इंजीनियर की नौकरी छोड़ शुरू किया मिट्टी के बर्तन बेचने का काम, आज कर रहे हैं लाखों की कमाई

Leaving the job of an engineer, He started selling traditional pottery, today he is earning lakhs

सफलता उन्हीं को मिलती है जो कुछ नया करने का प्रयास करते हैं। बिना इनोवेशन के आप नई पहचान नहीं बना सकते। इस बात का प्रत्यक्ष उदाहरण हैं अपनी इंजीनियरिंग की नौकरी छोड़कर मिट्टी के बर्तन बनाने का काम करने वाले नीरज शर्मा। जिन्होंने अपना बिज़नेस करने की चाह में अपनी अच्छी-खासी नौकरी को भी छोड़ दिया।

नौकरी छोड़ने पर लोगों ने उन्हें ताने दिए। लेकिन नीरज अपने लक्ष्य से पीछे नहीं हटे। उन्होंने शहर को छोड़कर गांव में रहने का फैसला किया, साथ ही मिट्टी से बर्तन बनाने और बेचने का काम किया। आज नीरज शर्मा अपने इस बिज़नेस से लाखों की कमाई कर रहे हैं। यही नहीं वे अपने गांव में कई लोगों को रोज़गार भी दे रहे हैं। लेकिन नीरज के लिए एक मोटी सैलरी वाली नौकरी छोड़कर अपना बिज़नेस शुरू करना इतना आसान नहीं था। तो आइए जानते हैं उनके जीवन के प्रेरक सफर के बारे में।

शुरू से ही करना चाहते थे कुछ अलग

हरियाणा के एक छोटे से गांव के रहने वाले नीरज शर्मा शुरू से ही पढ़ाई में तेज थे। उनके पिता बिजली विभाग में काम करते थे। उनका एक पुश्तैनी खेत भी था। नीरज का पूरा बचपन गाँव में ही बीता। गांव के ही स्कूल से उन्होंने अपनी शुरूआत की पढ़ाई पूरी की। इसके बाद नीरज साल 2016 में रोहतक इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी करने चले गए। इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी करने के बाद वे गुरुग्राम की एक मल्टीनेशनल कंपनी में नौकरी करने लगे।

अपना काम करने के लिए छोड़ दी नौकरी

शहर में नौकरी करते हुए नीरज को कई तरह की स्वास्थ्य से जुड़ी दिक्क़तों का सामना करना पड़ा। 1 साल काम करने के बाद ही उन्होंने मन बना लिया कि वे गांव मे रहकर अपना काम करेंगे। उनके इस फैसले को सभी ने गलत बताया। उन्हें तरह-तरह के ताने भी दिए गए। तानों से तंग आकर नीरज सरकारी नौकरी की तैयारी करने लगे। लेकिन उनका मन तो अपना काम करने का था। इसलिए उन्होंने अपना काम करने का विचार किया।

ऐसे मिला बिज़नेस आइडिया

नीरज शर्मा गाँव में किसी बिज़नेस की तलाश में थे। उन्हें अंदाज़ा भी नहीं था कि उनके घर में जिन मिट्टी के बर्तनों में खाना बन रहा है,  एक दिन वह उसी का बिज़नेस करेंगे। उनके घर में कई तरह के मिट्टी के बर्तन इस्तेमाल होते थे। कुछ जल्दी टूट जाते और कुछ लम्बे समय तक चलते थे। उन्हें लगता था कि ये बर्तन ज़रूर कोई कारीगर बनाता होगा और यह काफ़ी मुश्किल काम होगा। इस बारे में और जानकारी लेने के लिए वह अपने गाँव के पास की ही एक फैक्ट्री में गए। फैक्ट्री में जाकर उन्होंने देखा कि वहां पर न कोई कुम्हार है और न कोई चाक। वहां तो मोल्ड मशीन से बड़ी आसानी से बर्तन तैयार हो रहे हैं। और इससे प्रभावित हो कर उन्होंने इसी का बिजनेस करने का निर्णय किया।

नई तकनीकों को सीखकर शुरू किया बिज़नेस

नीरज को अपनी पसंद का काम मिल गया था। वे मिट्टी के बर्तन बनाने में जुट गए। शुरुआत में वे मोल्ड और डाई से बर्तन बनाने लगे। उन्होंने देखा कि इस तकनीक से बर्तन बनाने में  कास्टिक सोडा, सोडा सिलिकेट जैसे केमिकल्स का इस्तेमाल किया जाता है, जो हमें नुकसान पहुँचाते हैं। जिसके बाद नीरज ने मोल्ड छोड़कर गाँव के कुम्हारों से बात करना शुरू किया। मशीनों के आ जाने के बाद इन कुम्हारों के पास ज़्यादा काम नहीं था। नीरज ने भी तय कर लिया था कि मिट्टी के बर्तन बोलकर वह केमिकल वाले प्रोडक्ट्स नहीं बेचेंगे। इसलिए उन्होंने कैमिकल वाले बर्तन बनाने का काम बंद कर दिया।

गांव के लोगों को भी दिया रोज़गार

शुरुआत में नीरज ने अपने साथ गांव के दो लोगों को रोज़गार दिया। उन्होंने दो कुम्हारों की मदद से अपने प्रोडक्ट्स को ऑनलाइन बेचना शुरू किया। देखने में उनके बर्तन ज्यादा चमकदार नहीं लगते थे। जिसके कारण ऑनलाइन वेबसाइट पर उन्हें ज्यादा ग्राहक नहीं मिले। लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी। वे अपने बर्तनों को लेकर दिल्ली और गुरुग्राम सहित आस-पास के शहरों में होने वाले ऑर्गेनिक मेलों में शामिल होने लगे। उनके प्राकृतिक रूप से बने इन प्रोडक्ट्स को कई डॉक्टर्स, और प्राकृतिक उपचार से जुड़े लोगों ने खूब पसंद किया। देखते ही देखते उनका बिज़नेस जम गया।

कर रहे हैं लाखों की कमाई

नीरज शर्मा के द्वारा बनाए गए मिट्टी के बर्तन आज केवल गांव में नहीं बल्कि शहरों में भी लोग खूब पसंद कर रहे हैं।  कई लोग शहर से सिर्फ़ उनके मिट्टी के बर्तन लेने आते हैं। अपने यूट्यूब चैनल ‘मिट्टी, आप और मैं’ के ज़रिए वह मिट्टी के बर्तन के फ़ायदे भी लोगों को बताते रहते हैं। वह मिट्टी को भी बहुत ध्यान से चुनते हैं। बर्तन बनाने के लिए वह खेत की मिट्टी का इस्तेमाल नहीं करते बल्कि इन बर्तनों को बनाने के लिए वह राजस्थान और हरियाणा के पहाड़ों की मिट्टी का इस्तेमाल करते हैं। नीरज अपने इस बिज़नेस से हर महीने दो से ढाई लाख रुपये का टर्नओवर भी कमा रहे हैं।


नीरज आज अपने काम से न केवल खुद को एक अच्छे मुकाम पर पहुंचाने में कामयाब हो पाए हैं बल्कि वे कई लोगों को रोज़गार देने में भी कामयाब हुए हैं। आज वे लाखों लोगों के लिए प्रेरणास्त्रोत हैं। उन्होंने अपनी मेहनत और लगन से सफलता की नई कहानी लिखी है।

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