जापान, एक ऐसा देश जिसके बारे में कौन नहीं जानता। 1945 में दो परमाणु बमों से पूरी तरह बर्बाद हो चुके जापान ने फिर से बाउंस बैक किया। आज जापान अर्थव्यवस्था के मामले में विश्व में तीसरा सबसे बड़ा देश है। यहाँ के लोग लम्बा जीवन जीते हैं। जापान के लोग इतने अनुशासित हैं कि यदि यहाँ ट्रैन किसी कारणवश 1 सेकंड भी लेट हो जाए, तो कर्मचारी प्रत्येक यात्री से माफ़ी माँगते हैं।

4 जापानी फिलॉसफी

आज के आर्टिकल में हम आपको बता रहे हैं 4 जापानी फिलॉसफी जिनको अपनाकर आप अपनी सफलता सुनिश्चित कर सकते हैं–

1. वाबी साबी

वाबी साबी का अर्थ है अपूर्णता में पूर्णता को तलाशना। जापान में यह माना जाता है कि प्रकृति में कुछ भी एक जैसा नहीं है और प्रकृति ने जो भी बनाया है, वो अपने आप में पूर्ण है। हम कई बार देखते हैं कि हम हमारी कमजोरियों को लेकर दुखी रहते हैं, जिसके कारण हम अपनी ताकत को नजरअंदाज कर देते हैं।

प्रसिद्ध संगीतकार रवीन्द्र जैन जन्म से देख नहीं पाते थे, वे चाहते तो औरों की तरह अपनी इस कमजोरी को लेकर दुखी रहते। लेकिन उन्होंने अपने अंदर छिपे टैलेंट को पहचाना और बहुत बड़े संगीतकार बने। यदि आप भी जीवन में सफल होना चाहते हैं, तो वाबी साबी पर विश्वास कर अपने अंदर छिपे टैलेंट को या अपनी ताकत को पहचानिये।

2. काइज़ेन

काइज़ेन का अर्थ है लगातार सुधार करना। यदि आप अपने आप में कुछ बदलाव करना चाहते हैं, तो उसकी शुरुआत बहुत छोटे से कदम से कर सकते हैं। जब आप अपनी दिनचर्या में छोटे-छोटे अच्छे बदलाव करते हैं और उन बदलावों पर लगातार टिके रहते हैं, तो आप देखेंगे कि यह छोटे-छोटे बदलाव आपको जीवन में आगे चलकर बहुत बड़ा लाभ दे सकते हैं।

इसको आप इस तरह से समझ सकते हैं कि जब कोई व्यक्ति म्यूच्यूअल फंड में हर महीने मात्र 500 रुपये इन्वेस्ट करता है, तो यह आपको बहुत छोटा इन्वेस्टमेंट लगेगा। लेकिन जब यह इन्वेस्टमेंट लगातार कुछ सालों तक होगा, तो इससे आपको उम्मीद से ज्यादा लाभ मिल जाता है।

3. गमन

जीवन में परेशानियां और चुनौतियां सबके सामने आती हैं, लेकिन कोई इन चुनौतियों से हार जाता है और कोई इन चुनौतियों का सामना कर जीवन में सफल हो जाता है। इसी बात पर ज़ोर देती है जापानी अवधारणा "गमन"। हम जितने भी सफल लोगों को देखते हैं, उनके जीवन में भी कई परेशानियां सामने आयी थी, लेकिन उन्होंने उन परेशानियों का सामना कर ही जीवन में सफलता पायी है।

4. शिकीता गा नई

श्रीमद्भगवद्गीता में कहा गया है कि "कर्म करो फल की इच्छा मत करो।" जापानी कहावत "शिकीता गा नई" का अर्थ भी यही है। इस अवधारणा के अनुसार हमें सिर्फ उन्हीं बातों की फ़िक्र करनी चाहिए, जो हमारे हाथ में है। उदाहरण के लिए हम किसी भी कर्म का फल निर्धारित नहीं कर सकते, हमारे हाथ में परिश्रम करना है। इसलिए हमें परिश्रम करना चाहिए, हमारे परिश्रम के आधार पर हमें फल या परिणाम प्राप्त होगा।

उपरोक्त सभी अवधारणाएं जापान के लोगों के जीवन का एक अहम हिस्सा हैं। ऐसी कई अवधारणाओं का पालन करके जापान ने सफलता प्राप्त की है। यदि आप भी सुखी, समृद्ध और सफल जीवन जीना चाहते हैं, तो इन अवधारणाओं का आज से ही अपने जीवन में पालन शुरू कर दें।


आशा है कि आज का यह आर्टिकल आपको अच्छा लगा होगा। इसके बारे में अपने विचार हमें कमेंट करके अवश्य बताएं। इसके अलावा आप अगर एक व्यापारी हैं और अपने व्यापार में कठिन परेशानियों का सामना कर रहे हैं और चाहते हैं कि स्टार्टअप बिज़नेस को आगे बढ़ाने में आपको एक पर्सनल बिज़नेस कोच का अच्छा मार्गदर्शन मिले तो आपको Anybody Can Earn का चुनाव ज़रूर करना चाहिए जिससे आप अपने बिज़नेस में एक अच्छी हैंडहोल्डिंग पा सकते हैं और अपने बिज़नेस को चार गुना बढ़ा सकते हैं।