अभी बोर्ड एग्जाम का समय चल रहा है। कई स्टूडेंट्स अभी एग्जाम दे रहे हैं या उसकी तैयारी कर रहे हैं। एग्जाम के समय और उसके पहले कई स्टूडेंट्स को एग्जाम का डर सताता रहता है।

अच्छे से अच्छे कॉन्फिडेंट स्टूडेंट के मन में भी किसी ना किसी कारण से एग्जाम का डर बना रहता है, यही कारण है कि कई बार स्टूडेंट्स के परीक्षा के दिनों में बीमार होने की खबरें भी मिलती हैं।

क्या स्टूडेंट्स के इस एग्जाम फीवर को किसी भी प्रकार से कम किया जा सकता है?

हाँ! इस एग्जाम फीवर को कम किया जा सकता है। यदि इसके लिए स्टूडेंट्स पहले से ही तैयार हों, तो उन्हें बोर्ड एग्जाम का डर नहीं होगा।

बोर्ड एग्जाम के डर को खत्म करने के कारगर तरीके

  • डर में मत जियो :

    हमारा एजुकेशन सिस्टम ऐसा बना हुआ है, जिसके अनुसार यदि कोई अच्छे नंबर नहीं लाता है, तो उसे असफल माना जाता है। यही कारण है कि हर स्टूडेंट एग्जाम में अच्छे नंबर लाना चाहता है और इसी के चलते सभी के मन में यह डर बना रहता है कि अगर अच्छे नंबर ना आये तो क्या होगा। क्या सिर्फ बोर्ड एग्जाम के नम्बरों के आधार पर हम किसी की स्किल्स का अनुमान लगा सकते हैं? स्टूडेंट्स को और उनके माता पिता को एग्जाम से डरना नहीं चाहिए, बल्कि उसकी अच्छे से तैयारी करना चाहिए।

  • कई संभावनाओं के बारे में सोचें :

    कई लोगों को लगता है कि जिस स्टूडेंट के बोर्ड एग्जाम में 90 प्रतिशत या उससे ज्यादा आते हैं, उनके लिए जीवन में अपार संभावनाएं पैदा हो जाती हैं। मोटिवेशनल स्पीकर और बिज़नेस कोच डॉ. विवेक बिंद्रा का कहना है कि एवरेज स्टूडेंट 95% वाले स्टूडेंट से ज्यादा अच्छा निकलता है। जब कोई स्टूडेंट 60 से 85 प्रतिशत तक लाता है, उसके पास हायर एजुकेशन और अपने करीयर के लिए अपार संभावनाएं खुलती हैं।

  • निरंतर अभ्यास है जरूरी :

    अच्छे नंबर लाने की दौड़ में स्टूडेंट अधिकांशतः एग्जाम के कुछ दिनों पहले ही पढ़ना शुरू करता है। यदि आप अपने एग्जाम फीवर से लड़ना चाहते हैं, तो आपको पहले से ही निरंतर अभ्यास करते रहना होगा। एक बार अर्जुन ने द्रोणाचार्य से अच्छा धनुर्धर बनने के तरीके पूछे, तो द्रोणाचार्य ने एक ही उत्तर दिया - निरंतर अभ्यास। जब आप पूरे साल अपने सिलेबस का निरंतर अभ्यास करते रहते हैं तो एग्जाम के समय में आपके मन में कोई डर नहीं होगा।

  • टीम बनाकर तैयारी करना :

    पूरी क्लास में हर स्टूडेंट किसी ना किसी सब्जेक्ट में अच्छा होता ही है। ऐसे में या तो स्टूडेंट्स आपस में या फिर टीचर्स यह प्रयोग कर सकते हैं। सभी स्टूडेंट्स को 6-6 लोगों की टीम में बाँट दिया जाए, इन सभी  लोगों में सभी स्टूडेंट्स अलग-अलग विषय में अच्छे होने चाहिए। ऐसा करने से स्टूडेंट्स में टीम भावना भी बिल्ड होती है और उनकी सभी सब्जेक्ट्स में अच्छी तैयारी भी हो जायेगी।

  • रटें नहीं, याद करें :

    अधिकांश स्टूडेंट्स एग्जाम पास करने के लिए रटने का काम करते हैं। जब आप कोई चीज रटते हैं, तो उसके भूल जाने की सम्भावना ज्यादा होती है। इसकी जगह यदि आप किसी भी चीज को समझकर याद करते हैं, तो आप उसे भूल नहीं पाएंगे और आपको एग्जाम का डर भी नहीं रहेगा।

हमारे देश में किसी स्टूडेंट को बोर्ड एग्जाम का बोल बोलकर उसके मन में डर बैठा दिया जाता है। उसे पूरे साल याद दिलाया जाता है कि वह बोर्ड एग्जाम देने वाला है, इसलिए उसे अच्छे नंबर लाने होंगे। ऊपर बताये गए तरीके अपनाकर कोई भी स्टूडेंट अपने बोर्ड एग्जाम के डर को हरा सकता है।


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