उत्तर प्रदेश एमएसएमई (MSME) विभाग और फ्रांस में भारत के राजदूत जावेद अशरफ (Jawed Ashraf) ने रक्षा और एयरोस्पेस, टेक्स्टाइल, जूते और कौशल विकास जैसे क्षेत्रों में संभावना तलाशने के लिए हाथ मिलाया है. राज्य के एमएसएमई मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह (Sidharth Nath Singh) ने बुधवार को वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से जावेद अशरफ के साथ बातचीत की. बातचीत के दौरान जावेद अशरफ ने निवेश को बढ़ावा देने के लिए नियमों में ढील देते हुए राज्य सरकार द्वारा की गई पहल पर चर्चा की. दोनों नेताओं ने COVID-19 महामारी के बीच बाधित सप्लाई चेन को रीलोकेट करने के लिए एक वर्किंग ग्रुप गठित करने पर सहमति व्यक्त की.
सिद्धार्थ नाथ सिंह ने कहा, "भारत और उत्तर प्रदेश से फ्रांस (France) में निर्यात की प्रतिशत क्षमता बढ़ाने का यह एक बड़ा अवसर है. ग्रेटर नोएडा में जेवर हवाई अड्डे के पास रखरखाव, मरम्मत और ओवरहाल (एमआरओ) के लिए एक बड़ी भूमि रखी गई है जिससे फ्रांसीसी कंपनियों को निवेश के अवसर दिए जा सकते हैं."
अतिरिक्त मुख्य सचिव (एमएसएमई और निर्यात संवर्धन) नवनीत सहगल (Navneet Sehgal) ने कहा, "यूपी और फ्रांस के बीच हुए समझौतों से निवेश और निर्यात को बढ़ावा देने में मदद मिलेगी, यूपी के पास उत्कृष्ट नीतियां और प्रोत्साहन है, और यह निवेश को राज्य और राज्य से बाहर विभिन्न देशों में निर्यात को बढ़ावा देने का एक शानदार अवसर है."
अपनी राय व्यक्त करते हुए जावेद असरफ ने कहा कि निवेश और निर्यात को बढ़ावा देने के लिए अपनी पहल के साथ उत्तर प्रदेश फ्रांस से संपर्क करने वाला पहला राज्य था और हाल के वर्षों में अपनी छवि बदलने में सफल रहा है. इस बीच यूपी एमएसएमई मंत्री ने कहा कि फ्रांस यूरोपीय संघ के बाजार का प्रवेश द्वार है. उन्होंने यह भी कहा कि फ्रांस के साथ गठजोड़ उत्तर प्रदेश के लिए एक आकर्षक अवसर हो सकता है.