Success Story: 5 साल की मेहनत के बाद पुजारी के बेटे ने हासिल की केंद्र सरकार की नौकरी, IAS बनने का है लक्ष्य
'कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती ' सोहन लाल द्विवेदी की इस कविता को शब्दश: सही साबित किया है बिहार के रहने वाले रौशन कुमार मिश्रा ने। जिन्होंने 5 साल की कठिन मेहनत के बाद एसएससी की परीक्षा पास की। रौशन अपनी मेहनत और लगन के दम पर अब केंद्र सरकार के लिए काम करने के लिए सेलेक्ट हुए हैं। रौशन को यह सफलता ऐसे ही नहीं मिली, उन्होंने 5 साल तक लगातार 10 घंटे से ज्यादा पढ़ाई की है। रौशन के जीवन में कई बार विपरीत परिस्थितियां आयीं लेकिन उन्होंने कभी विपरीत परिस्थितियों के आगे हार नहीं मानी। बल्कि अपने लक्ष्य को पाने की दिशा में हमेशा काम करते रहे और आज उनकी मेहनत का ही फल है कि उन्होंने इतनी अच्छी नौकरी पाई है। बिहार के एक छोटे से गांव से निकलकर केंद्र सरकार में ये बड़ी नौकरी पाना रौशन के लिए आसान नहीं था। आइए जानते हैं उनके जीवन की प्रेरक कहानी।
बचपन से ही पढ़ाई में थे तेज
बिहार के गया के एक छोटे से गांव में मध्यम परिवार में जन्मे रौशन कुमार मिश्रा बचपन से ही पढ़ाई में काफी तेज़ थे। उनके पिता एक पुजारी हैं और मां गृहणी हैं। उन्होंने शुरुआती शिक्षा आमस हाई स्कूल से पूरी की है। इसके बाद उन्होंने गया कॉलेज से पढ़ाई की जिसके बाद ग्रेजुएशन की पढ़ाई शेरघाटी के एसएमएसजी कॉलेज से पूरी की।
परीक्षा के लिए 5 साल तक की कड़ी तैयारी
कॉलेज की पढ़ाई ख़त्म होने के बाद रौशन कुमार मिश्रा गया जाकर सरकारी नौकरियों की तैयारी करने लगे। उनका यही सपना था कि वो अच्छी नौकरी करें और देश सेवा करें। इसी कड़ी में उन्होंने लगातार 5 साल तक सरकारी नौकरी की तैयारी की। मीडिया रिपोर्ट्स की माने तो वो लगातार 12 से 14 घंटे तक पढ़ाई करते रहते थे। उन्हें न अपने खाने-पीने का होश रहता था न सोने का बल्कि वो घर भी सिर्फ त्यौहारों में ही जाते थे। रौशन की माने तो ऑनलाइन क्लास, ग्रुप डिस्कशन और यूट्यूब के माध्यम से उन्हें काफी फायदा हुआ। उनका बस यही लक्ष्य था कि वो अच्छी नौकरी कर सकें।
एसएससी सीजीएल परीक्षा पास कर गांव का नाम किया रौशन
आखिरकार अपनी कड़ी मेहनत के बाद रौशन कुमार मिश्रा ने एसएससी सीजीएल परीक्षा पास की। रौशन का चयन कैग में ऑडिटर के पद पर हुआ है। उन्होंने स्टाफ सेलेक्शन कमीशन की कंबाइंड ग्रेजुएट लेवल परीक्षा 2020 पास की है। मीडिया रिपोर्ट्स की माने तो उनकी सफलता से पूरा गाँव खुश है। रौशन अपनी सफलता का श्रेय अपने परिवार को देते हैं। कैग ऑडिटर की पोस्ट पर चयनित होने के बाद उनके घर में खुशी का माहौल है। वो कहते हैं कि उनकी उपलब्धि के पीछे उनके परिवार का बड़ा योगदान रहा है। रौशन आगे चलकर आईएएस बनकर समाजसेवा करना चाहते हैं जिसकी तैयारी में वो जुट चुकें हैं।
रौशन कुमार मिश्रा ने अपनी मेहनत से आज अपनी सफलता की कहानी लिखी है। उन्होंने सभी को दिखा दिया है कि मेहनत से किसी भी लक्ष्य को प्राप्त किया जा सकता है। आज वो लाखों लोगों को प्रेरित कर रहे हैं।
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