मुंबई: कोरोना काल में देश के अधिकांश उद्योग-धंधे घाटे में चले गए है. हालांकि बीते चार महीने में डॉलर के मुकाबले भारतीय पैसे (Indian Rupee) की मजबूती से निवेशकों के हौसले थोड़े बढ़ें है. बताया जा रहा है कि घरेलू शेयर बाजार में तेजी से भारतीय करेंसी रुपया मजबूत हुआ है.

मिली जानकारी के मुताबिक अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया बीते चार महीने में करीब पांच फीसदी मजबूत हुआ है. शुक्रवार को लगातार दूसरे दिन डॉलर के मुकाबले रुपये में मामूली बढ़त देखी गई. रुपया पिछले सत्र से 0.75 फीसदी तेजी के साथ 73.33 रुपये प्रति डॉलर पर बना हुआ है. इससे पहले 73.28 रुपये प्रति डॉलर तक उछल आई.

मार्केट के जानकर बताते है कि कोरोना काल में डॉलर के मुकाबले जबरदस्त मजबूती दर्ज करने वाली मुद्राओं में भारतीय रुपया भी शामिल है. बीते चार महीनों में रुपये के मजबूत होने का प्रमुख कारण घरेलू शेयर बाजार में आई तेजी और डॉलर का इन्फ्लो बढ़ना है.

वर्तमान में भारतीय पैसा डॉलर के मुकाबले पांच मार्च के बाद के अपने उच्च स्तर पर है. जबकि घरेलू शेयर बाजार भी बीते छह महीने के शीर्ष पर है. भारत में कोरोना के प्रकोप के शुरू होने से पहले मार्च के पहले सप्ताह में देसी करेंसी 73.04 रुपये प्रति डॉलर के स्तर पर थी.

आंकड़ों पर गौर करें तो कोरोना काल के शुरुआती दिनों में अमेरिकी डॉलर की तुलना में रुपया में कमजोरी आई थी जब रुपया डॉलर के मुकाबले 76.96 रुपये प्रति डॉलर तक फिसला था. उसके बाद से अब तक रुपया करीब पांच फीसदी मजबूत हुआ है.उधर, दुनिया की छह मुद्राओं के मुकाबले डॉलर की ताकत का सूचक डॉलर इंडेक्स भी हरे निशान के साथ कारोबार कर रहा है.