कोरोना ने व्यापार करने के तरीकों और व्यापार की स्थिति को काफी हद तक बदल कर रख दिया है. ऑनलाइन कारोबार में लॉकडाउन के दौरान पहले से भी ज्यादा भरोसा लोगों के बीच देखा गया है और अब खबर है कि यही भरोसा ऑनलाइन कारोबार को आने वाले कुछ सालों में ऊंचे स्तर पर लेकर जाने वाला है. खबर है कि ग्राहकों के बीच डिजिटल तरीके से सामान खरीदने को लेकर रुचि बढ़ने के साथ ऑनलाइन कारोबार से जुड़े वाणिज्य उद्योग का आकार 2025 तक 188 अरब डॉलर हो जाने का अनुमान है जब्कि पिछले साल यह उद्योग 64 अरब डॉलर का था.

बताते चले कि उद्योग मंडल फिक्की की बुधवार को जारी रिपोर्ट ‘लेन-देन से विश्वास की ओर एक प्रगतिशील बदलाव’ में इस बात को कहा गया है. रिपोर्ट के अनुसार, ‘‘उपभोक्ता अब वैकल्पिक खरीदारी माध्यम के रूप में ऑनलाइन वाणिज्य की ओर रुख नहीं कर रहे हैं. बल्कि यह कई लोगों के लिए खरीदारी का यह प्राथमिक माध्यम बन गया है. यही कारण है कि उद्योग में जोरदार वृद्धि के साथ इसके 2025 तक 188 अरब डॉलर का हो जाने का अनुमान है.

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उपभोक्ता भरोसा शिखर सम्मेलन, 2021 में महामारी के दौर में ग्राहकों के बीच विश्वास बढ़ाने के विषय पर उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए उपभोक्ता मामलों की सचिव लीना नंदन ने कहा कि भरोसा और पारदर्शिता आज जितना महत्वपूर्ण बन गया है, वैसा पहले कभी नहीं था. उन्होंने इस संकट के समय ब्रांड और कंपनियों द्वारा ग्राहकों की जरूरतों को पूरा करने वाले अनुभव प्रदान करने के उपायों के बारे में कहा कि भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) की विभिन्न पहल उद्योग की आवश्यकताओं पर केंद्रित हैं.

सचिव ने यह भी कहा कि, ‘‘उद्योग और बीआईएस के बीच निरंतर बातचीत तथा यह समझने की आवश्यकता है कि गुणवत्तापूर्ण महौल तैयार करने को लेकर वे क्या कर रहे हैं.’’ फिक्की ने नंदन के हवाले से बयान में कहा है, ‘‘हम उपभोक्ताओं को आईएसआई निशान के मानकों और मूल्य के बारे में शिक्षित करने की कोशिश कर रहे हैं और उद्योग सहयोग तथा भागीदारी उपभोक्ताओं के हितों की रक्षा के लिहाज से जरूरी है।’’

गौरतलब है कि वाणिज्य उद्योग के लिए फिक्की का यह अनुमान चौकाने वाला है. आने वाले साल वाणिज्य उद्योग के लिए वाकई आश्चर्यचकित करने वाले साबित हो सकते हैं.