Success Story : Flipkart को-फाउंडर बिन्नी बंसल की सफलता की कहानी

Binny Bansal Biography in Hindi

उन्होंने ग्रेजुएशन के बाद एक नामी अंतरराष्ट्रीय कंपनी में काम शुरू किया, लेकिन सिर्फ 9 महीनों में ही उन्होंने अपनी सोच को दिशा दी और एक बड़ा फैसला लिया।

मार्केट की ज़रूरतों को समझते हुए उन्होंने अपने दोस्त के साथ मिलकर खुद का स्टार्टअप शुरू किया — और यहीं से शुरू हुई Flipkart की सफलता की कहानी।

फ्लिपकार्ट के को-फाउंडर बिन्नी बंसल की कहानी –

नाम: बिन्नी बंसल
जन्म: 1983, चंडीगढ़
शिक्षा: IIT, दिल्ली से कंप्यूटर साइंस में इंजीनियरिंग
उपलब्धि: FlipKart के को – फाउंडर
वर्तमान: xto10x के को - फाउंडर और चेयरमैन

कौन है बिन्नी बंसल?

बिन्नी बंसल का जन्म चंडीगढ़ में 1983 में हुआ था। उनके पिता सेना से रिटायर्ड थे और उसके बाद बैंक में मुख्य प्रबंधक हो गए। उनकी मां भी एक सरकारी कर्मचारी थी। बिन्नी की स्कूली शिक्षा चंडीगढ़ में ही हुई और उसके बाद उन्होंने आईआईटी दिल्ली से कंप्यूटर साइंस में इंजीनियरिंग की पढ़ाई की। यहीं उनकी मुलाकात फ्लिपकार्ट के को-फाउंडर सचिन बंसल से और स्नैपडील के को-फाउंडर रोहित बंसल से हुई।

जल्द ही कॉर्पोरेट मजदूरी छोड़ शुरू की कंपनी

साल 2005 में बिन्नी ने आईआईटी दिल्ली से अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद जॉब शुरू की। 2005 में उन्होंने अमेरिकन कंपनी सरनॉफ कॉर्पोरेशन नाम की टेक्नोलॉजी कंसल्टिंग कंपनी में काम किया। इसके बाद बिन्नी ने 2007 में मशहूर ई-कॉमर्स कंपनी अमेज़न को सॉफ्टवेयर इंजीनियर के रूप में जॉइन किया। लेकिन बिन्नी ने 9 महीने में ही वहां से इस्तीफा देकर फ्लिपकार्ट शुरू की।

इस तरह हुई फ्लिपकार्ट की शुरुआत

वर्ष 2007 में जब बिन्नी अमेज़न में जॉब कर रहे थे। उस समय तक भारत में ई-कॉमर्स का ज्यादा चलन नहीं था। लेकिन विकसित देशों में यह पैर पसार रहा था। बिन्नी ने इसे भांप लिया था कि आने वाले समय में भारत में ई-कॉमर्स का बोलबाला होने वाला है। तब उन्होंने अपने दोस्त सचिन बंसल से बात की और अमेज़न से इस्तीफा दे दिया। 

तब दोनों ने 2 लाख 71 हजार रुपये से सितम्बर 2007 में Flipkart की शुरुआत की। शुरुआत में उन्होंने इसे बुक्स बेचने के प्लेटफॉर्म के रूप में शुरू किया। धीरे-धीरे अन्य प्रोडक्ट्स भी बेचना शुरू किया। एक समय भारत में अमेज़न और फ्लिपकार्ट ही मुख्य ई-कॉमर्स कम्पनियां रह गयी थी।

इसलिए छोड़ी फ्लिपकार्ट

2017 में बिन्नी ने ग्रे ऑरेंज और एको के बोर्ड एडवाइजर के रूप में काम शुरू किया। वहीं बिन्नी 2018 तक Flipkart के सीईओ बने रहे। फ्लिपकार्ट के वर्तमान लीडर्स ने इसके लिए बिन्नी का धन्यवाद किया। वहीं कुछ मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार उन पर व्यक्तिगत स्तर पर गलत व्यवहार करने का आरोप लगा, जिसके बाद उन्होंने इस्तीफा दे दिया।

आज बिन्नी अपने खुद के वेंचर xto10x Technologies में चेयरमैन के रूप में काम कर रहे हैं, जिसकी स्थापना उन्होंने 2018 में की थी। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार बिन्नी की नेटवर्थ 1.4 बिलियन डॉलर है। बिन्नी बंसल की यह कहानी असफलता से सफलता की कहानी है। उनके जज़्बे और समर्पण की तारीफ फ्लिपकार्ट का तत्कालीन मैनेजमेंट भी कर चुका है। 2007 में शुरू हुआ फ्लिपकार्ट आज भारत का प्रमुख ई - कॉमर्स प्लेटफॉर्म बन चुका है और इसकी सफलता में बिन्नी का बहुत अहम योगदान है।

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