माल एवं सेवा कर (जीएसटी) के तहत रजिस्ट्रेशन कराने वाले बिजनेस अब आधार ऑथेंटिकेशन का विकल्प चुन सकते हैं. ऐसा नहीं होने पर रजिस्ट्रेशन सिर्फ तभी हो सकेगा, जब बिजनेस के स्थान का फिजिकल वेरिफिकेशन कर लिया जाएगा. केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड (CBIC) ने इससे जुड़ा एक नोटिफिकेशन जारी किया है. इसमें कहा गया है कि अब जीएसटी रजिस्ट्रेशन के लिए आवेदक शुक्रवार से आधार संख्या के ऑथेंटिकेशन का विकल्प चुन सकते हैं.

नोटिफिकेशन में कहा गया, "यदि कोई व्यक्ति आधार संख्या का प्रमाणीकरण नहीं कराता है या इसका विकल्प नहीं चुनता है, तो ऐसी स्थिति में जीएसटी पंजीयन संबंधित व्यक्ति की उपस्थिति में बिजनेस स्थल के फिजिकल रूप से वेरिफेकेशन के बाद ही हो सकेगा."

जीएसटी के तहत रजिस्ट्रेशन करने वाला एक करदाता आधार ऑथेंटिकेशन का ऑप्शन चुन सकता है, जिसमें परिसर के फिजिकल वेरिफिकेशन के बिना तीन दिनों के भीतर पंजीकरण की अनुमति दी जाती है. उन्होंने कहा कि दूसरे मामलों में, समयावधि 21 दिन तक हो सकती है और अधिकारी व्यवसाय के स्थान का फिजिकल वेरिफिकेशन या जरूरी दस्तावेजों का विस्तृत रिव्यू कर सकते हैं.

पीडब्ल्यूसी इंडिया में पार्टनर (अप्रत्यक्ष कर) प्रतीक जैन ने कहा कि जीएसटी के तहत रजिस्ट्रेशन करने वाला एक करदाता आधार प्रमाणीकरण का विकल्प चुन सकता है, जिसमें परिसर के भौतिक निरीक्षण के बिना तीन दिनों के भीतर रजिस्ट्रेशन की अनुमति दी जाती है. जैन ने कहा कि आधार को जीएसटी और पैन के साथ जोड़ने से सरकार के पास एक केंद्रीकृत डेटा उपलब्ध होगा जो डेटा एनालिटिक्स की सुविधा देगा और कर चोरी रोकने में मदद करेगा.

एएमआरजी एंड एसोसिएट्स में सीनियर पार्टनर रजत मोहन ने कहा कि आधार संख्या का प्रमाणीकरण जीएसटी पंजीकरण के लिये एक मानक होगा, जिसके अभाव में पंजीकरण व्यवसाय के स्थान के भौतिक सत्यापन के बाद ही किया जाएगा.