बिमल मजुमदार Inspirational Story: कभी 37 रु लेकर आए थे कोलकाता, 5 जगह नौकरी करने के बाद आज खड़ी कर दी करोड़ों की कंपनी

आग में तपकर ही सोना कुंदन बनता है। जिसने कभी मेहनत नहीं की वो कभी सफलता के असली स्वाद को नहीं जान सकता। मेहनत और लगन से काम करने वाले ही सफलता के सच्चे हकदार होते हैं। ऐसे लोगों को एक ना दिन सफलता जरूर मिलती है। परिस्थिति चाहे जैसी भी ये लोग अपनी सफलता को ढूंढ ही लेते हैं। ऐसा ही सफलता की कहानी लिखने वाले शख्स हैं बिमल मजुमदार। जो कभी मात्र 37 रुपये लेकर कोलकाता आए थे और आज वो करोड़ों का कारोबार कर रहे हैं। बिमल मजुमदार ने यह सफलता पांच जगह नौकरी करने के बाद अर्जित की है। आइए जानते हैं उनकी यह कहानी।

बिमल मजुमदार कोलकाता के एक छोटे से गांव में जन्मे थे। उनका परिवार आर्थिक रुप से बहुत कमजोर था। घर में गरीबी के चलते सिर्फ 16 साल की उम्र में उन्हें अपना गांव छोड़ कोलकाता आना पड़ा था। 16 साल की उम्र में बिमल कोलकाता से चावल गांव लाकर बेचा करते थे। इस काम में ज्यादा कमाई नहीं थी। लेकिन मजबूरी के चलते उन्हें यह काम करना पड़ता था। काम करने के कारण बिमल की पढ़ाई भी छूट गई थी। जिसके कारण अक्सर उनके अपने पिता से झगड़े हुआ करते थे। पिता के अनबन से तंग आकर बिमल गुस्से में कोलकाता में अपने एक दोस्त के पास भाग गए थे। वो जब अपने गांव से निकले थे तो उनकी जेब में मात्र 37 रुपये ही थे।

बिमल करीब 2 हफ्ते तक अपने दोस्त के घर पर रुके। आखिरकार उन्हें एक पास की मिठाई की दुकान पर काम मिल गया। बिमल वहां सुबह 7 बजे से रात 2 बजे तक काम करते थे। वो वहीं पास की छत पर बिछीं बोरियों पर ही सो जाया करते थे। कुछ समय बाद बिमल को एक कपड़े की दुकान में काम मिल गया। उन्होंने वहां लगभग 3 सालों तक काम किया। इस बीच उनके एक दोस्त ने उन्हें एक दवाई की फैक्ट्री में काम करने को कहा जहां सिक्योरिटी गार्ड की जरुरत थी। बिमल फिर वहां जॉब करने लग गए कुछ दिन तक वहां काम करने के बाद कंपनी ने उनका ट्रांसफर एक लैदर की फैक्ट्री में कर दिया।

बिमल दिन भर सिक्योरिटी गार्ड की नौकरी करने के बाद रात को लेदर की फैक्ट्री में काम सीखने की कोशिश करते थे। उनकी दोस्ती वहां के मैनेजर से हो गई थी। जिससे उन्हें रात में मशीन वर्क करने की इजाजत मिल गई थी। बिमल दिन में जो काम देखते थे उसे रात में करते थे। उनसे कई बार गलतियां हुई, डांट भी पड़ी लेकिन उन्होंने सीखना नहीं छोड़ा। इसी दौरान उनके पिता का देहांत भी हो गया जिसकी वजह से उन्हें गावं लौटना पड़ा। गांव वापस आकर कुछ दिन बाद उनका एक दोस्त उन्हें मुंबई ले गया। लेकिन बिमल को वहां कोई काम नहीं मिला वो वापस कोलकाता लौट आए और दोस्तों की ममद से एक लेदर गुड्स की कंपनी में काम करने लगे। उनकी दो कंपनियों का अनुभव यहां काम आया। वो नौकरी के साथ-साथ खुद भी ऑर्डर लेने लगे।

बिमल मजूमदार दुकानों पर लेदर पर्स के सैम्पल लेकर जाते थे और जो आर्डर उन्हें मिलता था उसे तैयार करवाकर वापस दुकान तक पहुंचाते थे। इस काम की उन्हें कमीशन मिलती थी और ग्राहकों से भी अच्छी पहचान हो जाती थी। कई बार लोग चोरी का प्रोडक्ट समझ उनका माल नहीं खरीदते थे। ऐसा कई महीनों तक होता रहा। लेकिन बिमल हार मानने वालों में से नहीं थे। एक दिन बिमल खादिम के शोरुम गए। वहां के मालिक से उन्होंने डायरेक्ट बात की। उनकी प्रतिभा और लगन को देखकर उन्हें 2 लाख रुपये का आर्डर मिल गया। बस यही से बिमल की जिंदगी बदल गई।

बिमल ने 2012 में नौकरी छोड़ दी और खुद की 'लेदर जंक्शन' नाम से कंपनी खोल ली। उनकी कंपनी लगातार तरक्की करने लगी। वो साल का 3 करोड़ से भी अधिक का टर्नओवर देने लगी। धीरे-धीरे बिमल मजुमदार ने अपने प्रोडक्ट्स की ऑनलाइन बिक्री भी करनी शुरू कर दी। जूतों को छोड़कर वे लेदर का हर प्रोडक्ट ऑर्डर पर बनाते हैं। आज वो साल के करोड़ों रुपय कमा रहे हैं। लोग उनके प्रोडक्ट्स को खूब पंसद करते हैं।

 

बिमल मजुमदार ने अपनी मेहनत और लगन के दम पर अपनी सफलता की कहानी (Success Story) लिखी है। उनकी यह कहानी सभी के लिए प्रेरणास्त्रोत (Inspiration) है। बिमल का फर्श से अर्श तक का यह सफर हर किसी को प्रेरित (Motivate) करता है। यदि आप भी बिमल मजुमदार की तरह कुछ अलग करना चाहते हैं, यदि आप अपने करियर में सफल होना चाहते हैं एवं खुद का बिज़नेस शुरु करना चाहते हैं तो आप हमारे Problem Solving Couse को ज्वॉइन कर सकते हैं। यहां आपको बिज़नेस से जुड़ी हर जानकारी दी जाएगी। हमारे Problem Solving Course को ज्वाइन करने के लिए इस लिंक https://www.badabusiness.com/psc?ref_code=ArticlesLeads पर क्लिक करें और अधिक जानकारी के लिए हमारी वेबसाइट https://www.badabusiness.com/?ref_code=ArticlesLeads पर Visit  करें।

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