टेक्सटाइल सेक्टर में MSME और छोटे उद्यमियों को समर्थन देने के लिए विशेष मॉडल विकसित करने की तैयारी
वस्त्र मंत्रालय का कार्यभार संभालने के बाद केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने वस्त्र क्षेत्र की योजनाओं और उनकी प्रगति की समीक्षा करने के लिए वस्त्र आयुक्त (मुंबई) के कार्यालय का पहला दौरा किया तथा कार्यान्वयन में तेजी लाने के उपाय सुझाए. इस दौरान उन्होंने वस्त्र आयुक्त का कार्यालय, वस्त्र समिति, भारतीय कपास निगम लिमिटेड, निर्यात संवर्धन परिषदों और वस्त्र अनुसंधान संगठनों द्वारा नियोजित, कार्यान्वित की गई विभिन्न योजनाओं और गतिविधियों की समीक्षा की. एमएसएमई सेक्टर के लिए अब इस राज्य ने दी अच्छी खबर
वस्त्र मंत्री ने बातचीत के दौरान, विभिन्न सरकारी पहलों को लागू करने के उद्देश्य से अनुकूल माहौल बनाने के लिए सरकारी एजेंसियों और स्थानीय निर्वाचित प्रतिनिधियों के बीच बेहतर संपर्क और समन्वय की आवश्यकता पर जोर दिया. उन्होंने कहा कि सब्सिडी प्रदान की जाने वाली योजनाओं के तहत प्राप्त आवेदनों को प्रत्येक योजना के व्यापक उद्देश्य को ध्यान में रखते हुए स्वचालित प्रक्रिया का उपयोग करके पारदर्शी तरीके से निपटाया जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि एक ऐसी आवश्यक व्यवस्था तैयार की जानी चाहिए ताकि उद्योग और विभाग के अपने संपर्कों को समाप्त किया जा सके और प्रक्रिया को स्वतंत्र विवेकाधिकार से मानकीकृत किया जा सके. रिकॉर्ड किए गए कारणों के लिए एमएसएमई के वितरण की विशेष व्यवस्था बनाई जानी चाहिए.
टीयूएफ योजना की प्रगति में तेजी लाने के लिए, उन्होंने सुझाव दिया कि प्रमुख समस्याओं को रेखांकित किया जाए और बैंकों सहित हितधारकों के साथ विचार-विमर्श किया जाए ताकि विवाद के मुद्दों को हमेशा के लिए एक ही बार में हल किया जा सके. उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि उद्योग के लिए वैधानिक रिटर्न जमा करने के प्रारूप को सरल बनाया जा सकता है. उन्होंने वस्त्र आयुक्त और वस्त्र समिति के कार्यालय के कर्मचारियों के तर्कसंगत और अधिकतम उपयोग पर बल दिया.
केंद्रीय वस्त्र मंत्री ने कपास की उत्पादकता बढ़ाने की आवश्यकता और किसानों के कल्याण के लिए कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय के साथ उठाए जाने वाले आवश्यक कदमों पर प्रकाश डाला. भारतीय कपास निगम लिमिटेड, कपास उत्पादक किसानों को मुद्रा ऋण लेने के माध्यम से स्थापित स्टार्ट-अप्स द्वारा कपास तोड़ने की मशीन उपलब्ध कराने की संभावनाओं पर काम करेगा और छोटे किसानों को सहायता प्रदान करने के लिए विशेष मॉडल विकसित करेगा. श्री गोयल ने वस्त्र क्षेत्र में बाल श्रम के उन्मूलन के मुद्दे पर जोर दिया और रणनीतिक योजना बनाने के लिए हितधारकों के साथ बैठक बुलाने का सुझाव दिया.
निर्यात प्रोत्साहन परिषदों की गतिविधियों की समीक्षा करते हुए, वस्त्र मंत्री ने देशोन्मुख विस्तृत व्यापार समझौतों के लिए बड़े स्तर पर उद्योग के पारस्परिक संवाद का सुझाव दिया. इसके अलावा, मंत्री ने उद्योगों की मदद के लिये ऐसे वित्तीय साधनों को विकसित करने को कहा जो सब्सिडी पर केंद्रित न हों और बैंक के जरिये गारंटी के साथ स्थायी ऋण प्रवाह को बनाए रखें.
मंत्री ने भविष्य के हिसाब से मूल्य वर्धित उत्पादों के विकास और इनकी प्रदर्शनी की आवश्यकता पर भी जोर दिया. बैठकों के बाद मीडिया को संबोधित करते हुए मंत्री ने कहा कि वस्त्र क्षेत्र सबसे बड़ा रोजगार प्रदान करने वाला सेक्टर होने के साथ-साथ सबसे बड़ा निर्यातक भी है. उन्होंने कहा कि किसानों की आय दोगुनी करने, युवाओं के लिए रोजगार के अवसर पैदा करने और प्रत्येक भारतीय नागरिक को आत्मनिर्भर और स्वाभिमान भरा जीवन जीने में सक्षम बनाने के माननीय प्रधानमंत्री के दृष्टिकोण को पूरा करने में यह सेक्टर बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है.