GST परिषद की 41वीं बैठक 27 अगस्त को हो सकती है. वीडियो कांफ्रेन्सिंग के जरिये ये मीटिंग होगी. इस बैठक में राज्यों को राजस्व क्षतिपूर्ति देने और इसके लिए राजस्व में कमी को पूरा करने हेतु बाजार से कर्ज उठाने की वैधता पर महान्यायवादी की राय पर विचार होगा. प्राप्त जानकारी के अनुसार माल एवं सेवा कर परिषद की अगले गुरुवार होने वाली मीटिंग का एकमात्र एजेंडा राज्यों पर ही आधारित होगा.

बता दें कि मोदी सकरार ने इसी साल मार्च महीने में अटॉर्नी जनरल के के वेणुगोपाल से क्षतिपूर्ति कोष में कमी को पूरा करने के लिये GST परिषद द्वारा बाजार से कर्ज लेने की वैधता पर राय मांगी थी. क्षतिपूर्ति कोष का गठन लग्जरी और अहितकर वस्तुओं पर अतिरिक्त शुल्क लगाकर किया गया है. किसी भी राज्य को जीएसटी लागू करने से राजस्व में होने वाली किसी भी कमी की भरपाई इसी से की जाती है. कोरोना की मार झेल रहे व्यवसायों से मौजूदा हालात में कर या उपकर की दरों को बढ़ाना व्यवहारिक नहीं है, ऐसे में एक आप्शन ये है कि सभी सूबे अपनी संचित निधि के एवज में बाजार से कर्ज लें.

जीएसटी कानून के तहत राज्यों को माल एवं सेवा कर के क्रियान्वयन से राजस्व में होने वाले किसी भी कमी को पहले पांच साल तक पूरा करने की गारंटी दी गयी है. जीएसटी एक जुलाई, 2017 से लागू हुआ. इससे पहले राज्य ओक्ट्रोई  लिया करते थे. इसके आलावा भी अन्य टैक्स से राज्यों की कमाई होती थी. बता दें कि कमी का आकलन राज्यों के जीएसटी संग्रह में आधार वर्ष 2015-16 के तहत 14 प्रतिशत सालाना वृद्धि को आधार बनाकर किया जाता है.

27 अगस्त के बाद परिषद की पूर्ण बैठक 19 सितंबर को होगी. इसका एजेंडा अभी तय नहीं हुआ है.