पुणे स्थित एनर्जी डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी रिपोज एनर्जी ने एक महीने से भी कम समय में 150 से अधिक फ्यूल स्टार्टअप्स रजिस्टर्ड किए हैं. ये स्टार्टअप्स मोबाइल पेट्रोल पंप्स के माध्यम से डीजल की डोर-टू-डोर डिलीवरी करेंगे. कंपनी के एक बयान में कहा गया है, "अर्थव्यवस्था को फिर से खड़ा करने और भारत को आत्मनिर्भर बनाने के लक्ष्य के साथ, रिपोज एनर्जी अपने स्वयं के स्टार्टअप इकोसिस्टम को बनाने के लिए बड़े पैमाने पर काम कर रही है."
इनमें से कुछ स्टार्टअप हैं, पुणे से ईजी डीजल, मुंबई से नुवेरा एनर्जी, बेंगलुरु से ऑरो फ्यूल्स, कोलकाता से एएमए फ्यूल्स, गुवाहाटी से इकोलॉजिकल फ्यूल्स और मिर्जापुर से फ्यूचर फ्यूल सर्विसेज. कंपनी ने कहा कि इसका उद्देश्य अब अपनी सीरीज ए फंडिंग को आगे बढ़ाना है. कार्यक्रम के तहत, कंपनी इन स्टार्टअप्स को पूर्ण इन्फ्रास्ट्रक्चर के साथ रिपोज मोबाइल पेट्रोल पंप (RMPPs) प्रदान करेगी, जो कि 9,000 करोड़ रुपये से अधिक का इन्वेस्टमेंट करने के लिए तैयार है.
रिपोज एनर्जी के को-फाउंडर चेतन वालुज ने कहा कि स्टार्टअप्स के साथ गठजोड़ रेवेन्यू-शेयरिंग के आधार पर होगा. वालुज ने कहा, "नामांकन के समय से ही, रिपोज इन नए स्टार्टअप को मोबाइल पेट्रोल पंपों को और जानने के लिए एंड-टू-एंड सोल्यूशन प्रदान करेगा. इन स्टार्टअप्स को हमारे साथ रजिस्टर किया जाएगा और हमारे ऐप पर फीचर किया जाएगा." वालुज ने आगे कहा, "हम उन्हें आवश्यक बुनियादी ढांचा भी प्रदान करेंगे. इसमें उनकी पूरी ब्रांड पहचान बनाने के लिए एक बैक-एंड टीम शामिल होगी. हम सुनिश्चित करेंगे कि वे सफल हों."
को-फाउंडर अदिति वालुज ने कहा कि आरएमपीपी को चाकन में अपनी IoT सुविधा पर डिजाइन किया गया था और पेट्रोलियम और विस्फोटक सुरक्षा संगठन के मानदंडों का पालन किया गया था. उन्होंने बताया, लॉकडाउन के दौरान, कंपनी ने पूर्व-कोविड दिनों की तुलना में 35-40 फीसदी अधिक बिक्री की. इस प्लेटफॉर्म के माध्यम से दैनिक औसत बिक्री कुल 5 लाख लीटर है. अपनी आधिकारिक वेबसाइट के अनुसार, रिपोज की स्थापना का उदेश्य उन सभी को घर के दरवाजे पर डीजल पहुंचाना है जिनके लिए रिटेल आउटलेट से डीजल खरीदना मुश्किल है.