Success Story: ग्रेजुएट होने के बाद नहीं मिली नौकरी तो चाय की दुकान से बनाई अपनी पहचान
अगर आप ज़िन्दगी में कुछ नया करना चाहते हैं तो बेझिझक होकर करिए। कोई भी काम बड़ा या छोटा नहीं होता बस उसे करने का जुनून होना चाहिए। इस बात का प्रत्यक्ष उदाहरण है ग्रेजुएट चाय वाली के नाम से मशहूर प्रियंका गुप्ता। जिन्होंने बीएचयू से ग्रेजुएशन करने के बाद चाय का स्टॉल लगाने का निर्णय लिया। उन्होंने पूरे जोश और जूनुन से दुनिया की परवाह किए बिना चाय का स्टॉल लगाया और सिर्फ कुछ ही दिनों के अंदर अपनी पहचान बनाने में कामयाब हुई। अपने काम के दम पर प्रियंका आज सोशल मीडिया पर छाई हुई हैं। यही नहीं आज वो अपने छोटे से चाय के ठेले को एक बड़ा रूप देने के काम में जुटी हुई हैं। यही कारण है कि लोग उन्हें ग्रेजुएट चाय वाली के नाम से संबोधित कर उनके काम की प्रशंसा करते हैं। तो आइए जानते हैं प्रियंका गुप्ता के जीवन की संघर्ष की कहानी।
- नौकरी नहीं मिलने पर लगाया चाय का ठेला
बिहार के पूर्णिया के बनमनखी की रहने वाली प्रियंका गुप्ता 3 भाई-बहनों में सबसे बड़ी हैं। उन्होंने 2019 में वाराणसी के महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ से अर्थशास्त्र में ग्रेजुएशन करने के बाद कई सालों तक प्रतियोगी परीक्षा के लिए तैयारी की। लेकिन उन्हें कहीं भी सफलता नहीं मिली। अपनी असफलता से घबराने की बजाय उन्होंने कुछ अलग करने की ठानी। बेरोजगारी और सही काम न मिल पाने के कारण उन्होंने खुद का काम करने की ठानी और इसी बीच उन्हें चाय का ठेला लगाने का आइडिया मिला।
- ऐसे मिली चाय का स्टॉल लगाने की प्रेरणा
प्रतियोगी परीक्षा में लगातार असफलता मिलने के बाद भी प्रियंका ने हिम्मत नहीं हारी। उन्होने अपने गांव वापस जाने की बजाय पटना में चाय का ठेला लगा कर आत्मनिर्भर बनने का रास्ता चुना। ऐसा करने की प्रेरणा उन्हें एमबीए चाय वाला को देखकर मिली। जब प्रियंका गुप्ता ने चाय स्टाल खोलने का निर्णय लिया तब उनके घरवालों ने भी इसका जमकर विरोध किया। उन्होंने बिना लोगों के बातों की परवाह किए आत्मनिर्भर भारत की ओर कदम बढ़ाया और पटना के बेली रोड पर अपने चाय का ठेला लगाया। उन्होंने इसे ग्रेजुएट चाय वाली का नाम दिया।
- ऐसे मिली सफलता
केवल सात दिनों के भीतर ही प्रियंका के चाय का स्टॉल सोशल मीडिया के माध्यम से वायरल हो गया। लोग उनकी दुकान पर चाय पीने के लिए जाने लगे। प्रियंका लोगों के इस समर्थन को देखकर अब अपनी दुकान को विस्तार देने की योजना में जुट गई हैं। प्रियंका के जज्बे और लगन को देखते हुए कई लोग मदद करने के लिए आगे आ रहे हैं। अपनी मेहनत और लगन के बदौलत ही प्रियंका चाय के ठेले से फूड ट्रक तक पहुंची है और अब इसे बड़ा करने के लिए योजना बना रही हैं।
आज प्रियंका गुप्ता ग्रेजुएट चाय वाली के नाम से मशहूर हो गई हैं। प्रियंका गुप्ता ने अपनी मेहनत और लगन से यह दिखा दिया है कि कोई भी काम छोटा नहीं होता। अगर किसी काम को पूरे दिल से किया जाए तो सफलता उसमें जरूर मिलती है। प्रियंका आज युवाओं के लिए प्रेरणास्त्रोत हैं।
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