नई दिल्ली: केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने कुछ दिन पहले ही राष्ट्रीय स्टार्टअप पुरस्कार 2020 विजेताओं की घोषणा की थी. पुरस्कार प्राप्त करने वालों की लिस्ट देखने के लिए यहाँ क्लिक करें. उद्योग संवर्धन और आंतरिक व्यापार विभाग (डीपीआईआईटी) ने सेवाओं तथा उत्पादों में नवाचार, नए विचार के साथ समाज में बड़े बदलाव, रोज़गार के व्यापक अवसर पैदा करने और धन उपार्जन में नव उद्यमियों के योगदान को मान्यता और प्रोत्साहन देने के लिए राष्ट्रीय स्टार्ट अप पुरस्कार प्रदान करने की परंपरा शुरू की है. निवेशकों के लिए सफलता का पैमाना सिर्फ वित्तीय लाभ नहीं है बल्कि समाज की भलाई के लिए उनके द्वारा किया गया योगदान भी सफलता का मापदंड है.
इन पुरस्कारों के पहले संस्करण के लिए 12 क्षेत्रों से कुल 35 उप-श्रेणियों में नामांकन आमंत्रित किए गए थे, जिनमें कृषि, शिक्षा, उद्यम प्रौद्योगिकी, ऊर्जा, वित्त, खाद्य, स्वास्थ्य, उद्योग 4.0, अन्तरिक्ष, सुरक्षा, पर्यटन और शहरी सेवाएं शामिल हैं. देश के 23 राज्यों और 4 केंद्र शासित प्रदेशों से कुल 1,641 आवेदन प्राप्त हुए थे. इन आवेदनों में 654 आवेदन महिलाओं के नेतृत्व वाले स्टार्टअप से हैं जबकि 165 अकादमिक संस्थानों में शुरू किए गए स्टार्टअप से हैं और 331 ग्रामीण क्षेत्रों में काम करने वाले स्टार्टअप से हैं.
इन आवेदनों का मूल्यांकन 6 मापदण्डों नवाचार, मापनीयता, आर्थिक प्रभाव, सामाजिक प्रभाव, पर्यावरण प्रभाव और समावेशी तथा विविधता पर आधारित है. तीन चरणों के विस्तृत मूल्यांकन के उपरांत 199 स्टार्टअप को जूरी के समक्ष प्रस्तुत किया गया था. इनमें से 192 स्टार्टअप ने 15 सदस्यीय जूरी पैनल के समक्ष अपनी प्रस्तुति दी. इस पैनल में उद्योग, निवेशक और सरकार की तरफ से विभिन्न विशेषज्ञ शामिल थे.
इन पुरस्कारों के माध्यम से जिन स्टार्टअप्स को मान्यता मिलेगी उन्हें अपने व्यवसाय को और बड़े स्तर पर ले जाने, निवेश बढ़ाने, साझेदारी और कौशल आकर्षित करने सहित कई तरह से लाभ मिलेंगे. साथ ही उनके सामाजिक-आर्थिक प्रभाव के मध्यम से उन्हें अपने क्षेत्र में रोल मॉडल बनने का अवसर मिलेगा.