Success Story: कभी पिता लगाते थे फल की दुकान,आज बेटा है टीम इंडिया की शान, जानें Bowler Umran Malik के संघर्ष की कहानी
मुश्किलों से टकराकर ही सफलता का असली मज़ा मिलता है। संघर्ष करने वाला ही असली सफलता की कीमत पहचान सकता है। इस बात का प्रत्यक्ष उदाहरण है अपनी तेज गेंदबाजी से अच्छे-अच्छे बल्लेबाजों के पसीने छुड़ा देने वाले भारतीय टीम के तेज गेंदबाद Umran Malik जिन्होंने IPL में 152.95 की रफ्तार से गेंदबाजी कर सभी को चौंका दिया था। मूल रूप से कश्मीर के रहने वाले उमरान मलिक ने IPL के मैदान में अपनी गेंदबाजी का लोहा मनवाया था। यही कारण है कि आज उनके हुनर को देखते हुए भारतीय क्रिकेट टीम में उनका सेलेक्शन हो गया है। आयरलैंड के खिलाफ डबलिन में उमरान ने रविवार (26 जून) को हार्दिक पांड्या की कप्तानी में डेब्यू किया। जम्मू-कश्मीर के रहने वाले इस तेज गेंदबाज का सफर आसान नहीं रहा। जम्मू में नेट्स प्रेक्टिस से लेकर IPL में दिग्गज बल्लेबाजों के सामने तेज गेंदबाजी से प्रभावित करने वाले उमरान की कहानी काफी रोचक है। उमरान के पिता फल की दुकान लगाते हैं। वो चाहते थे कि बेटा पढ़ लिखकर परिवार का नाम करे, लेकिन बाद में उन्होंने अपनी पत्नी के साथ मिलकर उन्हें पेशेवर क्रिकेटर बनने के लिए प्रेरित किया। तो आइए जानते हैं Umran Malik के जीवन के संघर्ष भरे सफर के बारे में।
पिता लगाते थे फल का ठेला, बेटा बनना चाहता था गेंदबाज
22 नवंबर 1999, श्रीनगर के एक सामान्य परिवार में जन्में Umran Malik का जीवन काफी संघर्षपूर्ण था। उनके पिता फल और सब्जियों की दुकान का काम करते थे। उमरान ने कंक्रीट पिच पर खेलते हुए अपने करियर की शुरुआत की। जब कभी-उमरान रात को टेनिस बॉल से क्रिकेट खेलने के लिए जाते थे तो उनके पिता उनका पीछा करते थे क्योंकि उन्हे यह डर था कि कहीं उनका बेटा किसी गलत रास्ते पर तो नहीं चल रहा है। उन्हें अपने बेटे के अच्छे भविष्य की चिंता थी। इसलिए वो चाहते थे कि उनका बेटा कुछ अच्छा काम करे जिससे परिवार का नाम रौशन हो।
ऐसे मिली क्रिकेटर बनने की प्रेरणा
Umran Malik 2017 तक पेशेवर क्रिकेट के बारे में ज्यादा कुछ नहीं जानते थे। मलिक जम्मू में टेनिस बॉल क्रिकेट के स्टार थे। दोस्त अब्दुल समद ने एक दिन उनकी मुलाकात अपने कोच रंधीर मन्हास से कराई। रंधीर ने जब उमरान को नेट्स पर गेंदबाजी करते हुए देखा तो हैरान रह गए। उमरान उस समय तक किसी तरह की कोई ट्रेनिंग भी नहीं कर रहे थे। मन्हास ने उनसे कहा कि तुम एक दिन भारत के लिए खेल सकते हो। उनके इस कथन के बाद उमरान ने क्रिकेट को गंभीरता से लेना शुरू कर दिया। इसके बाद उमरान ने फिर एक भी दिन ट्रेनिंग करना नहीं छोड़ा।
ऐसे दिया अपने हुनर का परिचय
जब Umran Malik ने जम्मू अंडर-19 क्रिकेट टीम के लिए ट्रायल दिया तो उन्हें जम्मू की जूनियर टीम के लिए चुना गया। Vinoo Mankad Trophy में उमरान को सिर्फ एक ही मैच खेलने का मौका मिला। इसके बाद अंडर-23 ट्रायल्स में किस्मत ने उनका साथ नहीं दिया। 2019-20 रणजी ट्रॉफी सीजन के दौरान जम्मू-कश्मीर को असम के खिलाफ खेलना था। पूर्व भारतीय विकेटकीपर और असम के कोच अजय रात्रा ने नेट्स पर गेंदबाजी के लिए कुछ गेंदबाजों को बुलाया। उनमें Umran Malik भी थे। Umran Malik को असम के बल्लेबाजों के सामने नेट्स पर गेंदबाजी का मौका मिला। उनकी तेजी को देखकर अजय रात्रा हैरान रह गए। अजय रात्रा उमरान की गेंदबाजी से इतने प्रभावित थे कि उन्होंने जम्मू-कश्मीर क्रिकेट एसोसिएशन से इस बारे में बात की। रात्रा ने उमरान को जम्मू-कश्मीर की टीम में लेने की सिफारिश तक की। रात्रा इस बात को लेकर हैरान थे कि इतनी तेजी से गेंदबाजी करने वाला खिलाड़ी राज्य की टीम में नहीं है। रात्रा के बाद उमरान पर भारत के पूर्व स्विंग स्टार इरफान पठान की नजर पड़ी। इरफान भी उनसे काफी प्रभावित नजर आए। सीनियर खिलाड़ियों से तारीफ मिलने पर उमरान की किस्मत बदल गई जिसके बाद उन्हें जम्मू की टीम में शामिल किया गया।
IPL के जरिए ऐसे तय किया भारतीय टीम का सफर
IPL 2021 के लिए सनराइजर्स हैदराबाद की ओर से Umran Malik नेट गेंदबाज के तौर पर शामिल हुए| टीम के नियमित सदस्य टी नटराजन के चोटिल होने के बाद उन्हें टीम में शामिल कर लिया गया। इस बार फ्रेंचाइजी ने रिटेन किया था। IPL डेब्यू में उन्होंने दूसरी बार सबसे तेज गेंदबाजी कर सभी को चौंका दिया था। अपने पहले मैच में सबसे फास्ट बॉल डालने का रिकॉर्ड अभी तक मोहम्मद सिराज के नाम पर था। लेकिन Umran Malik ने 151 के अलावा 150.06 किलोमीटर प्रति घंटे की स्पीड से भी गेंद फेंकी। इसके अलावा उनकी एक गेंद 146.84 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से भी गई। इस तरह डेब्यू मैच में सबसे फास्ट बॉल, सेकेंड सबसे फास्ट बॉल और सिक्स्थ सबसे फास्ट बॉल का रिकॉर्ड Umran Malik के नाम पर दर्ज हो गया। IPL में शानदार प्रदर्शन करने के बाद उमरान को टीम इंडिया में चुना गया। उन्होंने आयरलैंड के खिलाफ भारतीय टीम की ओर से डेब्यू किया।
Umran Malik का परिवार जम्मू में रहता है और उमरान मलिक भारतीय क्रिकेट टीम के बड़े मुकाम तक पहुंच चुके हैं। यह सफर इतना भी आसान नहीं है क्योंकि सालों साल कश्मीर के युवाओं ने इस तरह की सफलता के सिर्फ सपने देखें हैं, जो अब उमरान जैसे युवा पूरे भी कर रहे हैं। Umran Malik ने अपनी मेहनत और हुनर से सभी को यह बता दिया है कि सपने ज़रूर पूरे होतें है बस उन्हें देखने की हिम्मत होनी चाहिए।