फूड प्रोसेसिंग इंडस्ट्री के लिए जारी हुई ‘उत्पादन लिंक्ड प्रोत्साहन योजना’ की गाइडलाइंस

Food Business (Photo: Pixabay)

खाद्य प्रसंस्करण उद्योगों के लिए उत्पादन लिंक्ड प्रोत्साहन योजना की गाइडलाइन सरकार ने जारी कर दी है. खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय की वेबसाइट www.mofpi.nic.in पर इसे देखा जा सकता है. स्कीम में प्रोत्साहन व अनुदान पाने के लिए इच्छुक खाद्य प्रसंस्करण उद्योग विनिर्माताओं से आवेदन आमंत्रित किए जा रहे है. खाद्य प्रसंस्करण उद्योग विनिर्माताओं के लिए ग्लोबल चैम्पियन बनने का यह सुनहरा अवसर है. PLI Scheme: 5 साल में 1.68 लाख करोड़ रुपये के उत्पादन तथा 64 हजार करोड़ रुपये के निर्यात का अनुमान

भारत सरकार ने 10,900 करोड़ रूपए के परिव्यय के साथ वर्ष 2021-22 से वर्ष 2026-27 के दौरान कार्यान्वयन के लिए खाद्य प्रसंस्करण उद्योगों हेतु उत्पादन लिंक्ड प्रोत्साहन योजना नाम से एक नई केंद्रीय क्षेत्र योजना को मंजूरी दी है. केंद्रीय खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर द्वारा स्‍कीम के लिए ऑनलाइन पोर्टल भी शुरू किया गया है. योजना के विस्तृत दिशा-निर्देश मंत्रालय की वेबसाइट www.mofpi.nic.in पर हैं. ऑनलाइन पोर्टल: https://plimofpi.ifciltd.com पर उपलब्‍ध है.

खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय तीन श्रेणियों के आवेदकों से इस योजना के अंतर्गत विदेशों में ब्रांडिंग और मार्केटिंग गतिविधियों को शुरू करने के लिए बिक्री आधारित प्रोत्साहन और अनुदान प्राप्त करने के लिए आवेदन आमंत्रित कर रहा है. आवेदन जमा करने की अंतिम तिथि 17 जून 2021, शाम 5 बजे है:

श्रेणी-I: आवेदक बड़ी संस्थाएं हैं जो बिक्री और निवेश मानदंडों के आधार पर प्रोत्साहन के लिए आवेदन करती हैं. इस श्रेणी के अंतर्गत आवेदक विदेशों में भी ब्रांडिंग व विपणन गतिविधियां शुरू कर सकता है और एक सामान्य आवेदन के साथ योजना के अंतर्गत अनुदान के लिए आवेदन कर सकता है.

श्रेणी-II: एसएमई आवेदकों अभिनव/कार्बनिक उत्पादों का निर्माण जो बिक्री के आधार पर पीएलआई प्रोत्साहन के लिए आवेदन करते हैं.

श्रेणी-III: विदेशों में ब्रांडिंग व विपणन गतिविधियां शुरू करने के लिए केवल अनुदान के लिए आवेदन करने वाले आवेदक.

योजना के उद्देश्य के लिए आवेदक (i) मालिकाना फर्म या पार्टनरशिप फर्म या सीमि‍त दाय‍ित्‍व  भागीदारी (एलएलपी) या भारत में पंजीकृत कम्‍पनी (ii) सहकारी समितियां (iii) एसएमई व योजना के तहत कवरेज के लिए अनुमोदन प्राप्त करने के लिए आवेदन करना.

आवेदक अपनी ओर से आवेदन करने वाली कंपनी व उसकी सहायक कंपनी को भी शामिल कर सकता है, बशर्ते आवेदक कंपनी अपनी सहायक कंपनी या कंपनियों के स्टॉक का 50% से अधिक हिस्सा रखती हो और ऐसी किसी भी सहायक कंपनी या कंपनियों को इस योजना के तहत किसी अन्य आवेदक कंपनी में शामिल नहीं किया जाएया.

इस योजना के अंतर्गत बिक्री आधारित प्रोत्साहन का भुगतान आधार वर्ष से अधिक वृद्धिशील बिक्री पर 2021-22 से 2026-27 तक छह वर्षों के लिए किया जाएगा. वृद्धिशील बिक्री की गणना के लिए आधार वर्ष पहले 4 वर्षों के लिए 2019-20 होगा. वहीं, पांचवें व छठे वर्ष के लिए, आधार वर्ष क्रमशः 2021-22 और 2022-23 होगा. बिक्री में आवेदकों द्वारा निर्मित पात्र खाद्य उत्पादों की बिक्री के साथ-साथ इसकी सहायक कंपनियां व अनुबंध विनिर्माण शामिल होंगे.

आवेदकों को विदेशों में ब्रांडिंग एवं मार्केटिंग पर खर्च के 50% की दर से अनुदान दिया जाएगा, बतौर अधिकतम खाद्य उत्पादों की बिक्री का 3% या 50 करोड़ रुपये प्रति वर्ष या जो भी कम हो. विदेशों में ब्रांडिंग के लिए न्यूनतम खर्च 5 साल की अवधि में 5 करोड़ रुपये होगा.

श्रेणी-1 के अंतर्गत आवेदक का चयन उनकी बिक्री, निर्यात, प्रतिबद्ध निवेश के आधार पर किया जाएगा. इस योजना के अंतर्गत 4 उत्पाद खंड को प्रोत्साहित करने का प्रस्ताव है. बाजरा आधारित खाद्य पदार्थों, प्रसंस्कृत फलों व सब्जियों, समुद्री उत्पादों और मोत्ज़ारेला पनीर सहित रेडी टू कुक/रेडी टू इट (आरटीसी/आरटीई)। कवरेज के लिए शामिल खाद्य उत्पादों और विभिन्न खंडों के तहत अपवर्जित किए गएको दिशा-निर्देशों में सूचीबद्ध किया गया है. चयनित आवेदक को प्रोत्साहन के लिए पात्र बनने के लिए न्यूनतम आवश्यक बिक्री वृद्धि दर मानदंड को पूरा करना होगा.

श्रेणी-2 के अंतर्गत और अभिनव/जैविक उत्पादों के लिए एसएमई आवेदकों का चयन उनके प्रस्ताव, उत्पाद की विशिष्टता व उत्पाद विकास के स्तर आदि के आधार पर किया जाएगा.

विदेशों में ब्रांडिंग और विपणन के लिए श्रेणी-3 के तहत आवेदक का चयन घरेलू व निर्यात बाजारों में उत्पादों के उत्पादन, बिक्री, निर्यात एवं ब्रांडिंग के लिए उनके ब्रांड, रणनीति तथा योजना की मान्यता के स्तर पर आधारित होगा.

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