UPSC परीक्षा तीसरी रैंक के साथ पास की ,जानिये स्तुति चरण की सफलता की कहानी

Whenever we set a goal, how it can be achieved, IAS Stuti Charan is an example of this, know his inspiring success story.

सपने तो हर कोई देखता है, लेकिन जो उन सपनों को साकार करने के लिए कड़ी मेहनत करता है, वही जीवन में सफल होता है। ऐसा ही सपना IAS स्तुति चरण ने बचपन से ही देखा था। स्तुति के पिता भी एक IAS अफसर हैं, इसलिए स्तुति ने हमेशा से यूपीएससी टॉपर्स की सफलता की कहानियां पढ़ी। जब भी वे ये कहानियां पढ़ती थी, तो उन्हें खुद भी IAS बनने का मोटिवेशन मिलता था।

इसके अलावा स्तुति बचपन से ही समाज की बेहतरी के लिए काम करना चाहती थी। उनके हिसाब से अगर वे IAS अधिकारी बनती हैं, तो वे समाज के लिए और अच्छे से काम कर पाएंगी। इसी से उन्हें और ज्यादा मेहनत करने का मोटिवेशन मिला और उसका परिणाम यह हुआ कि वे तीसरी रैंक के साथ IAS अधिकारी बन गईं।

कौन है स्तुति चरण?

जन्म: 27 अक्टूबर 1985, खारी कलां, जोधपुर
पिता: रामकरण बरेठ
माता: सुमन
Exam Cleared: UPSC 2012, AIR 3rd

  • स्तुति का जन्म जोधपुर के खारी कलां गाँव में राम करण बरेठ के यहाँ 27 अक्टूबर को हुआ था। स्तुति के पिता भी 1974 बैच के IAS अधिकारी हैं और अभी राजस्थान स्टेट वेयरहाउसिंग कॉर्पोरेशन के डिप्टी डायरेक्टर हैं।
  • स्तुति की माता एक हिंदी लेक्चरर हैं। स्तुति ने अपनी स्कूली शिक्षा भीलवाड़ा से कम्पलीट की और जोधपुर से अपना ग्रेजुएशन किया। इसके बाद उन्होंने दिल्ली के IIPM से मैनेजमेंट में पोस्ट ग्रेजुएशन किया है।

बचपन से बनना चाहती थी IAS

  • स्तुति ने बचपन में ही ठान लिया था कि वे अपने पापा की तरह ही एक IAS अधिकारी बनेंगी और समाज के लिए कुछ अच्छा काम करेंगी। अपने ग्रेजुएशन के दौरान ही स्तुति ने UPSC परीक्षा की तैयारी शुरू कर दी थी।
  • 2012 में पहले उनका यूको बैंक में प्रोबेशनरी अधिकारी के रूप में चयन हो चुका था। लेकिन यह नौकरी भी उनके लिए एक पड़ाव ही थी और UPSC परीक्षा उनकी मंजिल थी। इसके 3 महीने बाद स्तुति ने ना सिर्फ UPSC की परीक्षा पास की, बल्कि पूरे भारत में तीसरी रैंक भी हासिल की।
  • स्तुति वर्तमान में गुजरात के छोटा उदयपुर की कलेक्टर हैं। स्तुति का कहना है कि वे बचपन से ही UPSC टॉपर्स की कहानियां पढ़ा करती थी, जिससे उन्हें बहुत ज्यादा मोटिवेशन मिलती थी।
  • स्तुति ने कभी यह नहीं सोचा था कि वे तीसरी रैंक के साथ UPSC की परीक्षा में टॉप करेंगी, लेकिन अब उन्हें लगता है कि उनका सपना पूरा हो चुका है और अब वे समाज के लिए कुछ अच्छा कर सकती हैं।

स्तुति उन सभी लोगों के लिए प्रेरणा हैं जो कोई ना कोई सपना लेकर बड़े होते हैं। ऐसे लोगों को स्तुति से सीखना चाहिए कि कैसे हम कड़ी मेहनत के द्वारा बड़े से बड़े लक्ष्य को प्राप्त कर सकते हैं और जीवन में सफलता प्राप्त कर सकते हैं।

आपको स्तुति चरण की यह प्रेरक कहानी कैसी लगी और आप अपने किस लक्ष्य के लिए काम कर रहे हैं, हमें कमेंट करके अवश्य बताएं।

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