मैनेजमेंट के इन तरीकों को अपनाकर स्टोर से कमाएं ज्यादा लाभ
आपने अपने आसपास कई स्टोर्स देखे होंगे, आपमें से भी कई लोग इस तरह के स्टोर्स का संचालन करते होंगे। लेकिन कई लोगों को यह परेशानी होती है कि स्टोर्स में कड़ी मेहनत करने के बाद भी उन्हें ज्यादा लाभ नहीं होता।
यह स्टोर्स छोटे बड़े हर प्रकार के हो सकते हैं। लेकिन इन सभी में एक चीज़ कॉमन है, जो इन्हें लाभ का या हानि का बिज़नेस बनाता है, और वो है मैनेजमेंट। यदि आपके स्टोर से आपको लाभ प्राप्त नहीं हो रहा है, तो आप सही मैनेजमेंट करके उससे लाभ कमा सकते हैं।
यदि आप भी अपने स्टोर से लगातार लाभ कमाना चाहते हैं, तो आज का यह आर्टिकल आपको ज़रूर पढ़ना चाहिए –
- स्टॉक मैनेजमेंट: किसी भी स्टोर में बेचा जाने वाला सामान स्टॉक कहलाता है। कई बार स्टोर में स्टॉक मैनेजमेंट सही से ना होने के कारण आपको नुकसान उठाना पड़ सकता है। इसके अंतर्गत आपको यह ध्यान रखना होगा कि आपके स्टोर सबसे ज्यादा किन-किन प्रोडक्ट्स की बिक्री होती है, आपके पास कौन सा प्रोडक्ट ख़त्म हो चुका है और कौन सा प्रोडक्ट ख़त्म होने वाला है। इससे आप दिनभर की सेल्स की भी जानकारी रख सकते हैं और दिनभर के लाभ के बारे में आसानी से पता लगा सकते हैं।
- एक्सपायरी मैनेजमेंट: आप चाहे ग्रोसरी स्टोर चलाते हों, मेडिकल स्टोर, या सब्जियों का स्टोर, किसी भी प्रोडक्ट की एक्सपायरी होना तय है। आप एक स्टोर को इमेजिन कीजिये और सोचिये कि वहां कई सारे प्रोडक्ट्स हैं। अब ऐसे में आप कैसे जान पाएंगे कि किस प्रोडक्ट की एक्सपायरी डेट पास आ रही है। यदि आप इसका सही से मैनेजमेंट कर पाते हैं, तो आप ऐसे प्रोडक्ट जिनकी एक्सपायरी ख़त्म होने वाली है, उन्हें जल्दी बेच पाएंगे। इसके साथ ही जिन प्रोडक्ट की एक्सपायरी ख़त्म हो चुकी है, उन्हें हम अलग कर सकते हैं।
- कस्टमर के बिहेवियर का एनालिसिस: स्टोर में कई सारे कस्टमर्स होते हैं और हर कस्टमर की अलग अलग पसंद होती है। यदि आप सभी चीजों का मैनेजमेंट ठीक से करते हैं, तो आप उससे कस्टमर्स के बिहेवियर का एनालिसिस भी कर सकते हैं। उदाहरण के लिए आपका ग्रोसरी स्टोर है, आप कस्टमर का बिहेवियर एनालिसिस करके यह समझ सकते हैं कि आपके स्टोर पर कौन कौन से प्रोडक्ट ज्यादा बिकते हैं और कौन से प्रोडक्ट कम बिकते हैं। यदि कोई कस्टमर कुछ विशेष प्रोडक्ट खरीदता है, तो आप उस प्रोडक्ट से जुड़े डिस्काउंट या कोई और स्कीम के मैसेज या नोटिफिकेशन भी कस्टमर को भेज सकते हैं।
- कंप्लायंस मैनेजमेंट: किसी भी बिज़नेस को चलाने के लिए सरकार द्वारा कुछ रूल्स, रेगुलेशन और पॉलिसियां निर्धारित की जाती है, जिसे कंप्लायंस कहते हैं। आप को कौन कौन से डॉक्यूमेंट तैयार रखना है, किस प्रोडक्ट पर कितना और कौन सा टैक्स देना है, यह सब भी स्टोर के लिए बहुत ज़रूरी है। यदि आपके पास किसी भी डॉक्यूमेंट की कमी होगी, तो इससे आपके स्टोर की साख बिगड़ सकती है। इसलिए कंप्लायंस मैनेजमेंट भी बहुत ज़रूरी है।
- कोलेबोरेटिव कॉमर्स: स्टोर में काम करने के लिए बाहर के लोगों के साथ भी कॉलाबोरेशन करना पड़ता है, जैसे हमारे सप्लायर्स। यदि आप मैनेजमेंट सही तरीके से करते हैं, तो आप इनसे जुड़ी कई जानकारियों का एनालिसिस कर सकते हैं। आपके नजदीकी सप्लायर्स कौन कौन हैं, कौन सस्ता सामान बेचता है और कौन महंगा, इन जानकारियों के होने से आपके स्टोर का लाभ बढ़ सकता है।
आज टेक्नोलॉजी ने बहुत तरक्की कर ली है। मैनेजमेंट को ऑटोमेटेड करने के लिए अब मार्केट में कई प्रकार के अच्छे और एडवांस्ड सॉफ्टवेयर्स उपलब्ध हैं, जिनकी मदद से आप अपने स्टोर को अच्छे से और आसानी से मैनेज कर सकते हैं।
स्टोर मैनेजमेंट से जुड़ा हमारा यह आर्टिकल आपको कैसा लगा, इसके बारे में अपने विचार कमेंट करके ज़रूर बताएं। इसके अलावा आप अगर एक व्यापारी हैं और अपने व्यापार में कठिन परेशानियों का सामना कर रहे हैं और चाहते हैं कि स्टार्टअप बिज़नेस को आगे बढ़ाने में आपको एक पर्सनल बिज़नेस कोच का अच्छा मार्गदर्शन मिले तो आपको Anybody Can Earn का चुनाव ज़रूर करना चाहिए जिससे आप अपने बिज़नेस में एक अच्छी हैंडहोल्डिंग पा सकते हैं और अपने बिज़नेस को चार गुना बढ़ा सकते हैं।