खेती से लाखों कमाने वाली महिला उषा कोर्राम की प्रेरक कहानी, जिसका जिक्र पीएम मोदी ने लाल किले से किया

Success Story of Usha Korram

आज हमारे देश में महिला सशक्तिकरण की चर्चा चल रही है। कई लोग उन महिलाओं के काम की सराहना कर रहे हैं, जिन्होंने अपने दम पर सफलता पायी है। ऐसी ही एक युवती छत्तीसगढ़ के कोंडागांव से है, उन्होंने अपनी मेहनत और लखपति दीदी योजना की मदद से सफलता हासिल की, जिस योजना का जिक्र पीएम मोदी ने लालकिले से किया है। 

उषा कोर्राम नाम की यह युवती एक बेहद गरीब परिवार से ताल्लुक रखती थीं, जिसके चलते उन्हें अपने दैनिक खर्चों के लिए भी हर दिन कड़ी मशक्कत करनी पड़ती थी। लेकिन आज लखपति दीदी योजना से लाभ लेकर खेती से एक लखपति बन चुकी हैं। छत्तीसगढ़ जनसम्पर्क की आधिकारिक वेबसाइट के अनुसार उषा क्लस्टर फार्मिंग के द्वारा एक सफल व्यवसायी भी बन चुकी है। इस साल 15 अगस्त को लाल किले से प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने भी और 2 करोड़ महिलाओं को लखपति दीदी बनाने का प्रण लिया है। 

उषा ने ना सिर्फ अपनी गरीबी को दूर किया। बल्कि आज वे अपने क्षेत्र की दूसरी महिलाओं को भी प्रेरित कर रही हैं और उन्हें खेती के गुर सीखा रही हैं।

जानिये लखपति दीदी उषा कोर्राम की प्रेरणात्मक कहानी –

कौन हैं ये लखपति दीदी?

लखपति दीदी के नाम से मशहूर उषा कोर्राम छत्तीसगढ़ के कोंडागांव जिले के बादालूर गांव की रहने वाली हैं। छत्तीसगढ़ का कोंडागांव जिला नक्सल प्रभावित क्षेत्र है। उषा इसी इलाके के एक गरीब परिवार से हैं।

उन्होंने स्कूली शिक्षा करने के बाद इतिहास में स्नातक की पढ़ाई की है। उषा के परिवार में 9 सदस्य हैं और बहुत कम कृषि भूमि होने और कोई रोजगार ना होने के कारण इन्हें घर खर्च चलाने में बहुत दिक्कतों का सामना करना पड़ता था।

लखपति दीदी योजना से मिला लाभ

इसी जद्दोजहद से निजात पाने के लिए उषा अपनी माँ और बहनों के साथ खुद का कुछ काम करना चाहती थी। लेकिन, उन्हें इसके लिए सही मार्गदर्शन नहीं मिल रहा। तब उन्हें लखपति दीदी योजना के बारे में जानकारी मिली। उन्होंने इसके बारे में और ज्यादा जानकारी प्राप्त की। इसके बाद में उन्होंने अपने खेत में सब्जी उगाना शुरू किया। इस काम में उषा को प्रशासन के द्वारा खाद बीज और दवाएं मुहैया करवाई गयी और खेती के लिए प्रशिक्षण दिया गया।

सामने आने लगे सुखद परिणाम

इस प्रशिक्षण के द्वारा उषा लगातार अपने खेत में काम कर रही थी। धीरे-धीरे उनकी मेहनत रंग लाने लगी। वे अपने खेतों में उगी सब्जियां नजदीकी बाज़ार में बेचती थी। आज वे प्रतिदिन हजार रुपये सब्जी बेचकर कमा रही हैं। 

इसके अलावा वे आस-पास के जंगलों से महुआ, ईमली आदि को इकठ्ठा करती हैं और इसे बेचकर भी वे 10 से 12 हजार रुपये अतिरिक्त आय कमाती हैं। इन सभी को मिलाकर उन्हें ना सिर्फ अच्छी आय होने लगी, बल्कि वे लखपति दीदी के नाम से मशहूर हुई। 

प्रधानमंत्री ने लाल किले से 2 करोड़ लखपति दीदी बनाने की घोषणा की.

इस साल 15 अगस्त को लाल किले की प्राचीर से प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी देश को सम्बोधित कर रहे थे। उस दौरान प्रधानमंत्री जी ने लखपति दीदी योजना की बात की और वे चाहते हैं कि देश में और भी महिलाओं को लखपति दीदी योजना का लाभ मिले और वे अपने पैरों पर खड़ी हों।

उषा ने लखपति दीदी योजना से ना सिर्फ अपने परिवार की गरीबी को दूर किया। बल्कि अपने आस-पास की महिलाओं को प्रेरित कर रही हैं। आज उषा के क्षेत्र के आसपास की कई महिलाएं उषा से मिलकर खेती की बारीकियां सीख रही हैं।


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