नई दिल्ली: देश के फुटवियर इंडस्ट्री से जुड़े नियमों में उद्योग एवं आंतरिक व्यापार संवर्द्धन विभाग (डीपीआईआईटी) ने अहम बदलाव किये है. डीपीआईआईटी (DPIIT) ने चमड़े के जूते और चप्पलों के लिए गुणवत्ता नियंत्रण नियम जारी किया है. हालांकि यह नियम निर्यात के लिए बनाये जाने वाले फुटवियर पर लागू नहीं होगा. इस संबंध में वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय (Ministry of Commerce & Industry) ने गजट प्रकाशित (देखने के लिए यहां क्लिक करें) कर दिया है.

डीपीआईआईटी (Department for Promotion of Industry and Internal Trade) ने विभिन्न प्रकार के चमड़े के जूते-चप्पलों (फुटवियर) के गुणवत्ता नियंत्रण नियम बदले है. इनमें दंगों से बचाव के लिए पहने जाने वाले जूते भी शामिल है. इस कदम का उद्देश्य देश में आयात को नियंत्रित करना और देश में खराब गुणवत्ता के उत्पादों के उत्पादन को रोकना है. डीपीआईआईटी का गुणवत्ता नियंत्रण नियम इस प्रकार है-

डीपीआईआईटी की ओर से जारी अधिसूचना में कहा गया है कि चमड़े के जूता-चप्पलों के उत्पादन के लिए निश्चित मानकों का पालन करना होगा. साथ ही इनपर भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) के लाइसेंस के तहत मानक का चिह्न भी लगाना होगा. बीआईएस के निशान के बिना इन उत्पादों का उत्पादन, बिक्री/व्यापार, आयात और भंडारण नहीं किया जा सकेगा.

अधिसूचना में कहा गया है कि बीआईएस इन उत्पादों के प्रमाणन और प्रवर्तन करने वाला प्राधिकरण रहेगा. डीपीआईआईटी ने स्पष्ट किया है कि चमड़े और अन्य सामग्री से बना फुटवियर गुणवत्ता नियंत्रण आदेश उन उत्पादों पर लागू नहीं होगा जिनका उत्पादन निर्यात के उद्देश्य से किया जा रहा है. डीपीआईआईटी के आदेश 27 अक्टूबर से लागू हो गए है.