केनरा बैंक का एकल आधार पर शुद्ध लाभ चालू वित्त वर्ष 2020-21 की अप्रैल-जून तिमाही में 23.5 प्रतिशत बढ़कर 406.24 करोड़ रुपये रहा. इससे पूर्व वित्त वर्ष 2019-20 की इसी तिमाही में बैंक को 329.07 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ हुआ था.

केनरा बैंक में सिंडिकेट बैंक का विलय हुआ है. यह विलय एक अप्रैल 2020 से प्रभाव में आ गया. बैंक ने कहा कि तिमाही परिणाम तुलनीय नहीं है क्योंकि ये विलय से पूर्व अवधि में एकल आधार से संबद्ध है.

हालांकि बैंक का शुद्ध एनपीए चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में घटकर 3.95 प्रतिशत (24,355.23 करोड़ रुपये) रहा जो एक साल पहले 2019-20 की इसी तिमाही में 5.35 प्रतिशत (23,149.62 करोड़ रुपये) था, बैंक का फंसे कर्ज और आकस्मिक व्यय के लिये प्रावधान 2020-21 की पहली तिमाही में बढ़कर 3,826.34 करोड़ रुपये रहा जो एक साल पहले इसी तिमाही में 1,899.13 करोड़ रुपये था.

केनरा बैंक का एकल आधार पर शुद्ध लाभ चालू वित्त वर्ष 2020-21 की अप्रैल-जून तिमाही में 23.5 प्रतिशत बढ़कर 406.24 करोड़ रुपये रहा. इससे पूर्व वित्त वर्ष 2019-20 की इसी तिमाही में बैंक को 329.07 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ हुआ था.

केनरा बैंक में सिंडिकेट बैंक का विलय हुआ है. यह विलय एक अप्रैल 2020 से प्रभाव में आ गया. बैंक ने कहा कि तिमाही परिणाम तुलनीय नहीं है क्योंकि ये विलय से पूर्व अवधि में एकल आधार से संबद्ध है.

हालांकि बैंक का शुद्ध एनपीए चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में घटकर 3.95 प्रतिशत (24,355.23 करोड़ रुपये) रहा जो एक साल पहले 2019-20 की इसी तिमाही में 5.35 प्रतिशत (23,149.62 करोड़ रुपये) था, बैंक का फंसे कर्ज और आकस्मिक व्यय के लिये प्रावधान 2020-21 की पहली तिमाही में बढ़कर 3,826.34 करोड़ रुपये रहा जो एक साल पहले इसी तिमाही में 1,899.13 करोड़ रुपये था.

केनरा बैंक का एकल आधार पर शुद्ध लाभ चालू वित्त वर्ष 2020-21 की अप्रैल-जून तिमाही में 23.5 प्रतिशत बढ़कर 406.24 करोड़ रुपये रहा. इससे पूर्व वित्त वर्ष 2019-20 की इसी तिमाही में बैंक को 329.07 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ हुआ था.

केनरा बैंक में सिंडिकेट बैंक का विलय हुआ है. यह विलय एक अप्रैल 2020 से प्रभाव में आ गया. बैंक ने कहा कि तिमाही परिणाम तुलनीय नहीं है क्योंकि ये विलय से पूर्व अवधि में एकल आधार से संबद्ध है.

हालांकि बैंक का शुद्ध एनपीए चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में घटकर 3.95 प्रतिशत (24,355.23 करोड़ रुपये) रहा जो एक साल पहले 2019-20 की इसी तिमाही में 5.35 प्रतिशत (23,149.62 करोड़ रुपये) था, बैंक का फंसे कर्ज और आकस्मिक व्यय के लिये प्रावधान 2020-21 की पहली तिमाही में बढ़कर 3,826.34 करोड़ रुपये रहा जो एक साल पहले इसी तिमाही में 1,899.13 करोड़ रुपये था.