सोशल मीडिया पर आपने कथावाचक देवी चित्रलेखा जी (Devi Chitralekha Ji) के बारे में जरूर देखा और पढ़ा होगा, देवी चित्रलेखा जी की कथाएं और भजन सोशल मीडिया पर वायरल होते ही रहते हैं।

जिस उम्र में युवा अपना करियर बनाने और जिंदगी को जीने में व्यस्त होता है, उस उम्र में देवी चित्रलेखा जी समस्त समाज को धर्मशास्त्र का कथावाचन करके उनका मार्गदर्शन कर रही हैं। सोशल मीडिया पर उनकी कही बातों को तो आपने शायद सुना ही होगा लेकिन क्या आप जानते हैं, देवी चित्रलेखा जी कौन है और इतनी कम उम्र में वो इतनी प्रख्यात कथावाचक कैसे बनीं।

कौन हैं देवी चित्रलेखा जी?

देवी चित्रलेखा जी का जन्म 19 जनवरी 1997 को हरियाणा के पलवल जिले के खंबी गांव में एक ब्राह्मण परिवार में हुआ था। जब देवी चित्रलेखा जी का जन्म हुआ, तब उनके जन्म की खुशी में बहुत से साधु-संतों को आमंत्रित किया गया। तब एक संत ने उनके पिता से कहा कि आपकी ये बेटी बहुत ही चमत्कारी है, ये बड़ी होकर एक महान व्यक्तित्व बनकर उभरेगी। जल्द ही संत की कही ये बात पूरी दुनिया के सामने सच भी होने लगी।

चार साल की उम्र में ही शुरू की धार्मिक ग्रंथों की शिक्षा

जब देवी चित्रलेखा जी सिर्फ चार साल की थीं, तब उनके पिता ने उन्हें श्री गिरधारी बाबा जी के आश्रम में गौड़ीय वैष्णववाद की शिक्षा प्राप्त करने के लिए भेज दिया था। इसके अलावा उनकी स्कूली पढ़ाई पलवल के ही एक सरकारी स्कूल से हुई। 2 साल तक कथावाचन की ट्रेनिंग लेने के बाद 6 साल की उम्र में उन्होंने खुद कथावाचन करना शुरू कर दिया था। आज देवी चित्रलेखा जी समस्त देश के लिए कथावाचक के तौर पर एक प्रेरणा बन चुकी हैं। साल 2019 में देवी चित्रलेखा जी को आध्यात्मिक और युवा उपदेशक के लिए “वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड्स” से सम्मानित भी किया जा चुका है।

देवी चित्रलेखा जी की शादी भी कई चर्चाओं का विषय बनी थी, 20 साल की उम्र में ही उन्होंने शादी कर ली। खास बात ये थी कि देवी चित्रलेखा जी ने अपनी शादी किसी मैरिज गार्डन या फिर होटल में ना करके पलवल के ही अपने गौ सेवा धाम अस्पताल में की थी। उनका मानना है कि शादी में बेफिजूल खर्च करने से बेहतर है कि उन पैसों को किसी सामाजिक कार्य में लगाया जाए।

देवी चित्रलेखा जी अपने सुरीले भजनों और कथावाचन से आज करोड़ो लोगों का मार्गदर्शन कर रही हैं और वो आगे भी इसी तरह समाज की बेहतरी के लिए अपने इस कार्य को जारी भी रखना चाहती हैं।