स्पर्श शाह Success Story: दिव्यांगता को मात देकर मात्र 14 साल का यह बच्चा बना सिंगर, देशभर में लहराया अपना परचम

Sparsh Shah Motivational Story: दिव्यांगता को आज भले ही कुछ लोग अभिशाप मानते हैं, लेकिन किसी इंसान के अंदर कुछ करने का जज़्बा हो तो कोई भी काम कठिन नहीं होता। इसी कथन को सत्य कर दिखाया है 14 वर्षीय स्पर्श शाह (Sparsh Shah) ने। बॉडी में 135 फ्रेक्चर होने के बावजूद शारीरिक अक्षमता को दरकिनार कर स्पर्श लोगों को मोटिवेट करने में जुटे हुए है।

मूल रूप से गुजरात के सूरत के निवासी स्पर्श शाह (Sparsh Shah Biography) अब न्यू यॉर्क में रहते हैं, उनके जन्म के बाद माता-पिता को अपने बच्चे को गोद में लेने के लिए करीब 6 महीनों तक इंतजार करना पड़ा था। क्योंकि उनके बच्चे के शरीर में 40 फ्रैक्चर थे, डॉक्टर्स ने यहां तक कह दिया था कि उनका बेटा ज्यादा समय तक जिंदा नहीं रह पायेगा। लेकिन स्पर्श शाह केवल जिंदा ही नहीं है, बल्कि कठिन हालातों को झेलते हुए स्पर्श म्यूजिक इंडस्ट्री में अपना एक अलग ही मुकाम हासिल कर चुके हैं, इसके अलावा तमाम दिव्यांगों के लिए एक प्रेरणा बन चुके हैं.

बता दें कि स्पर्श (Sparsh Shah inspirational speaker)ऑर्टियाजिनेसिस इम्परफेक्टा बीमारी से पीड़ित हैं, जिसमें जोर से हाथ मिलाने से भी हडि्डयां टूट जाती है। स्पर्श के शरीर में अब तक 135 फ्रैक्चर हो चुके हैं और 8-9 सर्जरी हो चुकी हैं. यही वजह है कि उन्हें बिस्तर या वीलचेयर पर रहना पड़ता है. स्पर्श शुरू से ही होनहार थे,उन्होंने महज तीन साल की उम्र से ही की-बोर्ड सीखना और किताबें पढ़ना शुरू कर दिया था. धीरे-धीरे स्पर्श की संगीत में रुचि बढ़ने लगी और रेडियो पर बजने वाले सारे गाने गाने लगा. यही से शुरू हुआ उनका म्यूजिक करियर। स्पर्श के माता - पिता ने उनका हर मोड़ पर साथ दिया और उन्होंने अपने बच्चे के टैलेंट को पहचाना। स्पर्श अब तक 6 देशों में 125 लाइव परफॉर्मेंस दे चुके हैं और कुल 7 सिंगिंग कॉम्पिटिशन जीत चुके हैं. वह यूनाइटेड नेशंस, गूगल, टेडएक्स गेटवे, गोवा फेस्ट, एनबीए के बड़े इवेंट में शो भी कर चुके हैं.

एक इंटरव्यू के दौरान पिता हिरेन शाह ने बताया- जन्म के समय उनके बेटे के शरीर में 40 फ्रैक्चर थे, और लगभग 1 साल तक नाक में ट्यूब लगाकर रखनी पड़ी थी. इसके अलावा तीन साल तक हाथ में पेंसिल नहीं पकड़ पाते थे. ये सब देखकर उनके पिता को काफी ज्यादा तकलीफे भी होती थी, लेकिन आज उनको अपने बेटे पर गर्व हैं, क्योंकि जिस तरह स्पर्श ने अपनी मेहनत के बलबूते आज अपनी एक अलग पहचान बनाई, वो हर किसी के लिए करना आसान नहीं था. वीलचेयर पर रहनेवाले स्पर्श आज लाखों लोगों को जिंदगी जीने की सही राह दिखा रहे हैं.

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