घर बेचकर तीन साल में बनाई 280 करोड़ की कंपनी, जानिए छत्तीसगढ़ के रहने वाले राहुल सिंह की कहानी

Let's know the success story of Rahul Singh who reached from floor to throne.

प्लास्टिक आज के समय में एक प्रमुख समस्या बनी हुई है। 28 जुलाई 2023 को आयी एक रिपोर्ट के अनुसार प्लास्टिक वेस्ट के मिसमैनेजमेंट में भारत दुनिया के देशों में 12वें नंबर पर है। ये 12 देश दुनिया के प्लास्टिक का 52% मिसमैनेजमेंट करते हैं। इस मिसमैनेजमेंट के कारण प्लास्टिक वेस्ट या तो लैंडफील्ड में जाकर लैंड को प्रदूषित करते है या इसके बड़े बड़े कूड़े के पहाड़ बन चुके हैं। 

लेकिन आज के समय में देश के कई युवा ऐसे भी स्टार्टअप शुरू कर रहे हैं, जो किसी ना किसी तरह से प्लास्टिक को हराने का काम कर रहे हैं। ऐसे ही छत्तीसगढ़ के राहुल सिंह ने EcoSoul Home नाम की कंपनी शुरुआत की। यह कंपनी पेड़ के पत्तों और बांस जैसे पदार्थों से इकोफ्रैंडली प्रोडक्ट बना रही है।

आईये राहुल सिंह के बारे में विस्तार से जानते हैं–

जन्मस्थान: भिलाई, छत्तीसगढ़
शिक्षा: बीटेक और ज़ेवियर स्कूल ऑफ मैनेजमेंट, जमशेदपुर से एमबीए
कंपनी: EcoSoul Home
टर्नओवर: 280 करोड़

कौन हैं राहुल सिंह?

राहुल सिंह का जन्म छत्तीसगढ़ के भिलाई में एक मध्यमवर्गीय परिवार में हुआ था। राहुल ने अपने शहर के स्थानीय सरकारी स्कूल से पढ़ाई की। इसके बाद 2005 में सूरत से बीटेक किया और जमशेदपुर के ज़ेवियर स्कूल ऑफ मैनेजमेंट से एमबीए करने के बाद 2008 में राहुल अमरीका चले गए। राहुल ने वहां 2008 से 2019 तक अलग अलग कम्पनियों में काम किया।

ऐसे शुरू की खुद की कंपनी.

राहुल बचपन से ही पर्यावरण और विशेष रूप से प्लास्टिक के बढ़ते यूज़ के बारे में सोचते रहते थे। इसी से उन्हें खुद की एक कंपनी शुरू करने का फैसला लिया, जिसमें वे इकोफ्रैंडली प्रोडक्ट बना सकें। 

इसमें उनका साथ दिया अरविन्द गणेशन ने, राहुल अमेरिका के बोस्टन की प्रसिद्ध ई - कॉमर्स कंपनी वेफेयर में काम करते थे, वहीं उनकी मुलाकात अरविन्द से हुई। तब दोनों ने मिलकर 2020 में वाशिंगटन में EcoSoul Home नाम से कंपनी की शुरुआत की। राहुल ने मई 2021 में भारत में कंपनी को लॉन्च किया।

भारत में धीरे धीरे इनका बिज़नेस बढ़ने लगा, तब 2022 में राहुल परिवार के साथ वापस भारत लौट आये। आज भारत सहित अमेरिका, कनाडा, यूके, जर्मनी आदि कई देशों में इनका बिज़नेस फैला हुआ है और सभी जगह इनकी 150 से ज्यादा मैन्युफैक्चरिंग यूनिट काम कर रही हैं। 

महज 3 सालों में आज कंपनी का कारोबार 280 करोड़ रुपये का हो गया है। भिलाई में जन्मे  राहुल ने अपनी कंपनी के ज़रिये आज तक 1.3 मिलियन टन प्लास्टिक बचाया है और आगे भी पर्यावरण को बचाने के साथ साथ वे अपना बिज़नेस भी बढ़ाते जा रहे हैं।


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