नई दिल्ली: कोरोना काल में ऑनलाइन ठगी के मामलों में बढ़ोतरी देखी जा रही है. सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय (एमएसएमई) ने प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम (पीएमईजीपी) के नाम पर होने वाली धोखाधड़ी से उद्यमियों को सतर्क किया है. हाल ही में जारी एक बयान में एमएसएमई मंत्रालय ने बताया कि कुछ ऐसी घटनाओं की सूचनाएं आई हैं जिनमें संभावित उद्यमियों/लाभार्थियों को निजी व्यक्ति या एजेंसियों द्वारा पीएमईजीपी योजना के तहत ऋण की पेशकश की जा रही है, उन्हें ऋण अनुमोदन पत्र सौंपे जा रहे हैं और इसके लिए उनसे पैसे वसूलकर उन्हें धोखा दिया जा रहा है.

एमएसएमई मंत्रालय ने ऐसे असामाजिक तत्वों को अपने नाम पर आम जनता को धोखा देने के खिलाफ चेतावनी दी है और सूचित किया है कि मंत्रालय ने उचित जांच और कार्रवाई के लिए यह मामला पुलिस के समक्ष पहले ही प्रस्तुत कर दिया है.

प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम (Prime Minister Employment Generation Programme) केंद्रीय स्तर की क्रेडिट लिंक्ड सब्सिडी योजना है जिसे देशभर में सूक्ष्म उद्यमों की स्थापना के लिए पहली पीढ़ी के उद्यमियों की मदद के लिए एमएसएमई मंत्रालय ने 2008-09 में लागू किया था. पीएमईजीपी योजना के तहत, आवेदन की प्राप्ति से लेकर स्वीकृति और बैंक द्वारा ऋण जारी करने तक, आवेदन और निधि जारी करने की पूरी प्रक्रिया केवल खादी और ग्रामोद्योग आयोग द्वारा संचालित सरकारी पोर्टल के माध्यम से ही की जा सकती है. इस पोर्टल पर https://www.kviconline.gov.in/pmeepeportal/pmegphome/index.jsp. के जरिए पहुंचा जा सकता है. यह पूरी प्रक्रिया एकदम निशुल्क है.

कोई निजी पक्ष/एजेंसी/बिचौलिया/फ्रेंचाइजी आदि पीएमईजीपी परियोजना का अनुमोदन और प्रोत्साहन करने या पीएमईजीपी योजना के तहत वित्तीय सहयोग प्रदान करने से जुड़ा या अधिकृत नहीं है. किसी निजी व्यक्ति या एजेंसी द्वारा संभावित उद्यमियों/लाभार्थियों को पीएमईजीपी योजना के तहत ऋण पेश करना, ऋण अनुमोदन पत्र सौंपना और उद्यमियों से पैसे वसूलकर धोखा देना पूरी तरह से अवैध और नकली है. अतः ऐसे असामाजिक तत्वों से सावधान रहने की सलाह दी जाती है.