केंद्र सरकार के अधीनस्थ गाय आयोग का कहना है कि थोड़ी सी कोशिश की जाये तो व्यर्थ समझा जाने वाला गाय का गोबर भारी मात्रा में राजस्व की संभावनाएं पैदा कर सकता है. इसके जरिये एक आकर्षक व्यवसाय शुरु किया जा सकता है.जिससे अच्छी खासी आय अर्जित की जा सकती है. आइये जानें इस संदर्भ में राष्ट्रीय गाय आयोग (National Cow Commission) क्या कहता है.

यदि आप आये दिन तेजी से बढ़ रहे ईंधन अथवा तेल की कीमतों, जलवायु परिवर्तन आदि को लेकर चिंतित हैं, तो भारत के राष्ट्रीय गाय आयोग (National Cow Commission) के पास एक व्यावसायिक आईडिया है. गाय के गोबर से तैयार कंप्रेस्ड प्राकृतिक गैस (Compressed Natural Gas) का इस्तेमाल करें, यह सस्ता होने के साथ-साथ स्वदेश निर्मित भी है. यद्यपि अभी तक इसके लिए कोई पंप नहीं है, लेकिन राष्ट्रीय कामधेनु आयोग अथवा राष्ट्रीय गाय आयोग के पास कैश काऊ जैसा लाभदायक आईडिया भी हैं. वाहनों के लिए गाय के गोबर से तैयार गैस (CNG) पंपों के अलावा गाय के व्यवसाय (Cow Entrepreneurship) को बढ़ाने के लिए बुल सीमन बैंक और गाय पर्यटन शुरु करने का प्रस्ताव मौजूद है.

गाय उद्योग एंटरप्रेन्योरशिप कॉन्सेप्ट का वेबीनार्स में उल्लेख है. आरकेए ने अपने वेबसाइट पर बताया है कि दुनिया भर के कई व्यवसायियों ने सदियों पुराने इस व्यवसाय को बड़ी बुद्धिमता के साथ नये युग की तकनीक का इस्तेमाल करते हुए संभावनाओं पर कार्य शुरु किया है, जो दीर्घकालीन होगा.

बायोगैस ईंधन लंबे समय से इस्तेमाल किया जा रहा है. इन गैसों को सिलेंडरों में भरकर खाना पकाने के लिए इस्तेमाल किया जाता है. इसके साथ-साथ गाय के गोबर से मिलने वाली ऊर्जा का उपयोग परिवहनों आदि के लिए भी किया जा सकता है. इसका निर्माण बड़े पैमाने पर शुरु करके कोई भी सीएनजी पंप स्थापित कर सकता है. गाय आयोग की वेबसाइट के अनुसार इस तरह से परिवहन उद्योग को सस्ता एवं आसानी से उपलब्ध ऊर्जा मिलेगी. व्यर्थ समझे जाने वाले गाय के गोबर से भारी राजस्व अर्जित किया जा सकता है और आसानी से कोई भी इस व्यवसाय को शुरु कर सकता है.

वर्तमान में दिल्ली में पेट्रोल का भाव 90 रुपये की सीमा को पार कर चुका है, वहीं डीजल की कीमत भी 80 रुपये के ऊपर है. फरवरी 2020 के बाद से, पेट्रोल 17.50 रुपये प्रति लीटर से ज्यादा महंगा हुआ जबकि और डीजल की कीमतों में 16 रुपये प्रति लीटर का इजाफा हुआ है.

गाय आयोग केंद्र सरकार के पशुपालन विभाग के अधीन संचालित है. इसके साथ ही व्यवसायियों के लिए एक अन्य प्रपोजल के तहत बैलों के लिए सीमन बैंक भी उपलब्ध हैं. स्वस्थ एवं उच्च गुणवत्ता के वंशावली वाले बैलों की मांग हमेशा से रही है, इनसे तैयार बछिये पीढ़ियों से बड़ी मात्रा में दूध देते आ रहे हैं, इन्हें भी खूब पसंद किया जा रहा है. गौ-पालन से जुड़े व्यवसायी ऐसे बैलों को खूब पसंद करते हैं और इसके लिए वे अच्छी खासी रकम भी खर्च करने के लिए तैयार रहते है.

राजस्थान में कुछ ऐसे गेस्ट हाउस हैं, जिनकी दीवारें गाय के गोबरों से तैयार की गई हैं. इन गेस्ट हाउसों में केवल जैविक खाद्य-पदार्थ परोसे जाते हैं. ऐसे गेस्ट हाउस विदेशियों को खूब रास आ रहे हैं. वे अकसर यहां आते हैं और कुछ समय गुजारने के बाद ही वापस लौटते हैं.