सोनू सूद Inspiration story: एक फिल्मी हीरो के असल जिंदगी में मसीहा बनने की सफल कहानी

कोरोना महामारी के चलते पूरा जब पूरा देश एक ओर जहां त्रस्त था वहीं एक ऐसा शक्स भी था जिसने ना केवल इस महामारी में लोगों की मदद की बल्कि दूसरों के लिए भी एक मिसाल पेश की है। यह और कोई नहीं प्रवासी मज़दूरों का फरिश्ता कहे जाने वाले सूद है। जिन्होंने अपनी इच्छाशक्ति और दृढ निश्चय  की बदौलत लाखों लोगों की मदद की है। सोनू सूद फिल्मी जगत का एक जाना-पहचाना नाम है। फिल्मों में विलेन का किरदार निभाने वाले सोनू असल जिंदगी में किसी सूपर हीरो से कम नहीं है। अपनी बेहतरीन अदाकारी से लोगों के दिलों में जगह बनाने वाले सोनू सूद आज लोगों के भगवान बन गए हैं। सोनू सूद की सफलता की कहानी (Success story) सभी के लिए प्रेरणा है।

 

एक आम आदमी से हीरो और फिर मसीहा बनने का यह सफर सोनू सूद के लिए इतना आसान नहीं था।  सोनू सूद का जन्म 30 जुलाई 1973 को पंजाब के मोगा जिले में हुआ था। इनका पूरा परिवार आज भी मोगा में रहता है। साल 1999 में पंजाब के छोटे से गांव से निकलकर सोनू सूद ने मुंबई की ओर रुख किया और फिल्मी जगत में प्रवेश किया। सोनू ने लगभग सभी भाषाओं के फिल्मो में काम किया है जिसमें हिन्दी फिल्मों के साथ टॉलीवुड, कन्नड़ इत्यादि क्षेत्रिय भाषायी फिल्मों में भी काम किया है। सोनू को हर जगह सफलता मिली है।

 

सोनू सूद के पिताज शक्ति कपूर सूद एक आन्त्रप्रेन्योर Entrepreneur थे और इनकी मां सरोज एक गृहिणी है। सोनू सूद ने अपनी शुरुआती पढ़ाई मोगा जिले में ही की। इसके बाद वो नागपुर, महाराष्ट्र आए जहां उन्होंने Electronics Engineering में अपनी ग्रेजुएशन की शिक्षा पूरी की और यहीं से उनके फिल्मी सफर की शुरुआत हो गई। पढ़ाई के बाद सोनू सूद विवाह के बंधन में बंध गए। इनकी पत्नी का नाम सोनाली है। सोनू सूद के दो बच्चें हैं।

 

फिल्मी दुनियां में किसी बाहरी के लिए कदम रखना इतना आसान नहीं होता। फिल्मों में सोनू का कोई गॉडफादर नहीं था, इसलिए उन्हें कहीं कोई काम नहीं मिल पा रहा था। वो रोज़ लोकल ट्रेन से सफर तय किया करते थे और उन्हें हमेशा रिजेक्ट कर दिया जाता था। वो हर किसी को अपनी फोटो भेजा करते थे ताकि कोई सेलेक्ट कर ले। लेकिन एक एक दिन अचानक सोनू को दक्षिण भारतीय फिल्म में ऑडिशन देने के लिए बुलाया गया। वहां ऑडिशन में डायरेक्टर प्रोड्यूसर ने उनसे शर्ट उतारने के लिए कहा, इसके बाद उन्होंने शर्ट उतार दी। जिसके बाद उनकी बॉडी की खूब तारीफ हुई और उनको साउथ फिल्म के लिए सेलेक्ट कर लिया गया। सोनू सूद ने अपनी काबिलियत के दम पर आज अपनी पहचान बनाई है। सोनू सूद ने हिन्दी फिल्मों में करियर की शुरुआत फिल्म ” शहीद ए आजम” से की थी जिसमें उन्होंने भगत सिंग के किरदार को निभाया था। उनके दमदार एक्टिगं की बदौलत उनकी पहली फिल्म सुपर हिट रही। जिसके बाद हिन्दी फिल्मों के साथ तमिल और कन्नड़ फिल्मों के भी कई ऑफर आने लगे। सोनू सूद को वैसे तो ज्यादातर फिल्मों में विलेन का किरदार दिया जाता था। लेकिन सोनू सूद विलेन के किरदार को भी इतनी शिद्दत से करते थे कि हीरो से ज्यादा उनके विलेन होने के चर्चे हो जाते थे। इस बात का प्रत्यक्ष उदाहरण है फिल्म दंबग में उनके द्वारा निभाया गया छेदी सिंह का किरदार।

 

सोनू सूद ने कई फिल्मों में हीरो का किरदार भी निभाया था। जिनमें हैप्पी न्यू ईयर, एक विवाह ऐसा भी, रमैया वस्तावैया आदि प्रमुख है। सोनू सूद की अन्य प्रमुख फिल्मों में युवा, चंद्रमुखी, जोधा अकबर, आशिक बनाया आपने, रमैया वस्तावैया, आर राजकुमार, दबंग इत्यादि है।

 

एक हीरो के रुप में खुद को स्थापित करने के बाद जब साल 2020 में पूरी दुनिया कोरोना महामारी से जूझ रही थी। पूरे देश में लॉकडाउन लगा हुआ था। ऐसे में प्रवासी मज़दूरों को उनके घर पहुंचाने के लिए सबसे पहले सोनू सूद निस्वार्थ भाव से आगे आए। लॉकडाउन अचानक लग जाने के कारण कई मज़दूर एवं छात्र जहां थे वहीं फंस गए थे। पूरे देश में रेल, हवाई जहाज एवं सड़क परिवहन बंद होने के कारण वो अपने घर नहीं जा पा रहे थे। सरकार की मदद सभी लोगों तक नहीं पहुंच पा रही थी ऐसे में सोदू सूद आगे आए और मसीहा बनकर सभी फंसे लोगो को घर पहुंचाने का प्रण लिया। सोनू सूद ट्विटर एवं अन्य सोशल मीडिया के जरिए लोगों तक मदद पहुंचाने लगे। जरुरतमंद लोग ट्विटर पर सोनू से मदद मांगते और सोनू बिना देरी किए उनकी मदद के लिए आगे आते। देखते ही देखते सौ से हजार, हजार से लाखों तक मदद मांगने वालों की संख्या पहुंच गई। लेकिन सोनू ने किसी को भी निराश नहीं किया, सभी की मदद की। सोनू के पास आज भी लाखों की संख्या में लोगों के पत्र और संदेश आते हैं। जिनमें मदद मांगने वालों के साथ आशीर्वाद देने वालों की भी जगह होती है।

 

सोनू सूद आज सभी के लिए मसीहा बन गए हैं। हाल ही में उनकी एक किताब ‘मैं मसीहा नहीं हूं’ भी प्रकाशित हुई है। सोनू सूद रील ही नहीं बल्कि रियल लाईफ के भी सच्चे हीरों हैं।

 

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