एक प्याली चाय के मायने हर एक शख़्स के लिए अलग-अलग हो सकते हैं. एक कप चाय किसी के लिए खुद को नींद से जगाने का ज़रिया हो सकती है, तो वहीं किसी दूसरे व्यक्ति के लिए वही चाय की प्याली सुकून का बड़ा कारण हो सकती है. लेकिन क्या कोई व्यक्ति सुकून भरी चाय की प्याली न मिलने की वजह से अपनी लाखों की नौकरी छोड़ सकता है. यह बात आपको सुनने में शायद अटपटी लगे, लेकिन किसी बड़े ऑफिस में अपनी आरामदायक सीट पर बैठकर हर महीने लाखों कमाने वाला व्यक्ति, शायद ऐसा विचार भी अपने मन में कभी न लाए. मगर चाय के प्रति एक इंजीनियर की ऐसी दीवानगी कि उसने ऑफिस में सुकून भरी चाय न मिलने के कारण अपनी नौकरी छोड़ दी और अपनी खुद की टी-स्टॉल शुरू कर दी.

पेशे से सॉफ्टवेयर इंजीनियर छिंदवाड़ा के अंकित नागवंशी एक ऐसे ही व्यक्ति हैं जो अपनी सीट पर आने वाली दो वक्त की चाय से काफी नाखुश थे और इस परेशानी का हल नहीं मिलने पर उन्होंने अपनी उस नौकरी को अलविदा कह दिया, जिससे वो अच्छी तनख़्वाह पा रहे थे.

कैसे की चाय की स्टॉल की शुरुआतः-

अंकित बताते हैं कि नौकरी के दौरान हर रोज़ उनकी सीट पर दो कप चाय का आना मानों उन जरूरी कामों में से एक था, जो वह अपने ऑफिस में करते थे. अंकित चाय को दिन की सबसे जरूरी चीज़ों में से एक मानते हैं. एक कप चाय की प्याली उन्हें काफी सुकून देने के साथ ही काम के लिए प्रेरित भी करती है. लेकिन ऑफिस में मिलने वाली चाय उन्हे वह सुकून नहीं दे पाती थी, जिसकी तलाश में अंकित रहते थे. एक दिन चाय उनके पास पहुंची तो उन्होंने चाय लेकर आने वाले व्यक्ति से उनकी इनकम के बारे में पूछा. चाय लेकर आए व्यक्ति की इनकम को जानकर अंकित हैरान रह गए. उस व्यक्ति की इनकम उनकी उम्मीद से कहीं ज्यादा थी, लेकिन फिर भी उस चाय में वह स्वाद नहीं था जिसकी चाह अंकित को हुआ करती थी.

इसके बाद एक दिन अंकित ने अचानक ही अपनी नौकरी से इस्तीफा देकर ‘इंजीनियर चायवाला के नाम से अपनी चाय के स्टॉल की शुरुआत कर दी. अंकित अपनी टी-स्टॉल पर तीन तरह की चाय के साथ ही पोहा भी रखते हैं. इंजीनियर चायवाला टी- स्टॉल पर इम्यूनिटी चाय कि कीमत 8 रुपये, साऊथ इंडियन कॉफी कि कीमत 15 रुपये, मसाला चाय कि कीमत 8 रुपये और नागपुरी तर्री पोहे कि कीमत 12 रुपये है.

कैसे हुए विख्यातः-

अंकित के टी-स्टॉल को उनकी चाय के स्वाद के साथ ही उनके स्टॉल पर लिखा उनका परिचय प्रमाण भी आकर्षण का केंद्र बनाता है. अंकित अपनी टी-स्टॉल पर लिखते हैं- वैसे तो मैं सॉफ्टवेयर इंजीनियर हूँ. मैं कई कंपनियों जैसेः विप्रो, बिज़नेस इंटेलीजेंस और ट्रस्ट सॉफ्टवेयर में काम कर चुका हूँ, जहां पर पैसे तो मिलते थे लेकिन सुकून नहीं मिलता था. मैं हमेशा से ही बिज़नेस करना चाहता था. हर रोज़ मेरी टेबल पर चाय आती थी लेकिन मुझे कभी बेहतरीन चाय नहीं मिली. मैं हमेशा से ही चाय का शौकीन रहा हूँ. मैं चाहता था कि एक लाज़वाब चाय पीने को मिले, तो मैने चाय के स्टॉल से ही अपने छोटे से बिज़नेस की शुरुआत की है और मैं अब बन गया हूँ इंजीनियर चायवाला.

अंकित के इसी टी-स्टॉल की फोटो को छत्तीसगढ़ के आईएएस ऑफिसर अविनाश सरन ने अपने ट्वीटर हैंडल पर शेयर करते हुए लिखा है, आज के समय में इतनी ईमानदारी कहां दिखती है. सब कुछ साफ-साफ बता दिया इन्होंने!! इंजीनियर चायवाला.

अविनाश सरन के द्वारा अंकित के टी-स्टॉल की तस्वीर को ट्वीटर पर शेयर करने के बाद से ही सभी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर इंजीनियर चायवाला की यह कहानी काफी सुर्खियां बटोर रही है. तभी से उनका टी-स्टॉल करोड़ों लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र बना हुआ है और बिज़नेस की शुरुआत करने वाले लोगों के लिए अंकित प्रेरणा  का स्त्रोत बन गए हैं.