की शुरुआत की जाती है. चलिए हम आपको बताते हैं कि कैसे किसी स्टार्टअप बिज़नेस को रजिस्टर्ड करने का काम किया जाता है.
स्टार्टअप इंडिया के साथ स्टार्टअप को रजिस्टर करने के कई प्रमुख चरण हैं, जिनका वर्णन हम एक-एक करके करने जा रहे हैं.
- बिज़नेस को कराएं लिस्ट (Incorporate Your Business)
स्टार्टअप बिज़नेस के रजिस्ट्रेशन से पहले आपको यह निर्णय लेना होगा कि आप किसी के साथ पार्टनरशिप में बिज़नेस शुरू करना चाहते हैं या फिर अकेले ही बिज़नेस करना चाहते हैं. इसी के आधार पर आगे की प्रक्रिया की जाएगी. आप अपने स्टार्टअप को प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के तौर पर रजिस्टर्ड करा सकते हैं, पार्टनरशिप फर्म के तौर पर शुरू कर सकते हैं, और लिमिटेड लाइऐबेलिटी पार्टनरशिप के तौर पर भी स्टार्टअप बिज़नेस की शुरुआत कर सकते हैं. इन सभी का रजिस्ट्रेशन सामान्य प्रक्रिया के तहत ही किया जाता है.
- स्टार्टअप इंडिया के साथ करें रजिस्टर (Register with Startup India)
स्टार्टअप बिज़नेस को रजिस्टर करने का पूरा प्रोसेस ऑनलाइन है, जिसे कुछ जरूरी डॉक्यूमेंट्स के साथ आसानी से रजिस्टर कराया जा सकता है. यहाँ पर स्टार्टअप इंडिया वेबसाइट की मदद से लॉगइन करना होगा. वेबसाइट पर खुलने वाले फॉर्म में मांगी गई सभी जरूरी डिटेल्स को भरना होगा. यहाँ पर आपको बिज़नेस का नाम, कैटेगिरी और सभी डॉक्यूमेंट्स को शामिल करना होगा.
स्टार्टअप इंडिया पर प्रोफाइट बन जाने के बाद वेबसाइट पर ही मौजूद कई सरकारी महत्वपूर्ण स्कीमों, राज्य की अन्य महत्वपूर्ण पॉलिसियों को जाना भी जा सकता है और उनके जरिए अपने स्टार्टअप में मदद भी पायी जा सकती है.
- पाएं डीपीआईआईटी से मान्यता (Get DPIIT Recognition)
प्रोफाइल क्रीएट करने के बाद आपको डीपीआईआईटी (Department for Promotion of Industry and Internal Trade) से मान्यता प्राप्त करनी होगी. डीपीआईआईटी की मान्यता मिलने पर आप अपने स्टार्टअप को कई महत्वपूर्ण योजनाओं का फायदा दिला सकते हैं. सार्वजनिक खरीद (Public Procurement), फंड ऑफ फंड में आसानी से पहुंच और टैक्स छूट का लाभ और भी दूसरे महत्वपूर्ण फायदों का लाभ उठाया जा सकता है.
- मान्यता प्राप्त करने वाले फॉर्म को भरें (Fill the Recognition Form)
सभी जानकारियाँ फॉर्म में भरने के बाद आपको मान्यता पाने के लिए उस फॉर्म को सबमिट करना होगा. ध्यान देने योग्य बात होगी कि आप फॉर्म को सबमिट करने से पहले उपलब्ध करायी गई जानकारियों को एक बार फिर जरूर देख लें, एक बार सभी जानकारी को जांचने के बाद ही सबमिट करना चाहिए. आपके द्वारा उपलब्ध करायी गई जानकारियों में किसी भी तरह की गलती न हो इसका ध्यान रखना चाहिए. फॉर्म को सबमिट करने से पूर्व इन बातों की जांच करना सबसे सही होता है.
- रजिस्ट्रेशन के लिए जरूरी डॉक्यूमेंट्स (Documents for Registration)
स्टार्टअप बिज़नेस को रजिस्टर करने से पहले आपको सभी जरूरी डॉक्यूमेंट्स के बारे में जानकारी जरूर होनी चाहिए. आपके पास वह सभी डॉक्यूमेंट्स होने चाहिए, जिनकी जरूरत स्टार्टअप बिज़नेस को रजिस्टर करने के लिए होती है.
- स्टार्टअप के डॉयरेक्टर्स की जानकारी
- बिज़नेस वेबसाइट का लिंक या फिर बिज़नेस पोर्टफोलियो
- पैन कार्ड
- पेटेंट और ट्रेडमार्क डिटेल्स
- पाएं रजिस्ट्रेशन नंबर (Get Registration Number)
रजिस्ट्रेशन पूरा होने के बाद आपको एक रजिस्ट्रेशन नंबर मिल जाता है. स्टार्टअप के लिए जरूरी मान्यता प्राप्त सर्टीफिकेट, आपके सभी डॉक्यूमेंट्स का वेरिफिकेशन होने के दो दिन बाद मिल जाता है. सर्टीफिकेट प्राप्त होने में दो दिनों का समय लग सकता है. रजिस्ट्रेशन की पूरी प्रक्रिया को बेहद ध्यानपूर्वक करना चाहिए. अगर रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया में किसी भी तरह की गलती होती है तो आपको फाईन के रूप में जुर्माना भरना पड़ सकता है. इसलिए सावधानी पूर्वक रजिस्ट्रेशन प्रोसेस को फोलो करना चाहिए.
स्टार्टअप बिज़नेस के लिए एमएसएमई स्कीमों (MSME Scheme for Startup Business) का भी फायदा उठाया जा सकता है, एमएसएमई स्कीमों के तहत अपने स्टार्टअप बिज़नेस को फंड उपलब्ध कराया जा सकता है और व्यापार को आगे बढ़ाया जा सकता है. रजिस्ट्रेशन के इन चरणों को अपना कर आप अपने स्टार्टअप बिज़नेस को रजिस्टर्ड करा सकते हैं.
लेख के बारे में आप अपनी टिप्पणी को कमेंट सेक्शन में कमेंट करके दर्ज करा सकते हैं. इसके अलावा आप अगर एक व्यापारी हैं और अपने व्यापार में किन्ही जटिल और मुश्किल परेशानियों का सामना कर रहे हैं तो आप Problem Solving Course के माध्यम से उन्हें दूर कर सकते हैं और अपने कारोबार को परेशानीमुक्त कारोबार बना सकते हैं.