रिक्शा चलाने वाले का बेटा बना सबसे कम उम्र का IAS अधिकारी, जानिये अंसार शेख की संघर्ष से सफलता की कहानी
हर इंसान के जीवन में संघर्ष होता ही है, लेकिन या तो इंसान उन संघर्षों से हार जाता है या उनसे लड़ जाता है, जो इंसान संघर्षों से लड़ जाता है, वो ही इतिहास बनाता है। ऐसा ही कुछ किया है महाराष्ट्र के अंसार शेख ने, अंसार ने 2016 में 21 साल की उम्र में IAS बनकर इतिहास रच दिया है।
अंसार के पिता एक रिक्शा चालक थे, आर्थिक तंगी के कारण कभी अंसार की पढ़ाई छोड़ने की नौबत आ गयी थी। लेकिन पढ़ाई के प्रति अंसार की ललक के कारण यह हो नहीं पाया और आज अंसार सबसे कम उम्र के IAS अधिकारी बन गए हैं।
आज जानिये अंसार की संघर्ष से सफलता तक की कहानी –
जन्म: | 1 जून 1994, मराठवाड़ा, महाराष्ट्र |
पिता: | यूनुस शेख |
माता: | आदिला |
रैंक: | साल 2016 में 361वीं |
वर्तमान पदस्थापना: | ADM, कूचबिहार, पश्चिम बंगाल |
अंसार के पिता थे रिक्शा चालक.
अंसार का जन्म महाराष्ट्र के मराठवाड़ा के जालना गाँव में 1 जून 1994 को हुआ था। उनके पिता यूनुस शेख मराठवाड़ा में ऑटो चलाते हैं, वहीं उनकी माता आदिला खेतों में काम करती है। दोनों की आमदनी मिलकर भी परिवार के लिए पूरी नहीं पड़ती थी, इसी के चलते अंसार के बड़े भाई को 7वीं कक्षा के बाद अपनी पढ़ाई छोड़कर गैराज में काम करना पड़ा।
स्कूल से नाम कटवाने की आ गयी थी नौबत.
परिवार की आर्थिक हालत ठीक नहीं हो रही थी, इसके चलते अंसार के पिता इनका भी नाम स्कूल से कटवाने वाले थे। अंसार बचपन से पढ़ाई में अच्छे थे, इसलिए उनके शिक्षकों ने अंसार के पिता को उनकी पढ़ाई कंटीन्यू करने के लिए मना लिया। अंसार ने अच्छे नम्बरों से 10वीं और 12वीं की पढ़ाई पूरी की और पुणे के फर्ग्युसन कॉलेज से राजनीति विज्ञान में ग्रेजुएशन किया।
बने सबसे कम उम्र के IAS अधिकारी.
परिवार की आर्थिक तंगी के कारण अंसार ने शुरू से ही जीवन में संघर्ष देखा था। उनके माता पिता का अथक परिश्रम करना और उनके भाई का पढ़ाई बीच में छोड़ना, इन संघर्षों ने अंसार को कठिन परिश्रम करने और सफल होने के लिए हमेशा प्रेरित किया। अंसार ने एक साल तक UPSC की तैयारी की और एक साल की मेहनत के उन्होंने 2016 में UPSC पास की।
2016 में जब UPSC का रिजल्ट आया, तो पूरे परिवार में हर्ष छा गया। अंसार ने एक साल की मेहनत में ही 361वीं रैंक हासिल की। उस समय वे 21 साल के थे और वे सबसे कम उम्र के IAS अधिकारी बन गए। आज अंसार प्रेरणा लेनी चाहिए, पश्चिम बंगाल के कूचबिहार में ADM के पद पर पदस्थ हैं।
आज उन युवाओं को अंसार से प्रेरणा लेनी चाहिए, जो जीवन के संघर्षों से हार जाते हैं। अंसार ने यह साबित कर दिया है कि यदि आपमें कुछ कर गुजरने का जज्बा हो तो आप सभी संघर्षों को पारकर सफलता हासिल कर लेते हैं।