नई दिल्ली: कृषि क्षेत्र में देश को आत्मनिर्भर बनाने के लिए केंद्र सरकार ने सराहनीय काम किया है. इसी क्रम में सरकार ने एग्रीकल्चर सेक्टर से जुड़े 346 स्टार्टअप्स को पहले ट्रेनिंग दी और अब उसे फाइनेंस भी कर रही है. इस बात की जानकारी केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर (Narendra Singh Tomar) ने हाल ही में राज्यसभा में दी है.
संसद में कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने बताया कि सरकार देशभर में किसानों की आय बढ़ाने के लिए कृषि क्षेत्र में स्टार्टअप्स को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से योगदान दे रही है. साथ ही स्टार्टअप्स को चलाने के लिए फाइनेंसिंग भी कर रही है. उन्होंने कहा कि कृषि एवं संबद्ध क्षेत्रों में 346 स्टार्टअपों का चयन किश्तों में 36.72 करोड़ रूपए की राशि का वित्तपोषण करने के लिए किया गया है और पहली किस्त के रूप में 16.01 करोड़ रूपए जारी की गई. ये स्टार्ट-अप देशभर में स्थित विभिन्न कृषि व्यापार इन्क्यूबेटर केंद्रों (अर्थात केपी एवं रबी) में दो महीने के लिए प्रशिक्षित किए गए है.
उन्होंने बताया कि कृषि, सहकारिता एवं किसान कल्याण विभाग (डीएसीएंडएफडब्ल्यू) ने वर्ष 2018-19 में राष्ट्रीय कृषि विकास योजना (आरकेवीवाई-रफ्तार) के तहत “नवाचार एवं कृषि उद्यमिता विकास” नामक एक नए घटक की शुरूआत की है, जिसका उद्देश्य वित्तीय सहायता प्रदान करके नवाचार एवं कृषि उद्यमिता को बढ़ावा देना और इन्क्यूबेशन पारिस्थितिकी का पोषण करना है. किसानों की आय प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से बढ़ाने के अवसर प्रदान करने तथा युवाओं को रोजगार प्रदन करने के लिए स्टार्टअप को प्रोत्साहित किया जा रहा है.
इस संबंध में, विभिन्न राज्यों में, इस कार्यक्रम के सुचारू एवं प्रभावी क्रियान्वयन पर परामर्श देने हेतु डीएसीएडंएफडब्ल्यू द्वारा पांच नॉलेज पार्टनर (केपी) तथा चौबीस कृषि व्यापार इन्क्यूबेटर्स (आर-एबीआई) को नियुक्त किया गया है. इस कार्यक्रम के तहत, आदर्श व पूर्व बीज अवस्था के लिए चयनित एक स्टार्टअप पांच लाख रूपए तक की अधिकतम वित्तीय सहायता के लिए पात्र होगा. बीज अवस्था के लिए चयनित एक स्टार्टअप पच्चीस लाख रुपए तक की अधिकतम वित्तीय सहायात के लिए पात्र होगा.