स्वाति भार्गव ने बनाई CashKaro ,जीता रतन टाटा का दिल

Success Story of Cashkaro Co-Founder Swati Bhargava in Hindi.

कैशकरो एप CashKaro की सफलता इस बात से भी समझी जा सकती है

कि साल 2016 में भारत के बिजनेस आइकन रतन टाटा ने भी स्वाति भार्गव की इस एप में इन्वेस्ट किया था। चलिए जानते हैं स्वाति भार्गव की सफलता का ये सफ़र उन्होंने कैसे तय किया।

स्वाति भार्गव पंजाब के अंबाला से हैं, बचपन से ही वो पढ़ाई में काफी अच्छी थी। दसवीं क्लास में वो हरियाणा की टॉपर बनी जिसमें उन्होंने गणित में 100 में से 100 नंबर हासिल किए। इसके बाद उन्होंने स्कॉलरशिप हासिल की और 11वीं, 12वीं की पढ़ाई करने सिंगापुर गईं। उन्होंने लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स से अर्थशास्त्र और गणित जैसे सब्जेक्ट्स के साथ अपना ग्रैजुएशन पूरा किया।

हनीमून के दौरान मिला कंपनी शुरू करने का आइडिया

  • पढ़ाई पूरी करने के बाद स्वाति ने 2005 से 2010 के बीच Goldman Sachs कम्पनी के लिए काम किया, इसी दौरान साल 2009 में स्वाति ने रोहन से शादी भी की। कुछ समय बाद उन्होंने जॉब से हटकर कुछ अलग करने की सोची और अपना खुद का बिजनेस शुरू करने का फैसला किया। शादी के बाद जब स्वाति और रोहन अपने हनीमून पर जा रहे थे तब उन्होंने यूनाइटेड किंगडम में फ्लाइट कैशबैक वेबसाइट से अपनी टिकट्स को बुक किया, जिसकी वजह से उन्हें काफी फायदा हुआ। बस यहीं से उन्हें अपने बिजनेस का आइडिया मिला।
  • इसके बाद स्वाति ने अपने पति रोहन के साथ मिलकर ऐसी ही एक वेबसाइट को शुरू किया जहां लोगों को कैशबैक और कूपन मिलते हैं। सबसे पहले उन्होंने यूके में “Pouring Pounds” नाम की कैशबैक वेबसाइट शुरू की। इसके बाद उन्होंने भारत आकर साल 2013 में इसी तरह की कैशबैक कम्पनी कैशकरो CashKaro को लॉन्च किया। इस कंपनी की शुरुआत उन्होंने सिर्फ 17 एंप्लॉयज के साथ की थी, लेकिन बाद में ये इंडिया की सबसे बड़ी कैशबैक कंपनी बनी जिसमें रतन टाटा ने भी साल 2016 में इन्वेस्ट किया।

देश की सबसे सफल बिजनेस वुमन में शामिल हैं स्वाति भार्गव

  • आज CashKaro के प्लेस्टोर पर 1.8 करोड़ से भी ज्यादा डाउनलोड किए जा चुके हैं, कैशकरो को “बेस्ट एफिलिएटेड अवार्ड” भी मिल चुका है। इसके अलावा अगर स्वाति भार्गव के अचीवमेंट्स की बात करें तो उन्हें 2019 में “फॉर्च्यून 40 अंडर 40” की लिस्ट में शामिल किया जा चुका है। उन्हें “इंडियाज फर्स्ट डिजिटल वुमन” के अवॉर्ड से भी नवाजा जा चुका है। स्वाति की सफलता आज बहुत से युवाओं के लिए प्रेरणा हैं। आपको ये स्टोरी कैसी लगी हमें कॉमेंट्स में बताएं।

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