कोविड-19 और देश की कमजोर अर्थ व्यवस्था के कारण पिछले कुछ माह में कई छोटी-बड़ी कंपनियां बंद हुईं अथवा वहां छंटनी हुई. कुछ स्थानों पर सेलरी पर भी असर पड़ा. यानी सबसे ज्यादा दिक्कत वेतन भोगियों को उठाना पड़ा है. इसे देखते हुए भारत सरकार लोगों को आत्म निर्भर बनने का आह्वान करते हुए उन्हें खुद अपना व्यवसाय शुरू करने के लिए प्रेरित कर रही है. लेकिन 'नौकर नहीं मालिक बनिये' की यह मनभावन मुहिम क्या इतना आसान है? या फिर पहले की तुलना में आज खुद का व्यवसाय शुरू करना अपेक्षाकृत ज्यादा आसान हो गया है? आइये देखते हैं.
भारत में ऐसे कई उदाहरण मिलेंगे, जब एक आम आदमी छोटा-मोटा कारोबार शुरू कर अरबपति बना और आज देश की अर्थ व्यवस्था का रीढ़ साबित हो रहा है. दरअसल अधिकांश लोगों के पास व्यवसाय से संबंधित तमाम तरह आयडियाज होते हैं और वे इसे फालो भी करना चाहते हैं, लेकिन लाभ-हानि, सफलता-असफलता के उहापोह में फंसकर वह कोई जोखिम नहीं उठा पाता. कभी-कभी परिवार, समाज अथवा आर्थिक दबाव के कारण वह रिस्क लेने से डरता है. उसे लगता है कि बंधी-बंधाई नौकरी छोड़ने के बाद अगर व्यवसाय नहीं चला तो परिवार का गुजारा कैसे होगा.
उद्योग का सफर
यह सच है कि किसी भी व्यवसाय को शुरू करना और उसे सिफर से शिखर तक पहुंचाना आसान नहीं है, यद्यपि ऐसे उद्योगपतियों की कहानी सुनना अद्भुत और रोमांचकारी लगता है. क्योंकि यह यात्रा आपसे कड़ी मेहनत करवाती है, रास्ते में आनेवाली बाधाओं के लिए आपको स्वयं रास्ता निकालकर आगे बढ़ना होता है. आपको इसे एक मिशन की तरह लेना पड़ता है. अफलता अथवा हानि की अवस्था में द्दढ़ रहते हुए स्वयं के विश्वास को मूर्त रूप देना पड़ता है. आप बार-बार गिरते हैं, लेकिन आपको स्वयं उठकर आगे बढ़ना होता है, आपके डांवाडोल हो रहे मानसिक संतुलन को बरकरार रखना पड़ता है. आप जानते हैं कि कोई आपकी मदद के लिए नहीं आयेगा. अपनी मदद आपको स्वयं करनी होती है. अगर आप रास्ते में आनेवाली समस्याओं का समाधान निकाल लेते हैं तो सफलता आपके कदम चूमने लगती है.
आप व्यवसाय क्यों शुरू करना चाहते हैं?
किसी भी व्यवसाय का हिस्सा बनने से पहले यह सुनिश्चित करें कि आप कोई व्यवसाय क्यों शुरू करना चाहते हैं? आपका मिशन आपका अंतिम लक्ष्य क्या है? लक्ष्य तक पहुंचने के लिए आप कितना समय चाहते हैं? क्या आप महज करोड़पति बनना चाहते हैं अथवा व्यवसाय के माध्यम से लोगों को रोजगार अथवा अन्य तरह की मदद करना चाहते हैं.
कैसे शुरू करें व्यवसाय
किस तरह का व्यवसाय करना चाहते हैं?
व्यवसाय जगत में कदम रखने से पूर्व यह सुनिश्चित करें कि आप कौन-सा व्यवसाय करना चाहते हैं. आप किस तरह के उत्पाद तैयार करने में दिलचस्पी रखते हैं और क्यों? क्या आप अपनी हॉबी को व्यवसायिक रूप देना चाहते हैं, अथवा अपने किसी विशिष्ठ अनुभव को व्यवसायिक रूप देना चाहते हैं? आपका व्यवसायिक आयडिया या आपकी सोच क्या है, अपने अमुक प्रोडक्ट के लिए कस्टमर कैसे तैयार करेंगे?
व्यवसायिक रणनीति
आप सुनिश्चित करें कि आपकी व्यवसायिक रणनीति क्या है?
आपको सर्वप्रथम अमुक व्यवसाय के लिए एक रणनीति तय करनी होगी. आप दूसरों की तुलना में कैसे एक अच्छा प्रोडक्ट अथवा सेवाएं दे सकते हैं. आपका व्यवसायिक नजरिया दूसरों से कितना अलग और खास है कि मार्केट में आप अपना सिक्का चला सकें. अपने व्यवसाय को कदम-दर-कदम कैसे आगे बढ़ायेंगे. अपने उत्पाद का किन-किन तरीकों से लाभार्जन कर सकते हैं?
कार्यक्षेत्र का चुनाव और वित्तीय व्यवस्था
आप यह भी सुनिश्चित करें कि आप किस क्षेत्र विशेष से अपना कारोबार शुरू करने जा रहे हैं. घर से अथवा व्यवसाय के लिए आप कोई कार्यालय लेना चाहते हैं, ताकि आप स्वतंत्र और उसी मूड के अनुरूप अपना कार्य कर सकें.
अब बात आती है वित्तीय व्यवस्था की. आप सुनिश्चित करें कि आप जिस भी वस्तु का व्यवसाय शुरू करने जा रहे हैं, उसके लिए आपको शुरूआत में कितनी पूंजी की जरूरत हो सकती है और उसकी व्यवस्था आप कैसे करेंगे. पूंजी लगाने से पूर्व यह भी सुनिश्चित करें कि आपका व्यवसाय कब से लाभ देना शुरू करेगा, ताकि आप अपनी पूंजी का उसी अनुपात से इस्तेमाल कर सकें. कम पूंजी से व्यवसाय शुरू करना कम जोखिमपूर्ण होता है.
संपत्ति प्रबंधन
व्यवसाय शुरू करने से पहले एक खाका बना लें कि इसके लिए किन-किन सम्पत्तियों की आपको आवश्यकता है. मसलन भूमि, कार्यालय, फर्नीचर, मशीनरी इत्यादि, तथा इन सम्पत्तियों की व्यवस्था कैसे करेंगे. आप नया ऑफिस, नया फर्नीचर चाहते हैं या किराये पर लेना चाहते हैं इसके अलावा और किस तरह के खर्चे होंगें, उदाहरण के लिए कर्मचारियों को वेतन, ऑफिस मेंटेनेंस, ऑफिस का किराये इत्यादि उसी हिसाब से पूंजी का प्रबंधन करना होता है.
बाजार पर भी शोध करें
कोई भी उत्पाद बनाने से पूर्व यह शोध अवश्य कर लें कि बाजार में आपके उत्पाद की मांग क्या और कितनी है. इसके लिए रिसर्च करें, इंटरनेट से जानकारी प्राप्त करें कि बाजार में किस प्रोडक्ट की कितनी मांग है, आप इस बात का भी सर्वे करें या करवायें कि आपके उत्पाद में क्या कमी है और उसे किस तरह दूर किया जा सकता है. आपको यह सब तत्काल करना होगा. तभी आप अपनी अलग साख बना सकेंगे.
व्यापारिक संरचना
आपकी व्यावसायिक संरचना कैसी होगी
अपने व्यवसाय की रूप रेखा तैयार करने के बाद आप सुनिश्चित करें कि आप यह व्यवसाय एकल शुरू करना चाहते हैं अथवा साझेदार के साथ करना चाहते हैं. अगर एक कंपनी फर्म करके व्यवसाय शुरू कर रहे हैं तो आपको कंपनी को रजिस्टर्ड करवाना होगा. ध्यान रहे कि किसी भी व्यावसायिक संरचना के लिए आपको वित्तीय स्त्रोतों का भी ध्यान रखना होगा.
वित्तीय विकल्प
अपने व्यवसाय की संरचना के अनुरूप वित्तीय आवश्यकताओं के विभिन्न स्त्रोतों का पूर्व विश्लेषण अवश्य कर लें, ताकि वित्तीय समस्या आपके मार्ग का रोड़ा न बन सकें. आप सुनिश्चित करें कि वित्तीय आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए क्या आप CGTMSE Business Loan लेंगे अथवा नाते-रिश्तेदारों या मित्रों से ऋण लेंगे. इन दिनों सरकार भी नये उद्योगों के लिए फाइनेंस कर रही है. इसके अलावा स्टार्टअप फंडिंग के और भी कई नये स्त्रोत उपलब्ध हैं. उदाहरण के लिए एंजेल इन्वेस्टर्स, वेंचर कैपिटल फण्ड, क्राउड-फंडिंग इत्यादि. यहां इस बात का भी ध्यान रखें कि फंडिंग के लिए आवश्यक डाक्यूमेंट्स की पहले से व्यवस्था करके रखें.
अब शुरू करें अपना व्यवसाय
व्यवसाय से संबंधित सारी आवश्यक जानकारी हासिल करने के बाद अब आप व्यवसाय का श्रीगणेश कर सकते हैं. धीरे-धीरे अपने व्यवसाय के आवश्यक संसाधनों का व्यवस्था करें. अगर जरूरी समझते हैं तो कर्मचारियों की नियुक्ति, कार्यालय की व्यवस्था और प्रोडक्शन संबंधी तमाम वस्तुओं की व्यवस्था शुरू करें. इसके बाद सबसे आवश्यक बिजनेस प्लान का खाका तैयार करें. बाजार पर और ग्राहकी किसी भी नये उद्योग के लिए सबसे कठिन कार्य होता है. तभी आप अपने संपूर्ण कौशल का प्रदर्शन कर सकेंगे. अपनी सेवा को लेकर ग्राहकों और दुकानदारों के प्रति भरोसा और विश्वास बनायें.
यूएसपी (Unique Selling Point)
आप अपना व्यवसाय प्रारंभ कर चुके हैं. अब आपको लगातार मेहनत और संघर्ष करते हुए आगे बढ़ना है, तभी अपने व्यवसाय की कामयाबी का परचम लहरा सकेंगे. ज्यों-ज्यों आप अनुभव हासिल करते जायेंगे आपको अपनी यूएसपी बनानी होगी. आपको बाजार में अपने प्रोडक्ट का लीडर बनने की कोशिश करनी होगी. व्यवसाय की सबसे अहम बात यह भी है कि आप अपने कर्मचारियों पर नजर अवश्य रखें लेकिन उन्हें विश्वास में लेते हुए अपने पार्टनर सरीखा व्यवहार करें. इतना करने के बाद आपको एक सफल व्यवसायी बनने से कोई नहीं रोक सकता.